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गुरुवार, 29 जुलाई 2021

NEET के AIQ में OBC के 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ सवर्णों का 10 प्रतिशत EWS कोटा वर्तमान सत्र से होगा लागू

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर की घोषणा। वर्तमान शैक्षित सत्र में ही योग्य अभ्यर्थियों को मिलेगा इसका लाभ।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) की सीटों में अन्य पिछड़ा वर्ग का 27 प्रतिशत और  सवर्णों के EWS कोटा का 10 प्रतिशत आरक्षण इसी शैक्षिक सत्र से लागू होगा। केंद्रीय  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज एक विज्ञप्ति में इस निर्णय की जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार,  वर्ष 1986 के अखिल भारतीय कोटा (AIQ)योजना के तहत ये आरक्षण उपलब्ध कराया जाएगा और  स्नातक एवं स्नातकोत्तर चिकित्सकीय पाठ्यक्रमों (MBBS/MD/MS/Diploma/BDS/MDS) में ही छात्रों को इसका फायदा मिलेगा। मंत्रालय का कहना है कि इससे 5,550 छात्रों को फायदा होगा जिनमें 4000 (1500 एमबीबीएस और 2500 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम) अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र शामिल होंगे। 

बुधवार, 28 जुलाई 2021

OBC आरक्षणः केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पिछड़ों ने किया देशव्यापी प्रदर्शन, आबादी के अनुपात में मांगा आरक्षण

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) के मौके पर 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में पिछड़ों ने भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ सड़कों पर खोला मोर्चा। नीट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा के तहत राज्यों द्वारा समर्पित सीटों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी को आरक्षण देने और सामान्य वर्ग का आतिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों ने सोमवार को 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP)पर अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाया।

मंगलवार, 27 जुलाई 2021

OBC आरक्षणः बनारस में मोदी सरकार के खिलाफ पिछड़ों का विरोध-प्रदर्शन, NEET में AIQ की सीटों पर मांगा 27 प्रतिशत आरक्षण

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) के मौके पिछड़े छात्रों और समाजसेवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में फूंका सामाजिक न्याय आंदोलन का बिगुल। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में की NEET के AIQ के तहत राज्यों की समर्पित सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस के मौके पर पिछड़े छात्रों और समाजसेवियों ने सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU)के सिंह द्वार के सामने भाजपा की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन किया और संत रविदास गेट तक विरोध मार्च भी निकाला। इस दौरान उन्होंने भाजपा और आरएसएस की अगुआई वाली केंद्र और राज्य सरकारों पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)के संवैधानिक आरक्षण पर हमला करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने  NEET के AIQ में राज्यों की समर्पित सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने, सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग की। 

रविवार, 25 जुलाई 2021

OBC आरक्षण पर हमले के खिलाफ कल होगा विरोध-प्रदर्शन, NEET के AIQ में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने की उठेगी मांग। महान समाज सुधारक छत्रपति शाहु जी महाराज ने 26 जुलाई 1902 को अपनी रियासत कोल्हापुर की सरकारी नौकरियों में वंचितों को पहली बार दिया था 50 प्रतिशत आरक्षण।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी/पटना/भागलपुर/। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP)की अगुआई वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ पिछड़े और दलित कल सामाजिक न्याय आंदोलन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन करेंगे। साथ ही वे नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने की मांग करेंगे। 'वनांचल एक्सप्रेस' को अभी तक मिली सूचना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत बिहार के भागलपुर, मुंगेर, बांका, अरवल, खगड़िया, बेगुसराय और पटना में लोग कल सड़कों पर उतरेंगे और केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएंगे।

सोमवार, 27 जुलाई 2020

ऑल इंडिया कोटे की मेडिकल सीटों पर OBC आरक्षण देने के लिए तीन महीनों में कमेटी गठित करे केंद्र: मद्रास हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा, 
 चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा की सीटों पर ओबीसी आरक्षण देने के लिए कोई कानून बनाने के लिए केंद्र स्वतंत्र। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

द्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को केद्र सरकार को आदेश दिया कि वह तीन महीनों के अंदर केद्र सरकार, तमिलनाडु सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त कमेटी गठित करे जो चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को आरक्षण देने के मुद्दे पर निर्णय करेगा। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एमसीआई के वक्तव्य को भी पढ़ा कि ऑल इंडिया कोटा की मेडिकल सीटों में ओबीसी आरक्षण देने में कोई भी कानूनी रोक नहीं है।

रविवार, 5 जुलाई 2020

EXCLUSIVE: सोनिया गांधी की अगुआई वाली UPA सरकार की साज़िश से BBAU में लागू नहीं हुआ OBC आरक्षण, कानून में संशोधन कर छीन लिया पिछड़ों का हक

कांग्रेस की अगुआई वाली UPA-I की सरकार ने केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 के तहत राष्ट्रीय महत्व (Institutions of Excellence) की 8 संस्थाओं और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को छोड़कर देश के सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में ओबीसी कोटा के तहत 27 प्रतिशत सीटों पर पिछड़े छात्रों को प्रवेश देने की व्यवस्था की थी। इस कानून की धारा-3(iii) में साफ लिखा था कि केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में किसी भी शाखा या संकाय में उपलब्ध सीटों का 27 प्रतिशत सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होगी। वहीं, UPA-II की सरकार के दौरान केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 की धारा-3(iii) में संशोधन कर OBC आरक्षण को कुछ केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों तक सीमित कर दिया गया...

reported by Shiv Das 

पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की अगुआई वाली राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार के दौरान केंद्र की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए लागू अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के 27 प्रतिशत आरक्षण को देने में भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने जमकर आनाकानी की हैं। भाजपा की अगुआई वाली NDA सरकारों ने जहां OBC आरक्षण के संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं, वहीं, कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकारों ने भी OBC कोटा के तहत मिले पिछड़ों के हक पर डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। NEET (National Eligibilty-cum-Intrance Test) के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के अधीन चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में अखिल भारतीय कोटा (AIQ-ALL India Quota) की सीटों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) समेत कई केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में पिछड़ों को अपनी पहचान पर शिक्षा पाने से ही रोक दिया। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने पहले इन संस्थाओं में साज़िश के तहत OBC कोटा के तहत पिछड़ों को उनका हक नहीं दिया लेकिन जब मिला तो कानून में संशोधन कर उनका हक ही मार दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं 2007 में लागू केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 की, जिसमें सोनिया गांधी की अगुआई वाली UPA-II की सरकार ने 2012 में संशोधन कर BBAU समेत अन्य ऐसे शिक्षण संस्थानों में OBC छात्रों के प्रवेश को रोक दिया। 

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

NEET: AIQ की सीटों पर OBC आरक्षण के पक्ष में आई कांग्रेस, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (AIOBC) द्वारा जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रमुख ने ऑल इंडिया कोटा के सीटों पर ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के चिकित्सकीय शिक्षण संस्थानों में लागू ऑल इंडिया कोटा (AIQ) के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण नहीं दिए जाने का मामला गरमा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस संसदीय दल के चेयरमैन की हैसियत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा की सीटों पर ओबीसी आरक्षण नहीं दिए जाने को भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा की मेडिकल और डेंटल सीटों पर ओबीसी कोटा के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्रवेश देने की मांग की है।