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बुधवार, 10 जून 2015

प्रदूषण फैलाने और आरओ प्लांट नहीं लगाने वाली इकाइयों पर दर्ज होगी प्राथमिकी

जिलाधिकारी ने यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी को दिया निर्देश।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लापरवाह और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों की कारस्तानियों की वजह से जिले में प्रदूषण फैला रहे निजी एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों और दिशा-निर्देशों ठेंगा दिया है। वे उसके दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों की कारगुजारियों से चिंतित जिलाधिकारी संजय कुमार ने एनजीडी के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में हिला-हवाली करने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह से लापरवाही बरतने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) दर्ज कराने का निर्देश दिया है। 

जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिलाधिकारी ने गत 9 जून को कलेक्ट्रेट सभागार में एनजीटी के दिशा-निर्देशों के तहत जिले में औद्योगिक इकाइयों की ओर से स्थापित आरओ सिस्टम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयां मानक के अनुरूप अपने संयंत्रों का संचालन करें। जो औद्योगिक इकाइयां मानक के अनुरूप पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी। 

जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान एनसीएल सहित कई औद्योगिक इकाइयों की अनुपालन स्थिति धीमी पाये जाने पर मौके पर मौजूद मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह और यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह को निर्देशित किया कि वे एनजीटी के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए औद्योगिक इकाइयों की गतिविधियों पर पूरी तत्परता से निगाह रखें। जो औद्योगिक प्रतिष्ठान मानक के अनुरूप अपनी इकाई संचालित नहीं करते हैं, उनके खिलाफ सक्षम स्तर पर पत्राचार कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। 

उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि वे जून महीने के अन्त तक औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों के साथ ही सरकारी महकमों से जुड़े अधिकारियों की एक समन्वय बैठक इस आशय से आयोजित करायें कि इकाईयों से निकलने वाली राख से ईट निर्माण की प्रक्रिया के आर्थिक अध्ययन, क्षेत्रीय उपयोग, व्यक्तिगत उपयोग व सरकारी योजनाओं के निर्माण कार्यों के उपयोग पर व्यापक विचार-विमर्श हो। अगर राख से निर्मित ईट आर्थिक रूप से सस्ते और मजबूत हो, तो राख का उपयोग ईंट बनाने के लिए किया जाय। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को सस्ते दाम में ईंट मुहैया होने के साथ ही राख निस्तारण में भी मदद मिले। 

अनपरा, मधुपुर और डाला बनेंगे नगर पंचायत

नगर विकास विभाग को भेजा गया प्रस्ताव।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही जिले के अनपरा, मधुपुर और डाला बाजारों को नगर पंचायत का दर्जा मिल जाएगा। इन बाजारों को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेज दिया गया है। साथ ही कोन और करमा क्षेत्र को नया विकास खण्ड बनाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसका प्रस्ताव भी ग्राम विकास विभाग को भेजा जा चुका है। 

जिलाधिकारी संजय कुमार ने गत 9 जून को इस बात की जानकारी दी। जिलाधिकारी के मुताबिक गुरमुरा में राजकीय इंटर कॉलेज और बभनी में राजकीय डिग्री कॉलेज खोले जाने की घोषणा हो चुकी है। इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रॉबर्ट्सगंज में सर्किट हाउस बनाने की घोषणा भी की है जो जल्द ही निर्मित होगा। 

उन्होंने कहा कि जसौली सिंचाई परियोजना के निर्माण की घोषणा पर भी कार्य हो रहा है। जिले में पर्यटकों की आकर्षित करने के लिए हिन्दू-मुस्लिम राष्ट्रीय एकता के प्रतीक विजयगढ़ किला के साथ अमीला भगौती धाम को विकसित किये जाने की योजना है। हाथीनाला के पास बायोडायवर्सिटी, हाटस्पॉट बनाने की घोषणा भी की गयी है। इसी प्रकार से सतही जल को ध्यान में रखते हुए मीरजापुर के सिरसी बांध से पानी लेकर बड़ी पेयजल योजना बनाये जाने की घोषणा की गयी है। इससे 150 से अधिक ग्रामों के डेढ़ लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी। योजना का प्रस्ताव जल निगम द्वारा प्रस्ताव तैयार कर ग्राम विकास विभाग को भेजा जा चुका है।