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रविवार, 7 मार्च 2021

पेड सीट पर आरक्षण नहीं देने के मामले में UGC ने BHU प्रशासन से मांगा जवाब

शोधार्थी राघवेंद्र यादव ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से की थी शिकायत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में पेड सीटों पर आरक्षण नहीं दिए जाने के मामले को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर बिंदुवार इस मामले में तत्काल जवाब मांगा है। आयोग ने यह कार्रवाई एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी राघवेंद्र यादव की शिकायत पर की है।

सोमवार, 21 दिसंबर 2020

OBC आरक्षण की अनदेखी पर NCBC आज करेगा दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा, UGC अध्यक्ष और सचिव भी तलब

आयोग ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव को भी मौजूद रहने का दिया आदेश। दिल्ली विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण और उनके अधिकारों के हनन को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को मिली थीं शिकायतें। 21 दिसंबर को सुबह 11 बजे से होगा आयोग के पूर्ण बेंच का दौरा।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण और उनके अधिकारों की अनदेखी को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) आज दिल्ली विश्वविद्यालय का दौरा करेगा। आयोग ने इस दौरान भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष और सचिव को भी मौजूद रहने का निर्देश दिया है। आयोग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) डॉ. एम.एम. चटोपाध्याय ने विश्वविद्यालय के कुलपति समेत उन्हें पत्र लिखकर सूचित किया है। 

शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

BHU ने एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चेहेतों की भर्ती के लिए UGC के रेगुलेशन को किया दरकिनार, आरक्षित वर्गों के शिक्षकों ने किया विरोध

विश्वविद्यालय ने अकादमिक योग्यताओं में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों को बनाया अनिवार्य

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नारस स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने शैक्षिक पदों पर चहेतों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के रेगुलेशन-2018 की एक बार फिर धज्जियां उड़ाई हैं। विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए उसने अकादमिक योग्यताओं में हाई स्कूल और इंटर मीडिएट में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों को अनिवार्य बना दिया है। वहीं, विश्वविद्यालय में कार्यरत आरक्षित वर्गों के शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने कुलपति और एससी-एसटी-ओबीसी स्टैंटिग कमेटी के चेयरमैन को पत्र लिखकर यूजीसी रेगुलेशन-2018 के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। 

शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

UGC का 30 सितंबर तक परीक्षा कराने का निर्णय सही, बिना अनुमति छात्रों को प्रमोट नहीं कर सकते राज्यः सुप्रीम कोर्ट


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को आगामी 30 सितंबर तक संपन्न  कराने का दिया था निर्देश

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

विश्वविद्यालयों एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करा लेने के विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान माना कि राज्य यूजीसी की अनुमति के बिना छात्रों को प्रोन्नति नहीं दे सके हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह भी कहा कि जिन राज्यों को कोरोना वायरस से उपजे संकट काल में परीक्षा कराने में दिक्कत है, वे यूजीसी के पास परीक्षा टालने का आवेदन दे सकते हैं। राज्य सरकारें कोरोना संकट काल में अपने से एग्जाम नहीं कराने का फैसला नहीं कर सकती हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। 

रविवार, 26 जुलाई 2020

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC असिस्टेंट प्रोफेसरों के 42 फीसदी पद खाली, SC के 28 और ST के 33 फीसदी पदों पर भी नहीं हुई नियुक्ति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नीत भाजपा की राजनीतिक धुरी का चेहरा बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दिव्यांगों' की 51 फीसदी सीटों पर भी नहीं हुई नियुक्ति।


वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो


देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर पदों में OBC के लिए आरक्षित 42 फीसदी पद अभी भी खाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दिव्यांग' वर्ग में भी 51 फीसदी पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अनूसूचित जाति (SC) के 28 फीसदी और अनूसूचित जनजाति (ST) के 33 फीसदी पदों पर भी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होनी बाकी है। ये सूचना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मुहैया कराई है।

शनिवार, 25 जुलाई 2020

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC एसोसिएट प्रोफेसरों के 94 फीसदी पद खाली, ST के 86 और दिव्यांगों के 90 फीसदी पदों पर नहीं हुई नियुक्ति

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव को दी सूचना। देश भर के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी वर्ग के 77 फीसदी पदों पर भी नहीं है एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित एसोसिएट प्रोफेसरों की 94 फीसदी पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित और सरकारी दस्तावेजों में दर्ज 'दिव्यांग' वर्ग के लिए आरक्षित एसोसिएट प्रोफेसर के 90 फीसदी पद भी खाली हैं। एसोसिएट प्रोफेसर वर्ग में अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित 86 फीसदी और अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित 77 फीसदी पदों पर भी अभी नियुक्ति नहीं हो पाई है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC प्रोफेसरों के 97 फीसदी पद खाली, SC के 83 और ST के 94 फीसदी पदों पर भी नहीं हुई नियुक्ति

सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 में तहत डॉ. लक्ष्मण यादव के आवेदन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दी सूचना।


वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के प्रोफेसरों के लिए चिन्हित 269 पदों में करीब 97 फीसदी पद खाली हैं। अनुसूचित जाति (एससी) के 83, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 94 और दिव्यांग के 86 फीसदी पदों पर भी प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत डॉ. लक्ष्मण यादव को यह जानकारी मुहैया कराई है।

सोमवार, 7 मई 2018

UGC और केंद्र सरकार के खिलाफ आरक्षण समर्थक छात्रों ने खोला मोर्चा, विभागवार आरक्षण नियमावली की प्रतियां फूंककर दी आंदोलन की चेतावनी

यूजीसी द्वारा जारी आरक्षण विरोधी रोस्टर का सर्कुलर वापस नहीं लिए जाने से नाराज छात्रों और शिक्षकों ने भरी हुंकार।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नयी दिल्ली। इंडिया फ़ॉर सोशल जस्टिस’ के आह्वान पर आज देश के दर्जनों केन्द्रीय विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में छात्रों ने 5 मार्च 2018 को यूजीसी द्वारा जारी आरक्षण विरोधी रोस्टर लागू किए जाने सम्बन्धी सर्कुलर की प्रतियों को जलाया और सरकार को खुली चेतावनी दी कि यदि यह सर्कुलर तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया गया तो एक अखिल भारतीय छात्र आन्दोलन के लिए देश भर के छात्र मजबूर होंगे.

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

UGC की नयी अधिसूचना के खिलाफ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आरक्षण समर्थकों का हल्लाबोल, आबादी के अनुपात मेंं मांगा आरक्षण

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और गत 5 मार्च को जारी यूजीसी की अधिसूचना को निरस्त करने की उठी मांग। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले आरक्षण समर्थक छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निकाली आरक्षण बचाओ पदयात्रा।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) समेत केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थकों ने आज प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मेंं हल्ला बोला और अपनी आवाज बुलंद की। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले करीब पांच सौ आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी के नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकाला और भारतीय संविधान में उल्लेखित प्रतिनिधित्व के अधिकार की मांग की।

आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी में खोला मोर्चा, प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का आज करेंगे घेराव


विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और यूजीसी द्वारा 5 मार्च 2018 को जारी अधिसूचना को निरस्त करने की मांग को लेकर पदयात्रा भी करेंगे आरक्षण समर्थक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थक आज प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान आरक्षण समर्थकों ने नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकालने का ऐलान भी किया है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है।

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

‘संविधान बचाओ आंदोलन’ से डरी सरकार, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल समेत कई गिरफ्तार, चार घंटे बाद रिहा

देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) के अधिकार को खत्म करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ दे रहे थे धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। देशव्यापी संविधान बचाओ आंदोलन से डरी केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल और उनके साथियों को शुक्रवार की शाम हिरासत में ले लिया और उन्हें संसद मार्ग थाना में करीब चार घंटे तक बंधक बनाये रखा। इस दौरान उनसे और उनके साथियों के साथ पुलिसवालों ने बदतमिजी भी की। उनके साथी वकीलों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने उन्हें देर रात रिहा किया। 

गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

UGC और MHRD समेत केंद्र सरकार के खिलाफ वाराणसी में SC, ST और OBC छात्रों का प्रदर्शन, BHU के शिक्षक भी हुए शामिल, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का किया विरोध

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने निकाला विरोध मार्च, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का भी हुआ विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण (प्रतिनिधित्व) दिये जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फरमान के खिलाफ एससी, एसटी, ओबीसी संघर्ष समिति ने बुधवार को लंका स्थित सिंह द्वार से संत रविदास गेट तक विरोध मार्च निकाला और केंद्र सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त घोषित करने के साथ रोस्टर व्यवस्था को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण को खत्म करने की साजिश करार दिया।

रविवार, 18 मार्च 2018

‘पगहा-अंगूठी-एंटीना’ से मुक्ति ही सामाजिक न्याय की आवाज को करेगा बुलंद-उदय नारायण चौधरी

सामाजिक समानता संगठन’ के बैनर तले आयोजित ‘सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य’ विषयक गोष्ठी के पहले दिन वक्ताओं ने मंडल आयोग की सिफारिशों और उनके क्रियान्वयन, सामाजिक न्याय आंदोलन में भगत सिंह की भूमिका और मीडिया की वर्तमान भूमिका पर रखे विचार। यूजीसी की नई नियमावली से वंचित समुदाय के प्रतिनिधित्व के खात्मे का भी उठाया सवाल।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी । पगहा, अंगूठी और एंटीना। ये हमारी गुलामी का संदेश देते हैं। सबसे पहले हमें इनसे मुक्ति लेनी होगी।‘पगहा-अंगूठी-एंटीना’ से मुक्ति ही सामाजिक न्याय की आवाज को बुलंद करेगा। पूजा, अंधविश्वास और रूढ़ीवाद के प्रतीक के रूप में हमारे बीच मौजूद पगहा (रक्षा धागा), अंगूठी और एंटीना (चुंडी) से जब तक हम मुक्ति नहीं लेंगे, हमारे साथ सामाजिक अन्याय होता रहेगा। 

शनिवार, 17 मार्च 2018

आरक्षण के सवाल पर काशी में आज बजेगा बहुजनों का बिगुल

नाटी इमली में बुद्धिजीवी खोलेंगे सामाजिक न्याय विरोधी सरकारों की पोल तो लंका में बीएचयू गेट से मिनी पीएमओ तक बहुजन छात्र निकालेंगे प्रतिरोध मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी । देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में हिस्सेदारी के सवाल पर बहुजन छात्र और बुद्धिजीवी आज काशी में आंदोलन का बिगुल फूकेंगे। एक तरफ नाटी इमली स्थित वैश्व समाज सभागार में सामाजिक न्यायः भूत, वर्तमान और भविष्य विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज होगा तो दूसरी तरफ बहुजन छात्र लंका स्थित सिंह द्वार से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय तक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सामाजिक न्याय विरोधी फरमान के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकालेंगे।

गुरुवार, 8 मार्च 2018

BJP की मोदी सरकार ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में खत्म किया आरक्षण, जानें कैसे?

कुल 3 पदों वाले विभागों में ST की सीट बनने में कम से कम 50 साल लगेंगे...
written by गंगा सहाय मीणा
अभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में में वंचित तबकों के लोग दिखने ही लगे थे कि अकादमिक क्षेत्र की नौकरियों में संविधान प्रदत्त आरक्षण पर सबसे बड़ा हमला कर दिया गया है। 

शुक्रवार, 13 जनवरी 2017

पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की पात्रता में एससी, एसटी और ओबीसी की रियायत खत्म, सड़कों पर उतरे शोधार्थी

वाराणसी में शोधार्थियों ने किया विरोध प्रदर्शन
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप की पात्रता में एससी, एसटी और ओबीसी को मिल रही रियायत खत्म कर दी है। इन वर्गों के अभ्यर्थियों को भी अब सामान्य वर्ग के बराबर अंक हासिल (60 प्रतिशत) करने पर ही इस फेलोशिप का लाभ मिलेगा। आयोग ने पात्र अभ्यर्थियों से आगामी 16 जनवरी – 14 फरवरी के बीच आयोजित बैठक में दावा प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है। वहीं यूजीसी के इस फैसले के खिलाफ आरक्षित वर्ग के शोधार्थियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। साथ ही वे मामले में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।