बुधवार, 13 जुलाई 2022

EXCLUSIVE : UPPSC ने आरक्षण और पारदर्शिता की उड़ाई धज्जियां, अस्वीकृति ज्ञापन और कट-ऑफ मार्क्स के बिना ले रहा चहेतों का साक्षात्कार

आठ साल बाद 12-13 जुलाई को वर्कशाप इंट्रक्टर वेल्डिंग के 25 पदों के लिए हो रहे साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में आरक्षित वर्गों का नहीं किया गया वर्गीकरण। अस्वीकृति के कारणों और कट-ऑफ मार्क्स के सवाल पर आयोग दे रहा RTI लगाने का निर्देश। 

reported by SHIV DAS

भाजपा की अगुआई वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) जमकर आरक्षण और पारदर्शिता के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा विभाग (Technical Education Department) में कार्यशाला अनुदेशक वेल्डिंग (Workshop Instructor Welding) की भर्ती में उसने आयोग के नियमों को दरकिनार करते हुए चहेतों को साक्षात्कार के लिए बुलाया है। आयोग की अधिकारिक वेबसाइट पर साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में ना उनके अंकों का कट-ऑफ मार्क्स प्रकाशित किया गया है और ना ही साक्षात्कार के लिए अयोग्य ठहराए गए आवेदकों को अस्वीकृति ज्ञापन का विवरण प्रकाशित किया गया है जबकि नियमों के तहत ऐसा करना अनिवार्य है। आयोग ने साक्षात्कार के लिए अयोग्य ठहराये गए आवेदकों को अस्वीकृति ज्ञापन भी नहीं भेजा है। उसने आरक्षित पदों के लिए होने वाले साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों की अलग से सूची भी प्रकाशित नहीं की है।  

'वनांचल एक्सप्रेस' के पास उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने मई 2014 में अधिसूचना संख्या-01 /2014-2015 के नाम से विज्ञापन प्रकाशित कर उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा विभाग में कार्यशाला अनुदेशक (वेल्डिंग) के 25 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगा था। इनमें 06 पद ओबीसी, 05 पद एससी और 01 पद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित थे। शेष 13 पद अनारक्षित थे। इसके लिए आयोग ने संबंधित ट्रेड या शाखा में आईटीआई या जीटीआई या पॉलिटेक्निक या डिप्लोमा के साथ तीन साल का अनुभव मांगा था। ऑनलाइन आवेदन के बाद चार सालों तक इसकी भर्ती प्रक्रिया लंबित रही। 

जून 2018 में आयोग ने एक बार फिर समस्त दस्तावेजों की छाया-प्रति के साथ इसका ऑफलाइन आवेदन-पत्र मांगा। ऑनलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने फिर से आयोग के कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन-पत्र जमा किया लेकिन केवल साक्षात्कार के आधार पर होने वाली यह भर्ती प्रक्रिया फिर लंबित हो गई।

मूल विज्ञापन के करीब आठ साल बाद इसी महीने आयोग ने अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर कार्यशाला अनुदेशक वेल्डिंग (एस-12/39) की भर्ती के लिए साक्षात्कार की तिथि घोषित की और इसके लिए 184 अभ्यर्थियों की सूची जारी की लेकिन उसने नियमों के अनुसार इस सूची में चयनित अभ्यर्थियों का कट-ऑफ मार्क्स या उनके अंकों का प्रतिशत प्रकाशित नहीं किया गया। ना ही आयोग ने अलग से कार्यशाला अनुदेशक वेल्डिंग (एस-12/39) के 25 पदों पर होने वाले साक्षात्कार का कट-ऑफ मार्क्स की सूचना प्रकाशित की। 

आयोग ने साक्षात्कार के लिए अयोग्य घोषित किए गए आवेदकों को अस्वीकृति ज्ञापन भी नहीं भेजा और ना ही अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर इसे प्रकाशित किया जबकि आयोग के नियमों के तहत ऐसा करना अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की नियमावली [THE UTTAR PRADESH PUBLIC SERVICE COMMISSION ( PROCEDURE AND CONDUCT OF BUSINESS) RULES- 2011] के बिन्दु-31 (iv) में साफ लिखा है कि अगर किसी आवेदक का आवेदन-पत्र निरस्त किया जाता है तो आयोग उसे अस्वीकृति ज्ञापन (Rejection Memo) भेजेगा जिसमें अस्वीकृति के कारणों का उल्लेख होगा। यह अस्वीकृति ज्ञापन आवेदक के ई-मेल के जरिए या आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशन के माध्यम से भेजा जाएगा।

आवेदन-पत्र की अस्वीकृति के बारे में सूचित करने वाला UPPSC का नियम 

 आयोग ने 12 और 13 जुलाई को हो रहे कार्यशाला अनुदेशक (वेल्डिंग) पदों पर साक्षात्कार के लिए अयोग्य ठहराये गए आवेदकों को किसी भी माध्यम से अस्वीकृति ज्ञापन नहीं भेजा है और ना ही उनकी सूची कारणों सहित प्रकाशित की है। 

कार्यशाला अनुदेशक (वेल्डिंग) पद पर आवेदन करने वाले अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने आयोग की अधिकारिक वेबसाइट पर कार्यशाला अनुदेशक (वेल्डिंग) पद पर साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों के कट-ऑफ के बारे में सूचना मांगी तो उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत आवेदन करने का निर्देश दे दिया जबकि नियमों के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आयोग को हर हालत में कट-ऑफ मार्क्स प्रकाशित करना होता है। 

अगर कार्यशाला अनुदेशक (वेल्डिंग) के रिक्त पदों में आरक्षण के प्रावधानों की बात करें तो ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग की सीटों पर साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों का वर्गवार विवरण नहीं दिया गया है और ना ही उनका कट-ऑफ मार्क्स जारी किया गया है। आयोग ने केवल 184 अभ्यर्थियों की एक सूची जारी की है जिसमें उनकी कैटेगरी दी गई है। यह इस बात का संकेत है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के कार्यशाला अनुदेशक (वेल्डिंग) के 25 पदों की भर्ती में बड़े पैमाने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 

इन गड़बड़ियों के बाबत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। उत्तर प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल से भी उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कॉल को अन्य जगह फॉर्वर्ड कर दिया।

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