Jai Prakash Associates लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Jai Prakash Associates लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

उ.प्र. के सपनों को मध्य प्रदेश में बेचेगा जेपी समूह

नोएडा से भोपाल शिफ्ट होगा देश का पहला माइक्रो चिप प्लांट। संप्रग सरकार ने फरवरी 2014 में उत्तर प्रदेश में निर्माण की अनुमति प्रदान की थी।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

भोपाल। उत्तर प्रदेश राज्य सीमेंट निर्माण निगम की संपत्तियों के अधिग्रहण के बहाने राज्य सरकार को 409 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाने के बाद जेपी समूह अब मध्य प्रदेश की जनता की संपत्ति को लूटने जा रहा है। उसने उत्तर प्रदेश के सपनों को अब मध्य प्रदेश में बेचने की योजना बनाई है। यूपी की जनता को देश के पहले माइक्रो चिप प्लांट की स्थापना का सपना दिखाने के बाद वह अब उसे भोपाल में स्थापति करने जा रहा है।

देश का पहला माइक्रो चिप बनाने का प्लांट उत्तर प्रदेश (नोएडा के पास) के बजाय अब भोपाल में स्थापित होगा। जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. (जेपी समूह) को इस प्रोजेक्ट के लिए यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में उत्तर प्रदेश में निर्माण की अनुमति प्रदान की थी लेकिन अब कंपनी इस प्रोजेक्ट को मध्य प्रदेश में शिफ्ट कर रही है। राज्य सरकार इसके लिए भोपाल एयरपोर्ट के नजदीक 100 एकड़ जमीन आवंटित कर रही है। समूह ने प्रोजेक्ट के लिए जापान से लोन लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि जेपी समूह ने यूएसए की आईबीएम और इजराइल की टॉवर जॉज नामक मल्टीनेशनल कंपनी के साथ मिलकर भोपाल में सेमी कंडक्टर चिप बनाने का प्लांट बनाने का निर्णय लिया है। इस संयुक्त कंपनी में आईबीएम और टॉवर जॉज की भागीदारी 10-10 प्रतिशत की है। जेपी समूह के चेयरमैन जयप्रकाश गौर ने इंवेस्टर्स समिट में 34 हजार करोड़ रुपए मप्र में निवेश करने की घोषणा की थी।

प्लांट की स्थापना के बाद भोपाल देश में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्यूफेक्चरिंग का बड़ा केंद्र बन जाएगा। माइक्रो चिप बनने से प्रदेश को अल्ट्रा हाई-मॉडर्न तकनीक के क्षेत्र में प्रदेश को नई पहचान मिलेगी। एशियाई देशों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदने की बाध्यता कम होगी। प्रथम चरण में करीब 2 हजार कुशल और अर्धकुशल कामगारों को काम दिया जाएगा। प्लांट में उत्पादन शुरू होने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी क्योंकि वर्तमान में सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में लगने वाले माइक्रो चिप आयात करने पड़ते हैं।

जेपी समूह के कार्यकारी अध्यक्ष सन्नी गौर ने इस मामले पर कहा कि राज्य सरकार को भोपाल और आस-पास के इलाके में जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रोजेक्ट के लिए जापान से लोन लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जैसे ही लोन की स्वीकृति मिलेगी, प्लांट निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।

                                       क्या है माइक्रो चिप?


प्लांट में उपकरण निर्माण की क्षमता प्रति माह 40 हजार माइक्रो चिप बनाने की होगी। प्रथम चरण में यह क्षमता 20 हजार प्रति माह तय की गई है। जबकि दूसरे चरण में कुछ अतिरिक्त टूल निर्माण के साथ प्लांट 40 हजार प्रति माह उत्पादन क्षमता का होगा। 

खास बात यह है कि इस प्लांट में नई टेक्नालॉजी से नेनो मीटर भी बनाए जाएंगे। माइक्रो चिप आईसी लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में इस्तेमाल की जाती है। जैसे मोबाइल फोन, टेलीफोन उपकरण, औद्योगिक तथा स्वचलित प्रोसेस कंट्रोल उपकरण, हवाई जहाज के उपकरण, डिफेंस चिकित्सा स्मार्ट कार्ड में चिप का उपयोग होता है। खास बात यह है कि इस प्लांट में वैफर डिस्क की डिजाइन और टेस्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।