मंगलवार, 14 सितंबर 2021

देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार जयंती: बनारस में पीएस4 कल करेगा‘कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य महासम्मेलन'

जगतपुर इंटर कॉलेज के मैदान में बुधवार को सुबह नौ बजे से आयोजित होगा कार्यक्रम । मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री वंशमणि वर्मा होंगे मुख्य अतिथि। राजस्थान कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा, उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. वरदानी प्रजापति भी करेंगे शिरकत। प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) एवं प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS) समूह संयुक्त रूप से कर रहा कार्यक्रम का आयोजन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भारतीय संविधान सभा के सदस्य, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री (गृह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति), पद्मश्री डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा कुम्भार की 113वीं जयंती के अवसर पर प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) और प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS)समूह बुधवार को संयुक्त रूप से ‘कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य महासम्मेलन' का आयोजन करेंगे। स्थानीय जगतपुर इंटर कॉलेज के खेल मैदान में सुबह नौ बजे से होने वाले इस महासम्मेलन में दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों से कुम्हार समुदाय की चर्चित शख्सियतें शामिल होंगी। मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री वंशमणि वर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) के प्रमुख छेदीलाल प्रजापति ‘निराला’ ने इस बात की जानकारी दी।

पीएस4 के मीडिया प्रभारी राजेश प्रजापति की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, महासम्मेलन में मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री वंशमणि वर्मा (प्रजापति) के अलावा राजस्थान से कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा, उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग के सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक डॉ. वरदानी प्रजापति, मिर्जापुर के परगना मजिस्ट्रेट राजीत राम प्रजापति, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमला पति प्रजापति, वरिष्ठ पत्रकार शिव दास प्रजापति, मध्य प्रदेश के बैढ़न से प्रो. चंद्र प्रभा वर्मा, बिहार से अति पिछड़ा अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवीन कुमार प्रजापति, दिल्ली से वरिष्ठ समाजसेवी इंद्रजीत प्रजापति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. बलिराम प्रजापति, विधि संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार मालवीय, करौंता बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष कन्हैया लाल प्रजापति, आदि शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रशासन के सेवानिवृत्त अपर जिलाधिकारी डॉ. राम नयन प्रजापति करेंगे जबकि तदर्थ अध्यक्ष के रूप में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दृष्य कला संकाय के सेवानिवृत्त संकायाध्यक्ष प्रो. हीरालाल प्रजापति मौजूद रहेंगे। 

पीएस4 प्रमुख छेदी लाल प्रजापति 'निराला' ने बताया कि कुम्हार समुदाय के महान महापुरुषों में शामिल देशभक्त रत्नप्पा कुम्हार की 113वीं जयंती पर होने वाले इस महासम्मेलन को वंचित आवाम मोर्चा का समर्थन भी मिला है। मोर्चा में शामिल राजनीतिक पार्टियों के कुम्हार समुदाय के नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इनमें भारतीय समता समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहिन्दर कुमार प्रजापति, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के संयोजक और मिर्जापुर के पूर्व परिवहन आयुक्त चुन्नी लाल प्रजापति, लोकप्रिय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद प्रजापति का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।  

बता दें कि डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा कुम्भार को देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार के नाम से भी जाना जाता है। वह भारतीय संविधान सभा के सदस्य थे। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ भारतीय संविधान के अंतिम मसौदे पर हस्ताक्षर भी किया था। उनका जन्म 15 सितंबर 1909 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शिरोल तहसील क्षेत्र के नीमशीर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम भरमप्पा कुम्भार था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा कोल्हापुर स्थित राजाराम हाई स्कूल से ग्रहण की। उन्होंने 1933 में कोल्हापुर स्थित राजाराम कॉलेज से अंग्रेजी विषय में स्नातक की उपाधि हासिल की। फिर वे कानून की पढ़ाई करने लगे। बाद में पुणे विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट की मानद उपाधि से भी नवाजा था। 1934 में पार्वती देवी से उनकी शादी हो गई थी जिनसे उनकी तीन बेटियां हैं।

देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार ने 15 फरवरी 1938 को सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार माधवराव बागल और कवि दिनाकरा देसाई आदि के साथ मिलकर ‘प्रजापरिषद’ नामक संगठन की स्थापना की । इसके बैनरतले वे लोगों को रियासतों के शासकों के खिलाफ लामबद्ध करने लगे। उन्हें लोगों का समर्थन भी मिलने लगा। 8 जुलाई 1939 को उन्हें और देसाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। कोल्हापुर की रियासत ने उन पर जुर्माना लगाया था। ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में उन्होंने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसकी वजह से उन्हें छह साल तक भूमिगत रहना पड़ा था। स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति उनके समर्पण और कार्यों की वजह से उन्हें देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार कहा जाने लगा था। 

देश की आजादी के बाद डॉ. रत्नप्पा ने 24 जनवरी 1950 को बॉम्बे प्रांत से भारतीय संविधान सभा के सदस्य के रूप में शपथ ली और भारतीय संविधान के अंतिम मसौदे पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ हस्ताक्षर किए। वह1950 में भारतीय संसद के सदस्य भी बने। वह 1952 में देश में पहली बार हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सदस्य (सांसद) के रूप में निर्वाचित हुए। वह विदेश मंत्रालय की स्थायी सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। उन्होंने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की स्थायी सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। 1955 में उन्होंने हत्कनांगल तहसील क्षेत्र में पंचगंगा सहकारी चीनी उद्योग की स्थापना की। उन्होंने महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।

इचलकरंजी निवासी देशभक्त रत्नप्पा कुम्हार महाराष्ट्र विधानसभा में शिरोल विधान परिषद सीट से 28 साल तक विधायक रहे। वह 1962 से 1982 तक लगातार 20 साल तक विधानसभा में शिरोल का प्रतिनिधित्व करते रहे। वह 1974 से 1978 तक महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भी रहे। 1982 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि समाज सेवा के क्षेत्र उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1985 में उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया। वह 1990 में एक बार फिर से शिरोल विधानसभा से निर्वाचित हुए और अपनी मृत्यु तक विधायक रहे। उनकी मृत्यु 23 दिसंबर 1998 को हार्ट अटैक की वजह से हो गई थी। वह 1995 में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष भी बने थे। कोल्हापुर में उनके नाम पर देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार कॉलेज ऑफ कॉमर्स (1957) का संचालन आज भी होता है। वह उसके संस्थापक अध्यक्ष थे। नागपुर के कांप्टी में रामदास खोपे ने देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार विद्यालय की स्थापना भी की है।

देशभक्त रत्नप्पा कुम्हार ने शाहाजी लॉ कॉलेज (1933), पंचगंगा कोऑपरेटिव सुगर फैक्टरी (1955), डॉ. रत्नप्पा कुम्भार कॉलेज ऑफ कॉमर्स (1957), दादा साहेब मग्दम हाई स्कूल (1960), नव महाराष्ट्रा कोऑपरेटिव प्रिंटिंग एवं पब्लिकेश सोसाइटी लिमिटेड (1961), कोल्हापुर जनता सेंट्रल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर स्टोर्स (1963), रत्नदीप हाई स्कूल इचलकरांजी (1963), कोल्हापुर जिला शेतकारी वींणकारी सहकारी सूत गिरानी लिमिटेड, इचलकरांजी (1968), नाइट कॉलेज ऑफ आर्ट्स ऐंड कॉमर्स कोल्हापुर (1971) एवं कोल्हापुर एल्यूमिना इंडस्ट्री (1975) की स्थापना की थी।

 (पीएस4 की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित)

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