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मंगलवार, 20 जुलाई 2021

GROUND REPORT: बनारस के केराकतपुर गांव में दलितों और पिछड़ों की हो रही जातिगत घेराबंदी, खौफ में जी रहे लोग

खौफ के साया में जी रहे कुम्हार-धोबी बस्ती के लोग। भूमिहार बहुल गांव में चारों तरफ भूमिहारों से घिरी है बस्ती। एक सप्ताह पहले भूमिहारों की बस्ती में प्लंबर कन्हैया लाल प्रजापति की दिन-दहाड़े गोली मारकर कर दी गई थी हत्या।

reported by SHIV DAS

त 13 जुलाई की सुबह करीब नौ बजे थे। बनारस के केराकतपुर गांव निवासी माया प्रजापति की हंसी-खुशी जिंदगी अचानक मातम में बदल गई। उनके पति कन्हैया लाल प्रजापति को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दिन-दहाड़े हुई इस हत्या से उन्हें ऐसा सदमा लगा कि एक सप्ताह बाद भी उनकी जुबां से बस यही शब्द निकल रहे हैं- हमके बंदूक दे दा जा...हथियरवा मारके हमरे कन्हैया के चल गइनअ... 

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बनारस: प्लंबर हत्याकांड में लाठी और बंदूक के बल पर प्रशासन ने 28 घंटे बाद कराया शव का अंतिम संस्कार

मृतक कन्हैया लाल प्रजापति के परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन ने हरिश्चंद्र घाट पर  कराया शव का दाह संस्कार। परिजन और ग्रामीण बुधवार को घर के सामने सड़क पर शव को रखकर हत्यारों की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक के निलंबन की कर रहे थे मांग। 

reported by SHIV DAS

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस दौरे के चंद घंटों पहले जिला प्रशासन ने उनके संसदीय क्षेत्र के कराकतपुर गांव में अपना तानाशाही रवैया दिखाया। उसने बुधवार को लोहता थाना क्षेत्र के हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह की गोली के शिकार प्लंबर कन्हैया लाल प्रजापति के शव का अंतिम संस्कार पुलिस की लाठी और बंदूक के बल पर परिजनों की मर्जी के खिलाफ कराया। इस दौरान पुलिस ने मौके पर मौजूद भागीदारी पार्टी (पी) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. महेश चंद्र प्रजापति और चंदौली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व उम्मीदवार राम गोविंद प्रजापति समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। परिजनों संग ग्रामीण बुधवार को घर के सामने सड़क पर शव को रखकर हत्यारों की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक के निलंबन की मांग कर रहे थे। इस वजह से घटना के 28 घंटे बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था। गत मंगलवार की सुबह करीब 9 बजे घटी घटना के करीब चार घंटे बाद बनारस पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद भी ना ही हत्यारों की गिरफ्तारी हुई थी और ना ही परिजनों को बतौर सहायता एक भी रुपया मिला था।