गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

BHU:'खरवार' जाति के हैं असिस्टेंट प्रोफेसर मनोज कुमार वर्मा, जिलाधिकारी की पुनरीक्षित जांच रिपोर्ट में जाति प्रमाण-पत्र मिला सही

डॉ. मनोज कुमार वर्मा
चंदौली के सकलडीहा थाना क्षेत्र के चतुर्भुजपुर निवासी अनंत नारायण मिश्रा ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सामाज शास्त्र विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार वर्मा पर अनुसूचित जनजाति (खरवार) का कूट रचित फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर एसटी (जनजाति) कोटे में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति लेने का लगाया था आरोप।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के समाज शास्त्र विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार वर्मा का 'खरवार' अनुसूचित जनजाति का निर्गत प्रमाण-पत्र वैध निकला है। जिलाधिकारी की जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी ने सोमवार को अपनी ही पूर्व की रिपोर्ट को खारिज करते हुए उनके प्रमाण-पत्र पर वैधानिकता की मुहर लगा दी। 

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

पत्रकारिता जल्दबाजी में लिखा गया साहित्य है: प्रो. अरुण कुमार भगत


बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के आचार्य और बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत ने दिया 'पत्रकारिता में रचनाधर्मिता' पर व्याख्यान। काशी पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के सभागार में पद्मश्री प्रो. कमलाकर त्रिपाठी ने प्रो. अरुण कुमार भगत की पुस्तक 'पत्रकारिता: सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया' का किया लोकार्पण।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों की 'शब्द संवाद' श्रृंखला के तहत शनिवार को "पत्रकारिता में रचनाधर्मिता" विषय पर बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं बिहार लोकसेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत के व्याख्यान का आयोजन किया। विभागीय सभागार में हुए इस कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री प्रो. कमलाकर त्रिपाठी ने बतौर मुख्य अतिथि उनकी पुस्तक "पत्रकारिताः सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया" का लोकार्पण किया।

सोमवार, 30 जनवरी 2023

खिरियाबाग में आंदोलनरत किसानों ने 'गांधी के सपनों का गांव बनाम विकास' विषय पर किया सम्मेलन

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

आज़मगढ़। खिरिया बाग किसान-मजदूर संघर्ष के 110 वें दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर 'गांधी के सपनों का गांव बनाम विकास' विषय पर सम्मेलन का आयोजन हुआ. महात्मा गांधी के रास्ते पर गांवों की ग्रामसभाओं ने तय किया है कि हम जमीन नहीं देंगे और गांधी के गांवों ने तय कर लिया है तो कोई हमारी जमीन नहीं छीन सकता. इस अवसर पर बच्चों ने महात्मा गांधी के जीवन पर कविताएं और विचार व्यक्त किए. 

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विशेषः शिक्षा में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता

महात्मा गांधी एक शिक्षाविद और समाजशास्त्री थे जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए दुनिया भर में अहिंसा, नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए प्रेरित आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनका दर्शन सत्य, अहिंसा और नैतिकता पर आधारित था।  वह भारतीयों की समस्याओं से पूरी तरह वाकिफ थे और उन्होंने इस बात को ध्यान में रखा, जब उन्होंने नौकरी-उन्मुखता, चरित्र निर्माण, सामाजिक विकास और यौन-शिक्षा और बुनियादी शिक्षा देने पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में पता लगाया।  जब हम शिक्षा के इन उद्देश्यों को समाज की मौजूदा स्थिति से जोड़ते हैं तो हमें लगता है कि स्कूल और कॉलेजों में शिक्षा नौकरी उन्मुखीकरण के लक्ष्य को पूरा नहीं कर रही है और बच्चा अब हिंसा और अन्य सामाजिक विरोधी गतिविधियों में अधिक शामिल है।  दुनिया भर में हर देश में किशोरों द्वारा किए गए अपराध की संख्या बढ़ रही है।  स्थिति की मांग है कि गांधी के दर्शन का गंभीरता से पालन किया जाए और तभी हम मानवता को बचा सकते हैं और बच्चे का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं...

written by अच्छे लाल प्रजापति

हात्मा गांधी एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद् और समाजशास्त्री थे, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई और दुनिया भर में अहिंसा, नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया।  उन्होंने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में एक लंबा समय बिताया था, इसलिए उनकी सोच प्रक्रिया पश्चिमी संस्कृति से भी प्रभावित थी।  उन्हें गीता, कुरान और बाइबिल का गहरा ज्ञान था।  गांधी जी के शैक्षिक विचारों का महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि वे भारतीयों की समस्याओं से पूरी तरह परिचित थे और उन्होंने शैक्षिक विचार प्रदान करते समय इस बात को ध्यान में रखा।  एक तरफ उन्होंने पुरानी भारतीय शिक्षा प्रणाली के उद्देश्यों का समर्थन किया और दूसरी तरफ उन्होंने उन्हें आधुनिक काल के अनुसार संशोधित किया। उनका दर्शन प्रकृतिवाद, व्यावहारिकता और आदर्शवाद के बीच समन्वय राष्ट्र का एक उत्कृष्ट कृति है। गांधीवादी विचार ऐसे दर्शन और परंपरा पर आधारित है, जो मूल रूप से धर्मनिरपेक्ष है और सभी सवालों के जवाब देता है, जो पारिस्थितिक चेतना से भरे हुए हैं।  गांधी का दर्शन तीन मूलभूत सिद्धांतों - सत्य, अहिंसा और नैतिकता पर आधारित है, जो न केवल वैचारिक ढांचे हैं बल्कि आभासी अनुप्रयोग भी हैं।  गांधी दर्शन का केन्द्र बिन्दु शैक्षिक विचार था। उनके अनुसार शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए

शुक्रवार, 6 जनवरी 2023

पराड़कर एकादश की हैट्रिक, तीसरी बार जीती 'कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता' की उपाधि


कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में ईश्वरदेव मिश्र एकादश की 13 रनों से हार

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। ’प्लेयर ऑफ द मैच’ मीडियम पेसर प्रशांत मोहन की करिश्माई गेंदबाजी (6-20) की मदद से गत चैंपियन पराड़कर एकादश ने गुरुवार को यहां डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेले गए नाटकीय उतार-चढ़ाव से भरपूर खिताबी मुकाबले में गत उपजेता ईश्वरदेव मिश्र एकादश को दो गेंदों के शेष रहते 13 रनों से शिकस्त दी और आनंद चंदोला खेल महोत्सव के अंतर्गत कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता में लगातार तीसरी बार सर्वजेता का गौरव अर्जित किया। 

बुधवार, 4 जनवरी 2023

अंतरराष्ट्रीय धावक मुनीता प्रजापति को मिला पहला SANTRAM B.A. PIUS FELLOWSHIP

प्रजापति अंतर विश्वविद्यालय समाज  (PIUS) ने कुम्हार समुदाय के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जात-पात तोड़क मंडल के संस्थापक मंत्री और महान समाज सुधारक महात्मा संतराम बी.ए. के नाम से शुरू किया यह फेलोशिप। इस फेलोशिप के तहत 2500 रुपये प्रतिमाह की दर से मुनीता प्रजापति को मिलेगी आर्थिक सहायता। चार महीने की पहली किश्त 10000 रुपये मुनीता के बैंक खाते में हुआ स्थानांतरित।