गुरुवार, 23 जून 2022

BHU अस्पताल के कैथलैब में चिकित्सा अधीक्षक ने जड़ा ताला, 200 मरीजों की टली सर्जरी

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओम शंकर ने पत्रकार वार्ता कर दी जानकारी। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. के.के. गुप्ता पर लगाया पद का दुरुपयोग करने का आरोप। कहा- सर सुंदरलाल चिकित्सालय स्थित हृदय रोग विभाग की सुविधाओं को अपने मेडिसिन विभाग में मिलाना चाहते हैं चिकित्सा अधीक्षक। 24 घंटे के अंदर शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन (CSSB) स्थित कैथलैब वार्ड, सामान्य वार्ड और सीसीयू में नहीं खुला ताला तो चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ दर्ज कराएंगे FIR।

reported by SHIV DAS 

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय (SSH) के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके. गुप्ता और हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओम शंकर के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चल रही रस्साकशी रुकने का नाम नहीं ले रही है। प्रो. ओम शंकर ने चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता पर शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन (CSSB) स्थित कैथलैब वार्ड, सामान्य वार्ड और सीसीयू में ताला बंद करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि इसकी वजह से पिछले दो हफ्तों में हृदय रोग विभाग के 200 से ज्यादा मरीजों की सर्जरी टालनी पड़ी है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 24 घंटों में एसएसबी स्थित कैथलैब वार्ड, सामान्य वार्ड और सीसीयू का ताला नहीं खुला तो वे चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता पर पद का दुरुपयोग करने समेत विभिन्न आरोपों के तहत पुलिस में प्रथम सूचना रपट (FIR) दर्ज कराएंगे।

 
नवनिर्मित शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन में बंद पड़ा हृदय रोग विभाग का कैथलैब

देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. ओम शंकर ने बुधवार को पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि वह स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कई बार आंदोलन भी किया है। इसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने बीएचयू अस्पताल को एम्स का दर्जा देते हुए 1000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इससे बीएचयू प्रशासन ने शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन का निर्माण कराया है। इसमें हृदय रोग विभाग के लिए कैथलैब वार्ड, सामान्य वार्ड और सीसीयू आबंटित किया गया है। लेकिन, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता की वजह से हृदय रोग विभाग अपना सेवा विस्तार नहीं कर पा रहा है। 

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग में बुधवार को पत्रकार वार्ता करते प्रो. ओम शंकर

उन्होंने आरोप लगाया कि चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन में हृदय रोग विभाग के कैथलैब वार्ड, सामान्य वार्ड और सीसीयू में ताला बंद कर दिया है। इससे उन्हें पिछले दो हफ्तों में हृदय रोग विभाग के 200 से ज्यादा मरीजों की सर्जरी टालनी पड़ी है। इनमें से कुछ की हालत बेहद गंभीर है। उनकी मौत भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि उनका पुराना कैथ लैब (ऑपरेशन थिएटर) खराब हो गया है। इस वजह से भी मरीजों की सर्जरी टालनी पड़ रही है।

नवनिर्मित शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन में हृदय रोग विभाग के कैथ लैब के गेट पर लगा ताला

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रो. केके गुप्ता पद का दुरुपयोग कर सर सुंदरलाल चिकित्सालय के पुराने भवन स्थित सुपर स्पेशिऐलिटी विभागों को आबंटित स्थानों को हड़पकर अपने मेडिसीन विभाग में अवैध रूप से मिलाना चाहते हैं। मेडिसीन विभाग के पास वर्तमान में 90 बेड हैं जबकि हृदय रोग विभाग के पास महज 30 बेड। इसके बावजूद हृदय रोग विभाग हर महीने उनके बराबर करीब 300 मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज कर रहा है। हृदय रोग विभाग में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके बावजूद हृदय रोग विभाग के संसाधनों का विस्तार करने की जगह उसके संसाधनों का हड़पने की कोशिश की जा रही है जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रो. ओम शंकर ने चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता पर हृदय रोग विभाग समेत अन्य सुपर स्पेशिऐलिटी विभाग के नर्सिंग स्टाफ को डराने और धमकाने का आरोप भी लगाया है। 

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के पुराना भवन स्थित खराब कैथ लैब को दिखाते डॉ. ओम शंकर

साथ ही, प्रो. ओम शंकर ने चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे के अंदर चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता द्वारा शताब्दी सुपर स्पेशिऐलिटी भवन स्थित कैथलैब, सामान्य वार्ड और सीसीयू में अवैध तालाबंदी नहीं हटाई जाती है तो वे उनके खिलाफ लंका पुलिस थाना में पद का दुरुपयोग करने, अवैध कब्जे की नियत से कर्मचारियों को डराने-धमकाने, सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने, मरीजों की सेवा बाधित कर उनके जीवन को जोखिम में डालने की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।   

बता दें कि चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता सर सुंदरलाल चिकित्सालय के मेडिसीन विभाग में कार्यरत हैं। प्रो. ओम शंकर ने इससे पूर्व उन पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया था। इस संबंध में उन्होंने 'ब्लड बैंक' में प्रो. केके गुप्ता द्वारा बरती गई कथित अनियमितता की अधिकारिक जांच रिपोर्ट को भी सार्जनिक किया था लेकिन विश्वविद्यालय के उच्चाधिकारी की मिलीभगत से वह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. के.के. गुप्ता।

इसके अलावा उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता पर नियमों के विरुद्ध अमृत फार्मेसी को कैथलैब में कमरा आबंटित करने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने अमृत फार्मेसी को तत्काल आबंटित कमरा खाली करने का नोटिस जारी किया था। उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से वह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया। 

हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ओम शंकर के आरोपों के बाबत सर सुंदरलाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. के.के. गुप्ता से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन खबर लिखे जाने तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया था। उनका पक्ष मिलते ही खबर में जोड़ दिया जाएगा। 

3 टिप्‍पणियां:

  1. इस महामारी के दौर में किसी भी चिकित्सालय में ताला लगना दुखद।

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  2. प्रो ओम शंकर जी आप आधुनिक युग के देवता हैं, आप के साथ मानवता समाज खड़ा हैं
    नमो बुद्धाय

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  3. उच्च स्तरीय हस्तेक्षप से समाधान निकाला जाए ताकि मरीजों को लाभ मिलना जारी रहे।ताला लगाना कोई समाधान नहीं है

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