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शुक्रवार, 26 जून 2020

कुम्हारों को ज़िंदा जलाने पर मुख्यमंत्री की नहीं खुली जुबान, सपा-बसपा-भाजपा और कांग्रेस भी खामोश

उत्तर प्रदेश की करीब चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों में से किसी ने भी एक ट्विट तक नहीं किया...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के माधोनगर खरपरी निवासी कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंकने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल(सोनेलाल) आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों की जुबान तक नहीं खुली। उन्होंने उत्तर प्रदेश की चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के पीड़ित परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी एक ट्विट करना मुनासिब नहीं समझा। जौनपुर में अनुसूचित समुदाय के लोगों पर हुए हमले में हमलावरों पर रासुका लगाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से कुम्हारों को जिंदा फूंक दिये जाने पर संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। वहीं,  जब भागीदारी संकल्प मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने मैनपुरी पहुंचे तो उन्हें जिला प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया। 

सोमवार, 9 अक्तूबर 2017

बहुजन नायकों के विचारों की गलत व्याख्या कर रही भाजपा

मान्यवर कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्र कार्यक्रम आयोजन समिति की ओर से आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने बहुजन आंदोलन की दशा और दिशाविषयक गोष्ठी में रखी अपनी बात।  
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। आरएसएस और उसके राजनीतिक संगठन भाजपाके नेता बहुजन आंदोलन के नायकों की मूल रचनाओं पर अंकुश लगाकर युवाओं के सामने उसकी गलत व्याख्या पेश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को अपना हथियार बनाया है। उनके इस मकसद में बहुजन समुदाय के कुछ सत्तालोलुप और मौकापरस्त लोग उनकी सहायता कर रहे हैं जिनसे हमें सतर्क रहना है। ऐसे लोग बहुजन आंदोलन को खत्म करना चाह रहे हैं लेकिन बहुजन नायकों के विचारों की तपिश में ऐसी ताकतें भस्म हो जाएंगी और बहुजन राज करेंगे।

रविवार, 3 सितंबर 2017

सर्वदलीय बैठक में गूंजा बीएचयू अस्पताल में मौतों का मुद्दा, होगा आंदोलन

सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते पूर्व विधायक अजय राय
हैंड्स ऑफ महामना एरा ने गैर-राजग पार्टियों की बुलाई थी सर्वदलीय बैठक। जनविरोधी बीएचयू प्रशासन और सत्ताधारी बीजेपी की नीतियों के भंडाफोड़ पर बनी सहमति।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जहरीली नाइट्स आक्साइड गैस से हुई मौतों के मामले को लेकर नरिया स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के सभागार में शनिवार को एनडीए विरोधी राजनीतिक पार्टियों की सर्वदलीय बैठक हुई। हैण्ड्स ऑफ महामना एरा बैनरतले आयोजित इस बैठक में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से बीएचयू प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ जनांदोलन छेड़ने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने सामुहिक रूप से मार्च निकाल कर विश्वविद्यालय प्रशासन और बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने का निर्णय लिया।

मंगलवार, 7 मार्च 2017

BJP का सियासी दांवः जीत कर भी हार जाएंगे यूपी के आदिवासी

फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश में पहली बार आदिवासियों के लिए आरक्षित दुद्धी और ओबरा विधानसभा सीटों का निर्वाचन हो सकता है रद्द। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश-2008’ में किया गया संशोधन संवैधानिक रूप से मान्य नहीं!
reported by शिव दास

लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2014 के बाद केंद्र की सत्ता में आई भाजपा के सियासी दांव में यूपी के आदिवासी एक बार फिर फंस सकते हैं। सूबे में जारी विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर ताल ठोंक रहे आदिवासियों की जीत कर भी हार जाने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में पहली बार आदिवासियों के लिए आरक्षित दुद्धी और ओबरा विधानसभा सीटों का चुनाव भविष्य में कभी भी रद्द हो सकता है क्योंकि केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश-2008’ में किया गया संशोधन संवैधानिक रूप से मान्य नहीं है! हालांकि यह 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश-2008' और 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुनःसमायोजन (तीसरा) विधेयक-2013’ के आलोक में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा।

रविवार, 8 जनवरी 2017

सोनभद्र की दुद्धी और ओबरा सीट को छोड़कर बसपा ने सभी सीटों पर उतारे उम्मीदवार

चुनाव प्रचार के दौरान बसपा उम्मीदवार बीना सिंह
घोरावल से बीना सिंह, रॉबर्ट्सगंज से सुनील सिंह यादव, मड़िहान से अवधेश सिंह पटेल और सैयदराजा से श्यामनारायण सिंह उर्फ विनित सिंह को मिला टिकट। 
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने रविवार को सोनभद्र की दुद्धी और ओबरा विधानसभा सीट को छोड़कर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। दुद्धी और ओबरा सीट पर उम्मीदवारों का फैसला सामान्य अथवा अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) के आरक्षण को लेकर फंस गया है। बसपा की प्रदेश कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में ये जानकारी दी गई है।

रविवार, 9 अगस्त 2015

भारत में 1866 राजनीतिक दल

नई दिल्ली (भाषा)। चुनाव आयोग के समक्ष राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने के लिए काफी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। मार्च 2014 से इस वर्ष जुलाई के बीच 239 नये संगठनों ने पंजीकरण कराया है। इससे देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 1866 हो गई है।

चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जुलाई को देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 1866 दर्ज की गई जिसमें 56 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल थे जबकि शेष ‘गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल थे। पिछले लोकसभा चुनाव 2014 के समय चुनाव आयोग की ओर से एकत्र आंकड़ों के मुताबिक, 464 राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार खड़े किये थे। चुनाव आयोग द्वारा एकत्र आंकड़ों को संसद में उपयोग के लिए विधि मंत्रालय के साथ साझा किया गया था। मंत्रालय का विधायी विभाग आयोग की प्रशासनिक इकाई है।

चुनाव आयोग के अनुसार 10 मार्च 2014 तक देश में ऐसे राजनीतिक दलों की संख्या 1593 थी। 11 मार्च से 21 मार्च के बीच 24 और दल पंजीकृत हुए और 26 मार्च तक 10 और दल पंजीकतृ हुए। इस दौरान ही पांच मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई थी।