गुरुवार, 7 नवंबर 2019

वाराणसी में कुम्हारों ने भाजपा सरकार के खिलाफ निकाला मार्च, SC वर्ग में शामिल करने की मांग की


इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से  प्रतिबंधित करने की मांग भी की।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों से बार-बार छले जाने से नाराज कुम्हारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय शहर वाराणसी में भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। मार्च में कुम्हारों ने इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंध करने की मांग की। साथ ही कुम्हारों ने चेतावनी दी कि अगर हमारी उक्त मांगे नहीं मानी गईं तो कुम्हार समुदाय अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन छेड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) और प्रजापति स्वाभिमान एकता मंच ने संयुक्त रूप से इस मार्च का आयोजन किया था। नदेसर स्थित कटिंग मेमोरियल इंटर कॉलेज परिसर से कुम्हारों ने बिजली बिल माफ करो, नहीं तो इलेक्ट्रॉनिक चाक वापस लो सरीखे नारों के साथ मार्च निकाला जो जिला मुख्यालय जाकर खत्म हुआ। वहां उन्होंने जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को अपना मांग-पत्र सौंपा। इस दौरान प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति के प्रमख डॉ. छेदी लाल निराला प्रजापति ने कहा कि केंद्र और राज्य की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कुम्हार समुदाय के लोगों का वोट तो लिया लेकिन उनकी भलाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कुम्हार समुदाय शिल्पकार की श्रेणी में आता है और शिल्पकार समुदाय अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल है लेकिन उत्तर प्रदेश में कुम्हारों को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखकर सबसे पीछे कर दिया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने आश्वासन देकर केवल छला है। अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य की सत्ता में काबिज भाजपा सरकार कुम्हार समुदाय को शिल्पकार समुदाय की तहर अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भाजपा की सरकारें ऐसा नहीं करती हैं तो उसके खिलाफ पूरे उत्तर प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा और धरना प्रदर्शन के जरिेये कुम्हारों को भाजपा के खिलाफ वोट करने के लिए गोलबंद किया जाएगा। 

मार्च में प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष अभय प्रजापति, छात्र नेता राम आसरे प्रजापति, अरविंद प्रजापति, सत्यदेव प्रजापति, दूधनाथ प्रजापति, धर्मेंद्र प्रजापति, चेखुर प्रजापति, अशोक प्रजापति, माटी कला बोर्ड के सदस्य गणेश प्रजापति, संतोष प्रजापति, राजेश प्रजापति, इंजीनियर रमेश चौधरी, राकेश प्रजापति, डॉ. जीऊत लाल प्रजापति, संदीप प्रजापति, आयुष प्रजापति, भगत सिंह-अंबेडकर विचार मंच के एसपी राय, स्वराज अभियान के सदस्य और किसान नेता राम जनम, निषाद समाज के जिला मंत्री पप्पू साहनी, संतोष विश्वकर्मा समेत करीब पांच सौ लोग मौजूद रहे।






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