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रविवार, 2 जुलाई 2017

खबर का असरः हटाये गए प्रभुराम चौहान, राज शेखर सिंह बने सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक

प्रभु राम चौहान
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हाईस्कूल की मान्यता हासिल करने वाले विद्यालयों की जांच में हीलाहवाली पर केंद्रित वनांचल एक्सप्रेस की रिपोर्टों पर शासन ने गिराई गाज। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रभुराम चौहान प्रतिक्षारत।  
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
इलाहाबाद। सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार और अनियमितता पर केंद्रित वनांचल एक्सप्रेस की रिपोर्टों पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। शासन ने प्रभुराम चौहान को सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक पद से हटाकर प्रतिक्षारत कर दिया है और उनकी जगह राज शेखर सिंह को सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर नई तैनाती दी है। राज शेखर सिंह अभी इलाहाबाद स्थित शिक्षा निदेशालय में सहायक शिक्षा निदेशक पद पर तैनात हैं।

मंगलवार, 30 मई 2017

भाजपा नेता ने जाली दस्तावेजों पर ली हाईस्कूल की मान्यता, लीपा-पोती में जुटे अधिकारी

विद्यालय का संचालन करने वाली संस्था के नाम शासन द्वारा निर्धारित भूमि अथवा भवन नहीं पर भी माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने दी मान्यता। शिकायत के दो साल बाद भी अधिकारियों ने विद्यालय की नहीं की जांच। जिला विद्यालय निरीक्षक के पास एक साल से लंबित है जांच आख्या।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार और गुण्डाराज के मुद्दे पर सत्ता में आई भाजपा सरकार खुद के भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। जिले के एक भाजपा नेता ने जाली दस्तावेजों के सहारे माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से हाईस्कूल स्तर के विद्यालय संचालन की मान्यता हासिल कर ली लेकिन राज्य सरकार के नुमाइंदे उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जरूरत महसूस नहीं की। शिकायतकर्ता ने जिला विद्यालय निरीक्षक से मुख्यमंत्री तक मामले की शिकायत की लेकिन किसी भी अधिकारी एवं सरकार के नुमाइंदों ने मामले की बिन्दुवार जांच कराने की हिम्मत नहीं दिखाई। महकमे के दस्तावेजों पर गौर करें तो मामले की जांच पिछले एक साल से जिला विद्यालय निरीक्षक के पास लंबित है।