मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

सोनभद्र में पराली (पुआल) जलाने पर छह किसानों पर FIR, 20 को नोटिस


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के अनुपालन में जिला प्रशासन ने दर्ज कराया एफआईआर।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। जिला प्रशासन ने खेतों में पराली (पुआल) जलाने को लेकर छह किसानों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराया है। इनमें तीन किसान रॉबर्ट्सगंज तहसील के हैं जबकि अन्य तीन किसान घोरावल तहसील के हैं। साथ ही जिला प्रशासन ने पुआल जलाने को लेकर जिले के 20 किसानों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं, मजदूर किसान मंच ने जिला प्रशासन के इस कार्रवाई को किसानों का उत्पीड़न बताकर उन पर से मुकदमा वापस लेने की मांग की है।

हमलों के दौर में नेटवर्क और सहकारी मंच खड़ा करें ग्रामीण पत्रकार:पी साईनाथ

पत्रकारों पर हमले के विरुद्ध समिति (CAAJ) ने द्वारा पराड़कर स्मृति सभागार में आयोजित 'कितनी आजाद है ग्रामीण पत्रकारों की कलम?' विषय पर रखी अपनी बात।
कार्यक्रम में यायावर पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव की पहली पुस्तक 'देसगांव' का हुआ विमोचन। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी, 29 नवंबर, 2019। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट पवित्र नगरी काशी पिछले शुक्रवार एक ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनी, जब दि हिंदू के पूर्व संपादक (ग्रामीण मामले) और प्रसिद्ध पत्रकार पी. साइनाथ ने काशी पत्रकार संघ के पराड़कर स्मृति भवन में ग्रामीण पत्रकारों की आज़ादी के विषय पर एक झकझोरने वाला व्याख्यान दिया।

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

वाराणसी में कुम्हारों ने भाजपा सरकार के खिलाफ निकाला मार्च, SC वर्ग में शामिल करने की मांग की


इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से  प्रतिबंधित करने की मांग भी की।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों से बार-बार छले जाने से नाराज कुम्हारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय शहर वाराणसी में भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। मार्च में कुम्हारों ने इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंध करने की मांग की। साथ ही कुम्हारों ने चेतावनी दी कि अगर हमारी उक्त मांगे नहीं मानी गईं तो कुम्हार समुदाय अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन छेड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।