गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

UNLOCK BHU: धरने के चौथे दिन छात्रों ने बदली रणनीति, आमरण अनशन पर बैठे छात्र नेता आशुतोष कुमार

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं आज रात आठ बजे चलाएंगे #Unlock_BHU हैश टैग का ट्वीटर अभियान। 26 फरवरी को साढ़े चार बजे विश्वनाथ मंदिर से सिंह द्वार तक निकालेंगे स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट मार्च।

वनांचल एक्सप्रेस 

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच फिर ठन गई है। लंका स्थित सिंह द्वार पर पिछले चार दिनों से धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं ने आज अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है। छात्र नेता आशुतोष कुमार आज से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी छात्रों से वार्ता के लिए मौके पर नहीं पहुंचा है। छात्र आज रात आठ बजे विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ #Unlock_BHU हैशटैग ट्वीटर अभियान भी चलाएंगे और  26 फरवरी की शाम साढ़े चार बजे विश्वनाथ मंदिर से सिंह द्वार तक विरोध मार्च निकालेंगे। 

बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

बागपत में मासूम की हत्या के विरोध में बनारस में कुम्हारों ने किया प्रदर्शन, निकाला विरोध मार्च

सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के बिलोचपुरा गांव निवासी कालू राम प्रजापति की सात साल की पोती के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की भी मांग की। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। बागपत के सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र के बिलोचपुरा गांव निवासी कालूराम प्रजापति की सात साल की पोती की निर्मम हत्या के विरोध में कुम्हारों ने मंगलवार को शास्त्री घाट पर प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) के बैनर तले प्रदर्शन किया और जिला मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला। पुलिस ने विरोध मार्च को रास्ते में ही रोक दिया जिसे लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की छड़प भी हुई। बाद में प्रदर्शनकारियों के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा।

सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

BHU को खोलने की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्र, विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता रहा बेनतीजा

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) आज से अंतिम वर्ष के छात्रों और शोधार्थियों के लिए कर रहा ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं आज सुबह नौ बजे लंका स्थित सिंह द्वार पर बड़ी संख्या में धरने पर बैठ गए और उनका धरना देर शाम तक जारी रहा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शाम को डीन ऑफ स्टूडेंट प्रो. एमके सिंह धरना स्थल पर दो बार छात्रों को मनाने पहुंचे लेकिन उनसे उनकी वार्ता बेनतीजा रही।छात्रों ने साफ कर दिया कि वे पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय को खुल जाने के बाद ही धरना खत्म करेंगे। वहीं, छात्रों ने आरोप लगाया कि त्रिवेणी छात्रावास में छात्राओं को कैद कर रखा गया है जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह ने देर शाम विज्ञप्ति जारी कर भारत सरकार के निर्देशानुसार विश्वविद्यालयय को खोलने की बात कही और छात्र-छात्राओं से विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण बनाने की अपील की। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने आज से विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के छात्रों और शोधार्थियों की ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया है।

रविवार, 21 फ़रवरी 2021

गोंडी से हुआ है तमिल और द्रविण भाषाओं का विकासः बृजभान मरावी

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान ने आयोजित किया चौपाल

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान ने रविवार को आराजीलाइन विकास खंड के गहरपुर गांव में आदिवासी चौपाल का आयोजन किया। इसमें " उत्तर प्रदेश की विलुप्त गोंडी, धनगर, कोरवा और थारू आदिवासी जनजाति भाषा बोलीः व्युत्पत्ति एवं उत्पत्ति और संरक्षण के संदर्भ" विषय पर चर्चा हुई। 

बागपत में कुम्हार की सात साल की बेटी की चाकू घोंपकर हत्या, दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

बागपत के  बिलोचपुरा गांव में शनिवार को कुम्हार की सात साल की बेटी की चाकू घोंपकर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्या के बाद बच्ची के शव को गन्ने के खेत में छिपाकर दिया गया था जिसे ग्रामीणों ने रात में करीब 11 बजे बरामद किया। परिजनों ने दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या का आरोप लगाया है। 

शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

पूर्वांचल के किसानों की होगी महापंचायत, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी होंगे शामिल

गाजीपुर के नंदगंज में संयुक्त किसान मोर्चा की हुई बैठक। मोदी सरकार के विवादित तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ मार्च में पूर्वांचल के किसान करेंगे महापंचायत। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

गाजीपुर। भाजपा की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के विवादित तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पूर्वांचल के किसान भी लामबंद होने लगे हैं। मार्च के तीसरे सप्ताह में पूर्वांचल के किसान भी सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज कर सकते हैं। नंदगंज में पूर्वांचल के किसानों ने पिछले दो दिनों से किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा की। संयुक्त किसान मोर्चा की इस दो दिवसीय बैठक में किसान नेताओं ने क्षेत्रीय स्तर पर किसान महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी- रविंद्र प्रकाश भारतीय

उन्नाव की घटना के विरोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालयों के छात्र समूह बीएचयू बहुजन ने मधुबन पार्क में किया प्रदर्शन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों ने सूबे की बेटियों को प्रताड़ना, वंचना, उत्पीड़न एवं शोषण का पर्याय बना दिया है जो बेहद घृणित और दुःखद है। ऐसा लगता है कि सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी। पूरे उत्तर प्रदेश में हत्या और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधियों में कोई खौफ नहीं है। वे जब चाहते हैं, तब महिलाओं और बेटियों का रेप कर देते हैं और उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सूबे में फिर से मंदिरों की देवदासी प्रथा लागू करने पर उतारू है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

संतराम बी.ए. सरीखे महापुरुषों को अपना रोल मॉडल चुने कुम्हार समुदायः डॉ. वरदानी प्रजापति

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (PS4) और प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालयी विद्यार्थी समूह (PIUS Group) ने जात-पात तोड़क मंडल के संस्थापक महान समाज सुधारक संतराम बी.ए. के 135वीं जयंती के मौके पर संयुक्त रूप से आयोजित की 'संतराम बी.ए. की दृष्टि में जाति, धर्म, संस्कृति और भारतीय समाज’ विषयक संगोष्ठी और दो दिवसीय कार्यशाला। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के समकालीन प्रखर विद्वान संतराम बी.ए. द्वारा लिखित आत्मकथा 'मेरे जीवन के अनुभव' का हुआ विमोचन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो  

वाराणसी। किसी भी समाज की स्थिति और दशा उस समाज का रोल मॉडल तय करता है। शिल्पकार कहे जाने वाली जातियों के पिछड़ने का मुख्य कारण यही है कि उन्होंने अपना रोल मॉडल काल्पनिक चुन लिया। रोल मॉडल काल्पनिक नहीं, समाज और इतिहास का सच्चा पुरुष होना चाहिए। कुम्हार समुदाय महान समाज सुधारक और जात-पात तोड़क मंडल के संस्थापक संतराम बी.ए. जैसे महापुरुषों को अपना रोल मॉडल चुने। तभी वास्तविक रूप में कुम्हार समुदाय का विकास हो पाएगा। 

शनिवार, 6 फ़रवरी 2021

उत्पीड़न और हमलों के खिलाफ पत्रकारों ने बनारस में दिया धरना, रखा उपवास

काशी पत्रकार संघ, वाराणसी प्रेस क्लब, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन, ग्रामीण पत्रकार संघ, इंडियन एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट, विधिक पत्रकार संघ आदि संगठनों के संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हुआ प्रदर्शन। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ विभिन्न पत्रकार संगठनों समेत पत्रकारों ने आज शास्त्री घाट पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया और उपवास रखा। पत्रकारों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर पत्रकारों पर हमले नहीं रुके तो वे आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और उसे लागू करने की मांग की।

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया को मिली जमानत

रोहिणी की अदालत ने दिल्ली पुलिस के तर्कों को किया खारिज। एक जमानतदार और 25000 रुपेय के निजी मुचलके पर शर्तों के साथ मिली जमानत।    

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

दिल्‍ली के सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी की शाम पुलिस द्वारा उठाये गये दो पत्रकारों में से बाद में गिरफ्तार किये गये एक पत्रकार मनदीप पुनिया को आज रोहिणी की अदालत से ज़मानत दे दी गयी है। ज़मानत के लिए एक बेल बॉन्‍ड और 25000 का निजी मुचलका भरवाया गया है।

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

पूर्वांचल में भी बढ़ी किसान आंदोलन की रफ्तार, भासंमो 5 फरवरी को 5000 गांवों में लगाएगा चौपाल

भागीदारी संकल्प मोर्चा (भासंमो )के संयोजक और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने किया ऐलान...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अब पूर्वांचल में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं। पूर्वांचल में मजबूत पकड़ रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और भागीदारी संकल्प मोर्चा (भासंमो) के संयोजक ओम प्रकाश राजभर ने आगामी 5 फरवरी को 5000 गांवों में किसान आंदोलन के समर्थन में चौपाल लगाने की घोषणा की है।

रविवार, 31 जनवरी 2021

किसान आंदोलन को कवर कर रहे दो पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने उठाया, CPJ ने जारी किया अलर्ट

कारवां और जनपथ के लिए बतौर स्वतंत्र पत्रकार काम कर रहे मंदीप पुनिया पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज लेकिन उनकी लोकेशन का पता नहीं। ऑनलाइन न्यूज इंडिया के पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को भी दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में। 

वनांचल एक्सप्रसे ब्यूरो

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लगातार कवर कर रहे दो पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने शनिवार की शाम को उठा लिया। खबर लिखे जाने तक उनकी लोकेशन का पता नहीं चल पाया था। पत्रकारों को उठाए जाने के बाबत अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी 'कमेटी टु प्रोटेक्‍ट जर्नलिस्‍ट्स (सीपीजे)' ने शनिवार की देर रात अलर्ट जारी किया। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, ओम थानवी समेत संयुक्त किसान मोर्चा ने जल्द से जल्द पत्रकार मंदीप पुनिया को रिहा करने की मांग दिल्ली पुलिस से की है। 

शनिवार, 30 जनवरी 2021

शिक्षक ने अहीर-कुम्हार-पासी समुदाय की छात्राओं से की छेड़खानी, FIR के 6 दिनों बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी

मड़ियाहूं स्थित स्वामी विवेकानंद इंटर मीडिएट कॉलेज की छात्राओं ने शिक्षक गोरखनाथ सिंह पर लगाया छेड़खानी और मारपीट करने का आरोप। कक्षा-12 में पढ़ने वाली छात्राओं से तहरीर में लिखवाया गया बालिग।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

जौनपुर। मड़ियाहूं स्थित स्वामी विवेकानंद इंटर मीडिएट कॉलेज की चार छात्राओं ने शिक्षक गोरखनाथ सिंह पर छेड़खानी और मारपीट करने का आरोप लगाया है। छात्राओं ने गत 25 जनवरी को मड़ियाहूं कोतवाली में आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई लेकिन आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। इससे पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों में दहशत का माहौल है। वे अब मीडिया और अन्य समाजसेवियों से बात करने से भी कतरा रहे हैं। पीड़ित छात्राओं को भी वे किसी से बात करने नहीं दे रहे हैं। वहीं, पुलिस की एफआईआर में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं के बालिग होने का जिक्र किया गया है। 

शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

FIR और NOTICE से हटे नहीं, डटे हैं टिकैत, आंदोलन के समर्थन में लाखों किसानों ने दिल्ली किया कूच

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया गेट समेत दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस की एफआईआर और योगी सरकार का नोटिस से भी भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत धरना स्थल से नहीं हटे। गाजीपुर बॉर्डर पर धरनारत किसानों में खौफ पैदा करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मार्च भी किया लेकिन राकेश टिकैत और उनके समर्थन में बैठे किसानों के मनोबल को वे तोड़ नहीं सके। मीडिया से बातचीत के दौरान भावुकता में जैसे ही राकेश टिकैत के आंसू गिरे, वैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के किसान उनके समर्थन में रात में ही गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली की ओर कूच कर गए। रात में ही किसानों ने जिंद में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। आधी रात तक हजारों की संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए और अब वे मोदी सरकार के नये तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद ही घर लौटने की घोषणा करने लगे। 

गुरुवार, 28 जनवरी 2021

गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा में 37 नेताओं पर नामजद FIR, 1 फरवरी का संसद मार्च स्थगित

दिल्ली में किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज की है जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल, राजिंदर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर सिंह उग्राहां आदि का नाम शामिल। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई मारपीट और हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 22 एफआईआर दर्ज की है जिसमें 37 नेताओं के नाम शामिल हैं। इनमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल, राजिंदर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, योगेद्र यादव, मेधा पाटेकर आदि के नाम भी हैं। पुलिस ने मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है और 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने लाल किले के एक पोल पर धार्मिक झंडा फहराने वाले और भाजपा सांसद सन्नी देयोल के करीबी दीप सिद्धू का नाम काफी जद्दोजहद के बाद एफआईआर में शामिल कर लिया है लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। किसान नेताओं ने बुधवार की प्रेस कांफ्रेस में दीप सिद्धू की कार्रवाई को केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की साजिश करार दिया। साथ ही किसान संगठनों ने आगामी 1 फरवरी को दिल्ली में होने वाले संसद मार्च के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ दीप सिद्धू की तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसे लेकर कई प्रकार के सवाल खड़ा हो रहे हैं। 

मंगलवार, 26 जनवरी 2021

BHU के छात्रों ने दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में निकाला मार्च

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो।

वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुआई वाली केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में मार्च निकाला। भगत सिंह छात्र मोर्चा (BCM) के बैनर तले निकले इस मार्च में मोदी सरकार के विवादित तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई। 

ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज, तोड़फोड़ और हिंसा के बीच एक किसान की मौत

गणतंत्र दिवस के मौके पर निकला किसानों का ट्रैक्टर मार्च दोपहर में हिंसक हो उठा जिसमें दो किसानों के मौत हो  गई.....

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को तेज करते हुए आंदोलनरत किसानों ने आज दिल्ली के विभिन्न इलाकों में ट्रैक्टर मार्च निकाला जो दोपहर में हिंसक हो उठा। इसमें एक किसान की मौत हो गई। इसकी मौत गोली लगने से होना बताया जा रहा है। कथित किसानों को एक झुंड कुछ समय के लिए लाल किला भी पहुंचा और वहां उन्होंने अपना धार्मिक झंडा फहराने की कोशिश की। वहीं, दिल्ली के मुबरका चौक के पास पुलिस ने बेरिकडिंग कर किसानों के मार्च को रोकने की कोशिश की। किसानों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई। किसानों के जबरन आगे बढ़ने पर पुलिस ने आंसू-गैस के गोले भी दागे लेकिन ये गोले उनके हौसले नहीं तोड़ पाए। 

किसान ट्रैक्टर मार्च से डरी योगी सरकार, बनारस में 6500 ट्रैक्टर मालिकों को नोटिस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र समेत वाराणसी के थाना प्रभारियों ने ट्रैक्टर मालिक किसानों को गणतंत्र दिवस के मौके पर सड़क पर ट्रैक्टर संचालित करने से किया पाबंद। जिला प्रशासन के मुताबिक वाराणसी में 9800 ट्रैक्टर। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नीत भाजपा की केंद्र सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन से डरी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सूबे में किसानों के ट्रैक्टर संचालन पर पाबंदी लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र समेत वाराणसी में थाना प्रभारियों ने सोमवार को 6500 से ज्यादा किसानों और ट्रैक्टर मालिकों को नोटिस जारी कर गणतंत्र दिवस पर सड़क पर टैक्टर संचालित नहीं करने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने किसानों को चेतावनी दी है कि अगर ट्रैक्टर सड़क पर चलता पाया गया तो वाहन और वाहन स्वामी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

रविवार, 24 जनवरी 2021

कुल्हड़ देने से मना करने पर थानेदार ने कुम्हार को पीटा! फिर किया चालान

भट्टी गांव निवासी शत्रुघन प्रजापति ने लोहता थाना प्रभारी पर लगाया आरोप। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। थाने में कुल्हड़ देने से मना करने पर लोहता थानेदार और पुलिसकर्मियों ने शुक्रवार को एक कुम्हार की जमकर पिटाई कर दी। पीड़ित कुम्हार का आरोप है कि पुलिस ने रात भर उसे थाने में बैठाए रखा और पीटा। फिर अगले दिन पुलिस ने उसका शांतिभंग में चालान कर दिया। पुलिस हिरासत से छूटने के बाद पीड़ित कुम्हार ने रविवार की सुबह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को फोन कर अपनी आप बीती सुनाई और उनसे न्याय की गुहाई लगाई। वहीं शाम को लोहता थाने की पुलिस पीड़ित के घर धमक पड़ी। मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो पुलिस ने परिजनों को धमकाया और मामले में आगे कोई भी कार्रवाई करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी। पुलिस की धमकी से पीड़ित और उसका परिवार इतना डर गए हैं कि अब वे मीडिया से भी बात करने से कतरा रहे हैं।

रविवार, 10 जनवरी 2021

यूपी में धान न खरीदे जाने से नाराज किसान ने खाया जहर, दूसरे ने फूंक दिया धान

मिर्जापुर और सोनभद्र में सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान खरीद में मनमानी से परेशान थे दोनों किसान। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का चक्कर लगाने के बाद भी नहीं हुई किसान के धान की खरीद।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

त्तर प्रदेश में धान की सरकारी खरीद में किसानों को राहत देने का भाजपा सरकार का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। शनिवार को मिर्जापुर में धान न खरीदे जाने से नाराज एक युवा किसान ने जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की जबकि सोनभद्र में आठ दिनों से धान न खरीदे जाने से नाराज किसान ने सहकारी समिति परिसर में ही अपना धान फूंक दिया। किसान का आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे भद्दी-भद्दी गालियां दी और गुंडा बताकर जेल भेजने की धमकी दी।  

शुक्रवार, 8 जनवरी 2021

WhatsApp की नई पॉलिसी से फेसबुक से शेयर हो जाएगी आपकी जानकारी, जानें क्या हैं खतरे

व्हाट्सएप अब आपका स्टेटस पढ़ने जा रहा है। वॉट्सएप आपकी लोकेशन भी एक्सेस करेगा। अब अगर आप फोटो, वीडियो फॉरवर्ड करते हैं तो वे वॉट्सएप के सर्वर पर अधिक समय तक स्टोर रहेंगे। एन्ड टू एन्ड इन्क्रिप्शन वाली बात अब खत्म ही समझिए...

written by गिरीश मालवीय 

मंगलवार शाम से WhatsApp ने भारतीय व्हाट्सएप यूजर्स को अपनी टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर अपडेट भेजना शुरू किया है। वॉट्सऐप ने यूजर्स को नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए 8 फरवरी 2021 तक का समय दिया है। तब तक पॉलिसी को यूजर्स को स्वीकार करना होगा, वरना अकाउंट डिलीट करना होगा। 

चंदौली में दलित युवक की हत्या, सपा विधायक की अगुआई में ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

बलुआ थाना क्षेत्र के पलिया गांव में मिला शव। चहनियां विकास खंड के सेक्टर-2 से जिला पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था मृतक मुंशी सोनकर। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

चंदौली। बलुआ थाना क्षेत्र के पलिया गांव में गुरुवार की देर रात मुंशी सोनकर नामक सत्ताईस वर्षीय दलित युवक की हत्या कर दी गई। हत्यारे गांव के मैदान में उसका शव फेंककर फरार हो गए। पुलिस को जांच में सिर में चोट के निशान, गला दबाकर हत्या और कार से कुचलने के प्रयास जैसे सुबूत मिले हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय विधायक प्रभुनारायण यादव की अगुआई में सपाइयों ने गंगा नदी पर बने बलुआ पुल मार्ग को जाम कर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया। 

सोमवार, 4 जनवरी 2021

उत्पीड़न, उपेक्षा और भागीदारी से नाराज कुम्हारों ने वाराणसी में किया मंथन, चुनावों में सामुहिक ताकत दिखाने का लिया संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर कुम्हार समुदाय के चुनिंदा बुद्धिजीवियों, सामाजिक चिंतकों और राजनेताओं की बैठक। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। मैनपुरी में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाने समेत उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के लोगों पर हो रहे हमलों में सरकारी उपेक्षा और उन पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों की खामोशी से नाराज पूर्वांचल के कुम्हारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों के दौरान दो वैचारिक बैठकें कीं। इनमें उन्होंने सरकार और सरकारी तंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मंथन किया। साथ ही उन्होंने आगामी चुनावों में संगठित होकर अपनी ताकत का अहसास सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों समेत विपक्षी पार्टियों को दिखाने का संकल्प लिया। 

पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती पर उठा महिलाओं से भेदभाव का मुद्दा

कार्यक्रम में बोलते प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में छात्रों और शिक्षकों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्र आयोजन समिति और एससी-एसटी-ओबीसी-एमटी संघर्ष समिति ने संयुक्त रूप से मनाया देश की पहली महिला शिक्षिका का 190वां जन्मदिन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। देश की पहली महिला शिक्षिका के रूप में चर्चित सावित्रि बाई फुले की जयंती के मौके पर रविवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के प्रो. एचएन त्रिपाठी सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने समाज में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति और उनके साथ होने वाले भेदभाव का मुद्दा उठाया। साथ ही उन्होंने महिलाओं की संस्थागत शिक्षा की पहल करने वाली पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले और उनके पति ज्योतिबा फुले के संघर्षों को याद किया।

सोमवार, 21 दिसंबर 2020

OBC आरक्षण की अनदेखी पर NCBC आज करेगा दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा, UGC अध्यक्ष और सचिव भी तलब

आयोग ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव को भी मौजूद रहने का दिया आदेश। दिल्ली विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण और उनके अधिकारों के हनन को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को मिली थीं शिकायतें। 21 दिसंबर को सुबह 11 बजे से होगा आयोग के पूर्ण बेंच का दौरा।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण और उनके अधिकारों की अनदेखी को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) आज दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा करेगा। आयोग ने इस दौरान भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष और सचिव को भी मौजूद रहने का निर्देश दिया है। आयोग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) डॉ. एम.एम. चटोपाध्याय ने विश्वविद्यालय के कुलपति समेत उन्हें पत्र लिखकर सूचित किया है। 

शनिवार, 19 दिसंबर 2020

मोदी सरकार ने IB में OBC और ST की सीटों पर डाला डाका, OBC को 123 पदों और ST को 29 पदों का नुकसान

पूर्व भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाली केंद्रीय खुफिया विभाग (IB) में असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) के पदों पर SC-ST-OBC को केवल 45 फीसदी पदों पर ही दिया आरक्षण। वर्ष 2016 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समूह ग और घ की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने के ऐलान के बाद भी केंद्रीय खुफिया विभाग की समूह 'ग' के पदों की भर्ती प्रक्रिया में 100 अंक का साक्षात्कार शामिल। 

reported by Shiv Das Prajapati

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नीत भाजपा की अगुआई वाली मोदी सरकार द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भारत सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पूर्व भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एससी, एसटी और ओबीसी के संवैधानिक आरक्षण को 49.5 प्रतिशत की जगह 45 फीसदी तक सीमित कर दिया है। इससे केंद्रीय खुफिया विभाग (IB) में विज्ञापित असिस्टेंट सेंट्रल इंटेलिजेंस ऑफिसर (ग्रेड-III) पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 123 पदों और अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) को 29 पदों का नुकसान हुआ है।  इतना ही नहीं, समूह 'ग' वाली नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में 100 अंक का साक्षात्कार रखकर अनारक्षित वर्ग के 989 पदों पर अधिक से अधिक सवर्णों को भर्ती करने का रास्ता साफ कर लिया गया है।  

बुधवार, 16 दिसंबर 2020

किसान आंदोलन के समर्थन में बाबा राम सिंह ने की खुदकुशी

मौके पर मिले सुसाइड नोट में लिखा- यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में करनाल स्थित गुरुद्वारा के ग्रंथी बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है। उन्होंने पंजाबी भाषा में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा है- यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है। 

BHU-IMS के चिकित्सकों ने दूरबीन विधि से फियोक्रोमोसाइटोमा ट्यूमर का किया सफल ऑपरेशन

शल्य चिकित्सा विभाग के प्रो. विवेक श्रीवास्तव और उनकी टीम ने किया ऑपरेशन....

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के चिकित्सकों ने दूरबीन विधि से फियोक्रोमोसाइटोमा ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया है। उनका दावा है कि यह अपनी तरह की पहली एडवांस लैपरोस्कोपिक सर्जरी है। ऐसे मामलों में ट्यूमर दाहिनी किडनी के ऊपर और आईवीसी नस के समीप होता है। इससे ब्लड प्रेशर में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसलिए इसका ऑपरेशन करना बहुत ही जटील होता है। 

मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

खेती में विदेशी कंपनियों और कॉर्पोरेट की लूट बढ़ा रही सरकार: AIKSCC

फोटो साभारः फेसबुक सोशल मीडिया
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने सरकारी गतिविधियों और बयानों पर स्पष्ट की स्थिति। समिति के वर्किंग ग्रुप ने कहा- सरकार ऐसे लोगों से दिखावटी व भटकाने वाली वार्ता कर रही है, जो न तो संघर्षरत किसानों के प्रतिनिधि हैं, न उनकी मांग के पक्ष में हैं...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने कहा है कि सरकार खेती में विदेशी कंपनियों और कॉर्पोरेट की लूट बढ़ा रही है। सरकार देश में विकसित हो रहे ऐसे क्षेत्रों को कॉर्पोरेट तथा विदेशी निवेशकों के हवाले कर रही है। सरकार के तीनों कानूनों से किसानों की आमदनी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। किसानों के कर्ज बढ़ेंगे और उनकी जमीन छिनेंगी जबकि कारपोरेट की आय में बढ़ोत्तरी होगी। इसलिए समिति तीन कानूनों के रद्दीकरण की मांग कर रही है। 

मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ बनारस में किसानों, छात्रों और समाजसेवियों ने किया प्रदर्शन

ज्वाइंट एक्शन कमेटी, समाजवादी जनपरिषद, उत्तर प्रदेश किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, सर्व सेवा संघ, मनरेगा मजदूर यूनियन, महिला चेतना समिति आदि ने दिल्ली में धरनारत किसानों की मांगों को दिया समर्थन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भाजपा की अगुआई वाली केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों समेत छात्रों और समाजसेवियों ने सोमवार को विभिन्न इलाकों में जमकर प्रदर्शन किया और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही उन्होंने दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में लोगों से अपने घरों से बाहर निकलकर समर्थन देने का आह्वान किया।

ग्राम प्रधान ने नहीं सुनी फरियाद तो ग्रामीणों ने खुद बना लिया खड़ंजे का रास्ता

हर परिवार पर 100 रुपये के चंदे से इकट्ठा किए खड़ंजे की लागत, श्रमदान कर ग्रामीणों ने लिखा इतिहास। गांव की जातिगत राजनीति में फंसा था बदहाल करीब 100 मीटर रास्ते का निर्माण।  

reported by अच्छेलाल प्रजापति

मऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कल्पनाथ राय के कार्यों से पहचाने जाने वाले मऊ जनपद में देवखरी गांव के ग्राम प्रधान की उपेक्षा से परेशान ग्रामीणों ने पिछले दिनों आपसी चंदे और श्रमदान से करीब 100 मीटर लंबे रास्ते पर खड़ंजा बिछाकर खुद ही अपनी मुश्किलें हल करने की पहल की। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर उनके इस कार्यों की चर्चा आस-पास के गांवों में बड़े पैमाने पर हो रही है। लोग ग्राम प्रधान की दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों पर उसका हवाला देकर सवाल खड़ा कर रहे हैं।    

शनिवार, 12 दिसंबर 2020

BHU: रात में गुंडागर्दी के बाद दिन में झुका विश्वविद्यालय प्रशासन, सोमवार से खुलेगी सेंट्रल लाइब्रेरी

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने छात्रों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना कुलपति से वार्ता के बाद समाप्त। धरनारत छात्रों का दावा- 14 दिसंबर से केंद्रीय पुस्तकालय और साइबर लाइब्रेरी को 300 छात्र-छात्राओं के लिए खोलने पर बनी सहमति। सेमेस्टर परीक्षाओं के खत्म होने के बाद छात्रावासों को खोलने पर भी बनी सहमति। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के तहत खोलने की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने विश्वविद्यालय के छात्रों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार की शाम कुलपति से वार्ता के बाद समाप्त हो गया। वार्ता में शामिल धरनारत छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सोमवार से 300 छात्र-छात्राओं के लिए केंद्रीय पुस्तकाल और साइबर लाइब्रेरी खोलने के लिए तैयार हो गया है। साथ ही 50 छात्र-छात्राओं के लिए सिटी डेलीगेसी भी खुलेगा। हालांकि छात्रावासों और विश्वविद्यालय को पठन-पाठन के लिए खोलने पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। 

बुधवार, 9 दिसंबर 2020

किसान आंदोलनः मोदी सरकार के हठ ने ली 4 किसानों की जान, पंजाब के मुख्यमंत्री ने 5-5 लाख रुपये देने का किया ऐलान

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली मोदी सरकार के हठ से किसान आंदोलन में अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं! इनमें से चार किसान थे। वहीं, पंजाब की कांग्रेस सरकार के मुखिया अमरिन्दर सिंह ने मृतक किसानों के परिजनों को पांच-पाच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। पढ़िए जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की यह रिपोर्टः

किसान आंदोलन में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से चार मौतें बहादुरगढ़ में धरने पर बैठे किसानों की हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनमें तीन किसानों की मौत बीमार होने से हुई हैं जबकि किसानों का ट्रैक्टर ठीक करने आए एक ट्रैक्टर मकैनिक की मौत उसकी स्वीफ्ट कार में आग लगने से हो गई थी। 

मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

BHU-VC और छात्रों के बीच फिर ठनी, छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने के तीसरे दिन हॉस्टल खाली कराने की कोशिश नाकाम

BHU-VC आवास के सामने धरना देते छात्र
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दर्जनों छात्र कुलपति आवास के सामने पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन दे रहे धरना। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय, पुस्तकालय और हॉस्टल खोलने की कर रहे मांग। छात्रों का आरोप- पुलिस प्रशासन और अराजक तत्वों के बल पर विश्वविद्यालय प्रशासन धरना खत्म कराने की कर रहा कोशिश।    

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। कोरोना वायरस (COVID-19) से उपजे हालात और लॉक-डाउन से प्रभावित शैक्षिक प्रक्रिया से चिंतित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों और कुलपति के बीच फिर ठन गई है। पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर दर्जनों छात्र पिछले चार दिनों से कुलपति आवास के सामने धरना दे रहे हैं लेकिन कुलपति ने उनसे मिलने या वार्ता करने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके उलट विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को बिड़ला 'ए' छात्रावास में रह रहे करीब 50 छात्रों से कमरा खाली कराने की नाकाम कोशिश की। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से नाराज छात्रों ने मार्च निकाला और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का साफ कहना था कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावासों में रह रहे छात्रों को उनके कमरों से बाहर निकालने की कोशिश की तो वे चुप नहीं बैठेंगे। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के तहत पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को तुरंत खोले जाने की मांग की।

रविवार, 6 दिसंबर 2020

जातिगत भेदभाव के आरोपों के साथ BHU में मनी डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि

भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित के.एन. उडुप्पा सभागार में संगोष्ठी का हुआ आयोजन। वक्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर लगाया जाति आधार पर भेदभाव करने का आरोप। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित के.एन. उडुप्पा सभागार में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के छात्रों एवं शिक्षकों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर जाति के आधार पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। 

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

BHU में जातिगत भेदभाव को लेकर छात्रों और नागरिकों ने किया प्रदर्शन

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी के रूप में चयनित डॉ. मुकेश कुमार मालवीय समेत एससी, एसटी और ओबीसी के साथ होने वाले भेदभाव पर आंदोलन की चेतावनी।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों और अभ्यर्थियों के साथ हो रहे जातिगत भेदभाव के खिलाफ छात्रों और नागरिकों ने बृहस्पतिवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी एवं उसी संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार मालवीय का साक्षात्कार कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर एससी, एसटी, ओबीसी के खिलाफ जातिगत भेदभाव नहीं रुका तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। 

बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

BHU में फिर दिखा सवर्णों का जातिवाद, प्रोफेसर पद पर OBC के गोल्ड मेडलिस्ट योग्य अभ्यर्थी का साक्षात्कार लेने से किया इंकार

विश्वविद्यालय प्रशासन ने ओबीसी कैटगरी के पद पर एकल योग्य उम्मीदवार का साक्षात्कार नहीं लेने के विवादित नियम का दिया हवाला। 

reported by Shiv Das

आज बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बगिया में मेरे साथ अन्याय हो रहा है। पढ़ाई लिखाई में हमेशा गोल्ड मेडल लाया। एलएलबी, एलएलएम, एमफिल, सभी में अव्वल रहा। 25 पुस्तकें लिखीं, 500 से ज्यादा पेपर लिखे, 500 से अधिक पेपर पढ़ा। 100 अवार्ड पाया। मेरे गुरुजन, मेरे साथी, मेरे सहयोगी सभी मेरी काबलियत से वाकिफ हैं।...बीएचयू में प्रोफेसर का इश्तहार पढ़कर मैंने भी फॉर्म डाला। 31.10.2020 को मुझे इंटरव्यू देना था। न मालूम किस की नजर लगी। मेरे नाम को आज हटा दिया गया। पहले बुलाया, बाद में अपने से हटा दिया गया। ये किसी योग्यता प्राप्त व्यक्ति के साथ होना एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है। मैं ओबीसी हूं। ...आज चंद लोंगो की भेदभाव भरी अनीति से मेरी योग्यता का अंतिम संस्कार हो गया।

बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

RTI: सोनभद्र के BSA डॉ. गोरखनाथ पटेल पर 25 हजार का जुर्माना, तीन माह में जमा करनी होगी धनराशि

उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के रजिस्ट्रार ने जुर्माना की वसूली के लिए सोनभद्र के जिलाधिकारी और कोषाधिकारी समेत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को भी लिखा पत्र। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकासखंड के तिनताली गांव निवासी शिव दास प्रजापति ने राज्य सूचना आयोग में की थी अपील। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त और कागज पर संचालित ग्रामोदय शिशु विद्या मंदिर के बारे में छह बिन्दुओं पर जुलाई 2016 में मांगी थी सूचना। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

त्तर प्रदेश सूचना आयोग ने सोनभद्र के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. गोरखनाथ पटेल पर 25000 रुपये का जुर्माना (अर्थदंड) लगाया है। आयोग के रजिस्ट्रार ने सोनभद्र के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिलाधिकारी और कोषाधिकारी समेत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर तीन माह के अंदर उनके वेतन से अर्थदंड की वसूली कर संबंधित लेखा में जमाकर करने का आदेश दिया है।

सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

भागीदारी और उपेक्षा से नाराज बनारसी कुम्हारों का ऐलान, चुनावों में दिखाएंगे सामुहिक ताकत

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) के स्थापना दिवस पर विभिन्न कुम्हार संगठनों ने की सामुहिक बैठक। बिहार विधानसभा चुनाव में कुम्हार समुदाय के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं मिलने पर जताई नाराजगी।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाली उत्तर प्रदेश सरकार समेत विभिन्न राजनीति पार्टियों की उपेक्षा से नाराज कुम्हार समुदाय के लोगों ने रविवार को वाराणसी के मीरापुर-बसही में बैठक की। इसमें समुदाय के बीच कार्य करने वाले विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों समेत समाज के प्रभावशाली लोग शामिल हुए। सभी ने कुम्हार समुदाय को संगठित कर आगामी चुनावों में अपनी ताकत दिखाने का सामुहिक निर्णय लिया। साथ ही उन्होंने आगामी पंचायत चुनावों में इसका प्रयोग कर आगामी रणनीति पर काम करने की चर्चा की।

रविवार, 11 अक्तूबर 2020

भाषाई प्रोपेगैंडा में छिपी RSS की राजनीति और उसका अंतिम विकल्प

अब संघ के लिए हिंदुओं के उस वर्ग को हटाना आसान हो गया जो संघ की नफरत में उसके साथ नहीं है। अब संघ वामपंथी कहकर "हिंदुओं" को भी साफ कर सकता है और आपको ये भी लगेगा कि संघ हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहा है। इस प्रोपेगैंडा का प्रतिफल ये निकला है कि संघ के समर्थक आपको ये कहते हुए मिल जाएंगे कि "हिंदुओं के असली दुश्मन तो हिंदुओं का पढ़ा लिखा वर्ग ही है", "इस देश को सबसे अधिक खतरा तो 'ज्यादा' पढ़े लिखे लोगों से है"...

written by श्याम मीरा सिंह

संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या RSS) का हमेशा से एक गूढ़ उद्देश्य रहा है कि उसको कथित ऊंची जातियों की, उसमें भी ऊंची जातियों के सक्षम पूंजीपतियों की, सत्ता स्थापित करनी थी। इसके लिए उसके पास "हिन्दू धर्म" का चोगा ही अंतिम विकल्प था। चूंकि लोकतंत्र में सीधे एक दो जाति की श्रेष्ठता का दावा करके विजयी नहीं हुआ जा सकता था, इसलिए अपनी जातियों को आगे बढ़ाने के लिए उस धर्म को चुना गया जिसमें उन्हें शीर्ष पर रहने की वैधता मिली हुई थी। यही कारण है कि संघ ने सीधे जाति से न लड़कर धर्म का रास्ता चुना। अब धर्म के राज की स्थापना के लिए जरूरी है कि "सेक्युलरिज्म" जैसे शब्द को अप्रसांगिक किया जाए। यही कारण है कि संघ की विचारधारा मानने वालों ने सबसे अधिक निशाना बनाया तो सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) शब्द को। 

शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

जाति और धर्म की मूसलाधार जहरीली जड़ों में लिखी जा रही 'दुष्कर्म' की परिभाषा

मीडिया और सम्पूर्ण भारतीय समाज ने बिना जातीय प्रभाव के तीनों घटनाओं (दिल्ली, हैदराबाद और पालघर) की कड़ी आलोचना की लेकिन हाथरस की घटना में स्थितियां उलट गईं। अब यहां आरोपी सवर्ण और पीड़ित दलित है। अब उसी समाज के लोग, जो उपर्युक्त घटनाओं में तत्काल गोली मारने और फांसी देने की मांग सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर कर रहे थे, इस घटना में न्यायिक जांच कराकर दोषियों को सजा की मांग कर रहे हैं। निश्चय ही जांच होकर ही दोषियों को सजा होनी चाहिए लेकिन क्या यहां इसलिए जांच होनी चाहिए कि आरोपी सवर्ण हैं और पीड़ित दलित? 

written by अच्छे लाल प्रजापति

त्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बूलगढ़ी गांव निवासी दलित परिवार की लड़की गुड़िया (बदला हुआ नाम) के साथ कथित दुष्कर्म की घटना सुर्खियों में है। गत 14 सितम्बर को घटना घटित हुई। इसके बाद उसे थाने ले जाना, अलीगढ़ अस्पताल में भर्ती कराना, उपचार में विलम्ब होना, आठ दिन बाद लड़की का बयान दर्ज कराना, हालत बिगड़ने पर दिल्ली रेफर करना और दो दिन बाद 29 सितंबर को उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाना, परिवार के सदस्यों की अनुमति के बिना आधी रात को ही शव का अंतिम संस्कार कर देना कई सवाल खड़े करता है। फिर पुलिसकर्मियों द्वारा मीडियाकर्मियों, राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों के लोगों को बूलगढ़ी जाकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने से रोकना भी जिला प्रशासन की मंशा को संदेह के घेरे में लाता है। आरोप-प्रत्यारोप के बारे में आपसे बहुत कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है। हमारी चिन्ता इस बात को लेकर है कि जिस प्रकार से एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में जातीय सक्रियता उफान पर है, यह बहुत ही भयावह तस्वीर प्रस्तुत कर रही है।

बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

OBC पदों की भर्ती में BHU ने की नियमों की अनदेखी, शिक्षक समेत छात्रों ने दर्ज कराया विरोध

विश्वविद्यालय के कुलपति समेत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को लिखा पत्र। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दर्शन एवं धर्म विभाग में प्रोफेसर पद पर दावेदारी करने वाले एकल योग्य अभ्यर्थी को "BHU Ordinance-11.A.(1)" का हवाला देकर साक्षात्कार लेने से कर दिया इंकार। धर्मागम विभाग में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एकल योग्य उम्मीदवार का साक्षात्कार भी लिया... 

 वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

ससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के विरोधी सवर्ण प्रभुत्व वाले संगठन के रूप में चर्चित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रभाव वाला काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित पदों पर चेहेतों की भर्ती के लिए जमकर नियमों की अनदेखी कर रहा है। विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों और छात्रों के आरोपों की मानें तो विश्वविद्यालय में पिछले छह सालों के दौरान नियमों की अनदेखी कर सैकड़ों फर्जी नियुक्तियां कर दी गई हैं। ऐसा ही एक मामला संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (SVDV) संकाय के धर्मागम विभाग और कला संकाय के दर्शन एवं धर्म विभाग में सामने आया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दर्शन एवं धर्म विभाग में प्रोफेसर पद पर दावेदारी करने वाले एकल योग्य अभ्यर्थी को "BHU Ordinance-11.A.(1)" का हवाला देकर साक्षात्कार लेने से इंकार कर दिया है। वहीं, विश्वविद्यालय ने धर्मागम विभाग में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर एकल योग्य उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए गत 20 सितंबर को बुलाया था।

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

बिहार विधानसभा चुनावः भाजपा के भंवरजाल में फंसे नीतीश कुमार

कुछ ऐसी दशाएं भी आ सकती हैं कि आरजेडी और जेडीयू मिलकर सरकार बना लें। वहीं बिहार में अपना जनाधार खो चुकी आरजेडी को पिछले विधान सभा चुनाव में 80 सीटें प्राप्त करना संजीवनी के समान रहा। यदि जनता ने जेडीयू की विफलताओं का सेहरा भाजपा पर बांधकर मतदान किया तो इसमें कोई संदेह नहीं की कि आरजेडी बिहार में सरकार बनाएगी। नीतीश कुमार विपक्ष में भी बैठने लायक भी नहीं रहेंगे। आज भाजपा के जाल में फंसे नीतीश कुमार ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां से बाहर निकलने के आसार कम ही दिखाई देते हैं...

written by अच्छे लाल प्रजापति

बिहार में चुनाव नजदीक है। सभी पार्टियां गणित बैठाने में लगी हैं। आरजेडी महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी तो भाजपा और जेडीयू मिलकर उसे मात देने की कोशिश करेंगे। भाजपा और जेडीयू में सीटों का बंटवारा भी हो चुका है। भाजपा 121 सीटों पर और जेडीयू 122 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। इसी एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही लोजपा भाजपा के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार थी लेकिन जेडीयू के साथ नहीं। अब लोजपा प्रमुख राम बिलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने घोषणा की है कि वह अब स्वतंत्र चुनाव लड़ेंगे। 

रविवार, 20 सितंबर 2020

अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर विशेषः COVID-19 से उपजी वैश्विक महामारी में दम तोड़ती संयुक्त राष्ट्र संघ की 'थीम'

दुनिया में धुव्रीकरण अशांति का निमंत्रण है। जब-जब शक्ति का ध्रुवीकरण हुआ है, दुनिया में संघर्ष और अशांति बढ़ी है। चाहे प्रथम विश्व युद्ध रहा हो या किसी दो पड़ोसी देशों का युद्ध या भारत जैसे देश में जातीय संरचना में किसी जाति के अंदर सामाजिक शक्ति का ध्रुवीकरण। सभी ने युद्ध, अशांति, शोषण, आदि को बढ़ावा दिया है। आज भी ध्रुवीकरण जारी है। स्थापित महाशक्ति को नवोदित महाशक्ति चुनौती दे रही है। क्या संयुक्त राष्ट्र संघ की “Shaping Peace Together” वाली अवधारणा अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हो पाएगी?

written by अच्छे लाल प्रजापति

ज 21 सितंबर है। दुनिया भर में आज 'अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस' मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 'चौबीस घंटे अहिंसा और संघर्ष विराम के माध्यम से शांति के आदर्शों की प्राप्ति हेतु' इसे घोषित किया है। आज से करीब 40 साल पहले 1981 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाने का निर्णय लिया था और 2001 तक 'विश्व शांति दिवस' के लिए सितंबर महीने का तीसरा मंगलवार तय किया जाता रहा। लेकिन, 2002 में इसके लिए 21 सितम्बर का दिन निर्धारित किया गया। आज विश्व कोरोना वायरस COVID-19 से उपजी वैश्विक महामारी के संकट से जूझ रहा है। इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल मानव ही मानव का दुश्मन नहीं है। हम आपस में जिसके लिए लड़ रहे हैं, उसे एक छोटा सा वायरस कभी भी हमसे छीन सकता है। हमारा स्वास्थ्य, हमारी सुरक्षा, हमारा जीवन सभी खतरे में है।

शनिवार, 19 सितंबर 2020

मण्डुवाडीह नहीं, अब 'बनारस' रेलवे स्टेशन कहिए जनाब! रेलवे ने जारी किया 'BSBS' कोड

वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक एके लारी ने सोशल मीडिया पर पांच साल पहले शुरू किया था अभियान। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय शहर वाराणसी स्थित 'मण्डुवाडीह' रेलवे स्टेशन का नाम अब अधिकारिक रूप से 'बनारस' रेलवे स्टेशन हो गया है। भारतीय रेल सम्मेलन के प्रधान सचिव एवं माल डिब्बा विनिमय के निदेशक अजय कुमार नौलखा ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक को पत्र लिखकर इसकी स्वीकृति दे दी। 

गुरुवार, 17 सितंबर 2020

PHOTOS: बेरोजगारी और निजीकरण के खिलाफ फूंटा युवाओं का गुस्सा, 'राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस' के रूप में मना प्रधानमंत्री का जन्मदिन

देश भर में बेरोजगार छात्रों और युवाओं ने भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ किया प्रदर्शन।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

रोजगार और निजीकरण के मुद्दे को लेकर बेरोजगारों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बेरोजगारों ने बृहस्पतिवार को मोदी सरकार के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) को 'राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस' के रूप में मनाया। लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, सोनभद्र आदि शहरों में छात्रों और युवाओं ने विभिन्न बैनर तले भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया।

शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

BHU ने एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चेहेतों की भर्ती के लिए UGC के रेगुलेशन को किया दरकिनार, आरक्षित वर्गों के शिक्षकों ने किया विरोध

विश्वविद्यालय ने अकादमिक योग्यताओं में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों को बनाया अनिवार्य

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नारस स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने शैक्षिक पदों पर चहेतों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के रेगुलेशन-2018 की एक बार फिर धज्जियां उड़ाई हैं। विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए उसने अकादमिक योग्यताओं में हाई स्कूल और इंटर मीडिएट में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों को अनिवार्य बना दिया है। वहीं, विश्वविद्यालय में कार्यरत आरक्षित वर्गों के शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने कुलपति और एससी-एसटी-ओबीसी स्टैंटिग कमेटी के चेयरमैन को पत्र लिखकर यूजीसी रेगुलेशन-2018 के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। 

बुधवार, 9 सितंबर 2020

बेरोजगारों की ताली-थाली पर नहीं खुली PM मोदी की जुबान, आज बुझेगी बत्ती-जलेगा दीपक

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर आज चलेगा जन संगठनों का '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग  ट्वीटर अभियान। शाम 6-8 बजे तक चलेगा ट्वीटर अभियान। बेरोजगारों ने रात 9 बजे 9 मिनट तक बत्ती गुल कर दीपक जलाने का किया आह्वान।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर बेरोजगारों की ताली और थाली की आवाज ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के कानों में भले ही दर्द पैदा कर दिया हो लेकिन कोरोना वायरस (COVID-19) से उपजे संकट के हालात में ताली-थाली बजवाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी दलों के प्रमुखों के कानों में उनकी ताली औौर थाली की आवाज आज तक नहीं पहुंची है। इससे नाराज बेरोजगार युवा आज रात 9 बजे घरों की बत्ती गुल कर दीपक जलाकर केंद्र सरकार की नीतियों  का विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश में विभिन्न जन संगठनों ने राज्य की कानून व्यवस्था के खिलाफ ट्वीटर पर आज शाम 6 बजे से '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग अभियान चलाने का आह्वान किया है।

सोमवार, 7 सितंबर 2020

BHU की असिस्टेंट प्रोफेसर की शिकायत पर वाराणसी के SSP को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, 21 सितंबर तक मांगा जवाब

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ ने गत 3 जुलाई को लंका थाना पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच हुई मारपीट के मामले में आयोग को लिखा था पत्र।

reported by राजीव कुमार मौर्य

वाराणसी के सुंदरपुर चौराहा पर गत 3 जुलाई को सत्ताधारी भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुई मारपीट के मामले में उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से जवाब तलब किया है। आयोग ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ की शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसएसपी से आगामी 21 सितंबर तक रिपोर्ट मांगा है। साथ ही आयोग ने चेतावनी दी है कि उसकी अपेक्षा के अनुरूप कार्यवाही नहीं किए जाने पर वह न्यायोचित आदेश पारित कर देगा। 

रविवार, 6 सितंबर 2020

जाति वर्चस्व पर 'शिक्षक दिवस' की कहानी में गुम सामाजिक बदलाव के असली गुरु

(भारत के दूसरे राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के रूप में मनाये जाने को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। भारतीय समाज के एक हिस्से में स्त्रियों और वंचित समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाली सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की आवाज उठने लगी है। वहीं कुछ लोग डॉ. राधाकृष्णन पर अपने शिष्य जदुनाथ सिन्हा की थीसिस को किताब के रूप में प्रकाशित करवाकर खुद उसका लेखक बनने का आरोप लगाते हैं और उनकी योग्यता पर सवाल खड़ा करते हैं। बहुत से लोग हैं जो डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन के नाम पर मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस को जाति वर्चस्व और उसकी मान्यता के चश्मे से देखते हैं। वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से दिए जाने वाले उत्कृष्ठ शिक्षक पुरस्कारों और उसके लिए चयनित शिक्षकों पर भी सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में शिक्षक दिवस और उसकी प्रासंगिकता पर केंद्रित यह लेख उस बहस को आगे बढ़ा सकता है।-संपादक)

written by अच्छेलाल प्रजापति

शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर बधाइयां लेते और देते वक्त गुरु के प्रति जो श्रद्धा भाव उभर कर आता है, वह एक बार मंथन करने को विवश करता है। वह कौन था, जिसने उन लोगों के लिए शिक्षा की जरूरत को महसूस किया और अपना सारा जीवन उसी के लिए समर्पित कर दिया,  जिन्हे भारतीय समाज ने शास्त्र सम्मत शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं दिया था। मेरी समझ से वही व्यक्ति सम्पूर्ण समाज का शिक्षक है। यह दिन उसी को समर्पित होना चाहिए। अगर ऐसे नामों में पर गौर करें तो मेरे जेहन में एक दंपति का नाम आता है। वे हैं ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले।