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बुधवार, 9 दिसंबर 2020

किसान आंदोलनः मोदी सरकार के हठ ने ली 4 किसानों की जान, पंजाब के मुख्यमंत्री ने 5-5 लाख रुपये देने का किया ऐलान

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली मोदी सरकार के हठ से किसान आंदोलन में अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं! इनमें से चार किसान थे। वहीं, पंजाब की कांग्रेस सरकार के मुखिया अमरिन्दर सिंह ने मृतक किसानों के परिजनों को पांच-पाच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। पढ़िए जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की यह रिपोर्टः

किसान आंदोलन में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से चार मौतें बहादुरगढ़ में धरने पर बैठे किसानों की हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनमें तीन किसानों की मौत बीमार होने से हुई हैं जबकि किसानों का ट्रैक्टर ठीक करने आए एक ट्रैक्टर मकैनिक की मौत उसकी स्वीफ्ट कार में आग लगने से हो गई थी। 

बुधवार, 19 अगस्त 2020

कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सिंह ने सोनभद्र में 64 परिवारों की बेदखली की नोटिस का किया विरोध, कहा- भाजपा MLC ने कब्जे की नियत से लिखी चिट्ठी

वाराणसी (स्नातक खंड) विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ने योगी सरकार से  पूर्व एमएलसी केदार नाथ सिंह की विधायक निधि से बेटे और बहू को लाभ पहुंचाने के आरोप की जांच कराने की मांग की है...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत बहुअरा के 64 परिवारों को नहर प्रखंड की ओर से मिली बेखदखली नोटिस के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वाराणसी (स्नातक खंड) विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सिंह ने योगी सरकार की इस नोटिस का विरोध किया है। उन्होंने राज्य सरकार से पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने भाजपा के पर्व एमएलसी केदार नाथ सिंह पर पद का दुरुपयोग कर ग्रामीणों की भूमि पर कब्जा करने की नियत से चिट्ठी लिखने का आरोप लगाया है और उनके इस कृत्य को अन्यायपूर्ण बताया है। उन्होंने केदार नाथ सिंह पर पद का दुरुपयोग कर विधायक निधि के धन से अपने बेटे और बहू को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है और योगी सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की है।  

शुक्रवार, 26 जून 2020

कुम्हारों को ज़िंदा जलाने पर मुख्यमंत्री की नहीं खुली जुबान, सपा-बसपा-भाजपा और कांग्रेस भी खामोश

उत्तर प्रदेश की करीब चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों में से किसी ने भी एक ट्विट तक नहीं किया...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के माधोनगर खरपरी निवासी कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंकने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल(सोनेलाल) आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों की जुबान तक नहीं खुली। उन्होंने उत्तर प्रदेश की चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के पीड़ित परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी एक ट्विट करना मुनासिब नहीं समझा। जौनपुर में अनुसूचित समुदाय के लोगों पर हुए हमले में हमलावरों पर रासुका लगाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से कुम्हारों को जिंदा फूंक दिये जाने पर संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। वहीं,  जब भागीदारी संकल्प मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने मैनपुरी पहुंचे तो उन्हें जिला प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया। 

शुक्रवार, 29 मई 2020

सपा किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगीः अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एबीपी न्यूज़' को दिए साक्षात्कार में कहा कि सपा छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन करने के साथ उन्हें एडजस्ट भी करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की नीतियों में कोई अंतर नहीं है।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। भाजपा और कांग्रेस की नीतियों में कोई अंतर नहीं है। दोनों एक जैसी पार्टी हैं। समाजवादी पार्टी किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। वह छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी और उन्हें समाजवादी पार्टी में एडजस्ट करेगी। 

प्रतापगढ़ कांडः कुर्मी नेताओं की गोलबंदी के आगे झुकी योगी सरकार, सात दिनों बाद दबंग ब्राह्मणों पर FIR

आसपुर देवसरा थाने के परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पुलिस ने घटना के सात दिनों पर मुख्य आरोपी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों पर कुल आठ धाराओं में दर्ज की एफआईआर। गोविंदपुर गांव निवासी नन्हें वर्मा की पत्नी सीता देवी की तहरीर पर अभी दर्ज नहीं हुई एफआईआर।

सरदार सेना के अध्यक्ष रमा शंकर सिंह पटेल, अपना दल (एस) के नेता और एमएलसी आशीष पटेल, मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र पटेल, अपना दल की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष पल्लवी पटेल, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, विश्वनाथगंज विधायक आरके वर्मा, गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल, पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ अनूप पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर आदर्श पटेल ने कुर्मी समुदाय के पीड़ित किसानों के पक्ष में की राजनीतिक गोलबंदी।
 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रतापगढ़। पट्टी इलाके के गोविंदपुर और परसद गांव में गत 22 मई को कुर्मी समुदाय के किसानों पर हुए हमलों के मामले में पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई से नाराज कुर्मी नेताओं की राजनीतिक गोलबंदी के आगे आखिरकार योगी सरकार बृहस्पतिवार को झुक गई। आसपुर देवसरा थाने की पुलिस ने घटना के सात दिनों बाद परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पट्टी कोतवाली क्षेत्र के धुई गांव निवासी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों के खिलाफ कुल आठ धाराओं में एफआईआर दर्ज किया। इनमें 12 लोगों के नाम शामिल हैं। हालांकि इसमें अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, गोविंदपुर निवासी नन्हें वर्मा की पत्नी सीता देवी की तहरीर पर पुलिस ने अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है। ़

रविवार, 24 मई 2020

प्रतापगढ़ में दबंग ब्राह्मणों ने कुर्मी समुदाय के किसानों पर किया जानलेवा हमला, सरदार सेना और कांग्रेस ने बताया जंगलराज

गोविंदपुर गांव में किसान का जला घर
अपना दल (सोनेलाल) ने हमलावरों पर कार्रवाई के लिए पुलिस में लगाई गुहार। पुलिस ने क्षेत्राधिकारी से मामले की जांच कराने की बात कही। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में  दबंग ब्राह्मणों ने शुक्रवार को कुर्मी समुदाय के किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने उनके घर फूंक दिए और पशुओं को भी जलाने की कोशिश की। इससे नाराज सरदार सेना और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। किसी ने जंगल राज बताया तो किसी ने कानून व्यवस्था खत्म होने की बात कही। वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के एमएलसी ने हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई।

शनिवार, 23 मई 2020

राजस्थान: गरीबों की सेहत के ठेके में 1500 करोड़ का 'खेल', 2000 करोड़ की जगह 3500 करोड़ में BAJAJ ALLIANZ को दिया ठेका

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक दस्तावेज़ के मुताबिक राज्य के 50 लाख परिवारों को कवर करने का ठेका बजाज आलियांज़ जीआइसी लिमिटेड को मिला है। नियमों के मुताबिक इस ठेके का मूल्य 2000 करोड़ से ज्यादा नहीं होना चाहिए था लेकिन सरकार बजाज आलियांज़ को इसके लिए 3500 करोड़ देगी जिससे राजकोष को 1500 करोड़ का घाटा होगा...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा का ठेका 75 फीसद ज्यादा मूल्य पर एक निजी कंपनी को दे दिया है। इस योजना के लिए दो बार बोली आमंत्रित की गयी लेकिन दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही मौकों पर एक ही कंपनी ने बोली लगायी।

शुक्रवार, 22 मई 2020

मीडिया का ब्राह्मणवादः संदीप सिंह पर FIR दर्ज नहीं!

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह

(राजीव सिंह जादौन अपनी इस टिप्पणी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर दर्ज प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) की मीडिया कवरेज को लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हैं। खबरों में संदीप सिंह के नाम का जिक्र नहीं होने पर वे इसे मीडिया का ब्राह्मणवाद कहते हैं। मीडिया इंडस्ट्री पर हुए विभिन्न शोधों में जाति आधारित भेदभाव के प्रमाण भी सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद लेखक इस भेदभाव को मीडिया का ब्राह्मणवाद कहते हैं। इस टिप्पणी को आप खुद पढ़ें और तय करें कि यह मीडिया का ब्राह्मणवाद या जातिवाद या और कुछ? पढ़ने के बाद अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें और संभव हो तो विस्तृत में लिखें। वनांचल एक्सप्रेस ऐसे मुद्दे पर एक गंभीर विमर्श चाहता है। गंभीर और तथ्यात्मक लेखों को वनांचल एक्सप्रेस यहां प्रकाशित करेगा।- संपादक)

"मैंने जितने भी न्यूज चैनल देखे, उसमें एक भी ऐसा नहीं था, जहां यह लिखा या दिखाया गया कि 'संदीप सिंह पर एफआईआर दर्ज'। हर जगह यही लिखा मिला "प्रियंका गांधी के निजी सचिव पर एफआईआर दर्ज"

रविवार, 3 सितंबर 2017

सर्वदलीय बैठक में गूंजा बीएचयू अस्पताल में मौतों का मुद्दा, होगा आंदोलन

सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते पूर्व विधायक अजय राय
हैंड्स ऑफ महामना एरा ने गैर-राजग पार्टियों की बुलाई थी सर्वदलीय बैठक। जनविरोधी बीएचयू प्रशासन और सत्ताधारी बीजेपी की नीतियों के भंडाफोड़ पर बनी सहमति।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जहरीली नाइट्स आक्साइड गैस से हुई मौतों के मामले को लेकर नरिया स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के सभागार में शनिवार को एनडीए विरोधी राजनीतिक पार्टियों की सर्वदलीय बैठक हुई। हैण्ड्स ऑफ महामना एरा बैनरतले आयोजित इस बैठक में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से बीएचयू प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ जनांदोलन छेड़ने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने सामुहिक रूप से मार्च निकाल कर विश्वविद्यालय प्रशासन और बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने का निर्णय लिया।

मंगलवार, 7 मार्च 2017

BJP का सियासी दांवः जीत कर भी हार जाएंगे यूपी के आदिवासी

फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश में पहली बार आदिवासियों के लिए आरक्षित दुद्धी और ओबरा विधानसभा सीटों का निर्वाचन हो सकता है रद्द। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश-2008’ में किया गया संशोधन संवैधानिक रूप से मान्य नहीं!
reported by शिव दास

लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2014 के बाद केंद्र की सत्ता में आई भाजपा के सियासी दांव में यूपी के आदिवासी एक बार फिर फंस सकते हैं। सूबे में जारी विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों पर ताल ठोंक रहे आदिवासियों की जीत कर भी हार जाने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में पहली बार आदिवासियों के लिए आरक्षित दुद्धी और ओबरा विधानसभा सीटों का चुनाव भविष्य में कभी भी रद्द हो सकता है क्योंकि केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश-2008’ में किया गया संशोधन संवैधानिक रूप से मान्य नहीं है! हालांकि यह 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश-2008' और 'संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुनःसमायोजन (तीसरा) विधेयक-2013’ के आलोक में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर करेगा।

मंगलवार, 28 जून 2016

मोदी खुद इन्हीं परिस्थितियों की पैदाइश हैं?

आपातकाल के दौरान संविधान में तकरीबन 25 संशोधन किए गए थे। हालांकि जनता पार्टी के शासन में आने के बाद उन सबको एक साथ रद्द कर दिया गया था। तब इन संशोधनों को मिनी संविधान करार दिया गया था। यहां तो पूरे संविधान को ही बदलने की बात की जा रही है...

महेंद्र मिश्रा
वैसे तो आपातकाल 26 जून को लगा था। वह दिन बीत गया है। कुछ लिखने की इच्छा के बावजूद दूसरी व्यवस्तताएं भारी पड़ीं। लेकिन चूंकि इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है इसलिए लिखना जरूरी हो गया था। इस सिलसिले में आए लेखों में दो चीज देखने को मिली। कुछ ने इंदिरा गांधी के आपातकाल को कोसने तक अपने को सीमित रखा। तो कुछ ने इसे मौजूदा संदर्भ से जोड़ने की भी कोशिश की। पहली जमात में ऐसे लोग हैं जिनकी कुछ राजनीतिक प्रतिबद्धताएं हैं। या फिर न तो वो लोकतंत्र के मर्म को समझते हैं और न ही उन्हें आपातकाल के खतरे का अहसास है। दूसरी श्रेणी के लोग भी अगर मौजूदा समय को सिर्फ आपातकाल के ही एक दूसरे चेहरे के तौर पर देख रहे हैं। तो वो भी असल तस्वीर से अभी दूर हैं।

रविवार, 10 जनवरी 2016

संदीप पाण्डेय की बर्खास्तगी के खिलाफ बीएचयू प्रशासन का फूंका पुतला

बीएचचू गेट पर विश्विद्यालय प्रशासन का पुतला फूंकते
 युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता और छात्रगण।

बीएचयू कैम्पस के भगवाकरण के खिलाफ आरएसएस विरोधी नारे लगे।

वनांचल न्यूज नेटवर्क

वाराणसी। आईआईटी बीएचयू के विजिटिंग फैकल्टी पद से मैग्सेसे पुरस्कार सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय की बर्खास्तगी के खिलाफ युवक कांग्रेस की स्थानीय इकाई की अगुआई में छात्रों ने शुक्रवार को काशी विश्वविद्यालय के सिंघद्वार पर बीएचयू प्रशासन का पुतला फूंका। साथ ही उन्होंने बीएचयू कैम्पस का भगवाकरण किये जाने के खिलाफ आरएसएस विरोधी नारे लगाए।

युवक कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले ढाई वर्षों से संदीप पाण्डेय बीएचयू आईआईटी में अतिथि प्रवक्ता रहे। इस बीच परिसर में वह अपने अनूठी कार्यशैली के लिए चर्चा का विषय भी बने रहे। आईआईटी के छात्रों को मनरेगा, आरटीआई और खेती-किसानी, वंचितों के सर्वेक्षण और उनके बच्चों का प्रवेश स्कूलों में करवाने के प्रोजेक्ट आदि बनवाने वाले शिक्षक के रूप में संदीप पाण्डेय छात्रों के बीच दोस्ताना सम्बन्ध रखते हैं।

पुतला दहन कार्यक्रम से पहले छात्रों की एक सभा हुई। इसमें युवक कांग्रेस के कैंट क्षेत्र के अध्यक्ष ओमशंकर ने कहा कि विवि परिसर आरएसएस की एक बड़ी शाखा या फिर कहे की नागपुर कार्यालय बनता जा रहा है। इसमें अब किसी को कोई शक या सुबहा नहीं रहेगा। संदीप जी एक प्रख्यात गाँधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और समाज़वादी वैचारक हैं। हम कांग्रेस के साथियों को तमाम आंदोलनों के समय मशविरे के रूप में आपने संयम और अहिंसा से आंदोलन चलाने की नसीहत दिया है। एक ऐसा व्यक्ति जो एशिया का विख्यात पुरस्कार मैग्सेसे से सम्मानित हो उसे राष्ट्रद्रोही कहना सही अर्थों में असहिष्णुता है। हम कांग्रेसजन युवा छात्र पिछले दिनों से लगातार विधायक अजय राय के लिए संघर्षरत हैं। जिस प्रकार के केस में जैसे विधायक जी पर बिना किसी सुबूत के रासुका लगा के उनका उत्पीड़न और मानहानि हो रही है, ठीक उसी प्रकार से संदीप पाण्डेय जी को भी आरएसएस के कुलपति राष्ट्रद्रोही बताकर अपमानित करना चाह रहे हैं। ये लोग ऐसा करके समाज के लिए संघर्ष कर रहे नेताओं को जनता से अलग करना चाह रहे हैं और फिर अपने कॉर्पोरेट फासिस्ज्म (पूंजीवादी फांसीवाद ) को जबरदस्ती लागू करना चाहते हैं।

'संदीप पाण्डेय जी की वजह से फेरी पटरी लगाने वाले तमाम वंचितों को पुलिस वसूली से निजात मिली है। चाय बेचने वाले प्रधानमंत्री के राज में सड़क पर चाय बेचना दुश्वार है , यदि संदीप सर न होते तो हमारी दुकाने ये बीएचयू और बनारस के पुलिस और अधिकारी मिलकर उजाड़ दिए होते', ये कहना है पटरी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष चिंतामणि सेठ का। विश्विद्यालय प्रशासन का पुतला दहन करने के साथ ही युवाओं ने आक्रोश भरे लहज़े में कहा की कुलपति चेत जाएं और पाण्डेय की बहाली तत्काल करें। यह न भूले की इस विश्वविद्यालय की जमीन पर ही आरएसएस के कार्यालय को ज़मींदोज़ करने का गौरवशाली कार्य भी हुआ है। कहीं संदीप पाण्डेय का प्रकरण आरएसएस के अंत की शुरुआत न सिद्ध हो जाए ।

पुतला दहन और सभा में प्रमुख रूप से राघवेन्द्र चौबे,पार्षद गोविन्द शर्मा ,ओम शुक्ला, नागेन्द्र पाठक,,सलाउद्दीन खान,धनंजय त्रिपाठी,विकास सिंह ,रामजी पाण्डेय, विशाल मिश्रा,सिद्धार्थ केशरी जी,आशुतोष उपाध्याय जी,चिंतामणि सेठ,पंकज पाण्डेय ,शान्तनु चौबे ,रोहित चौरसिया ,अभिसेक चौरसिया, चंचल शर्मा, प्रेम सोनकर, चन्दन पटेल, अस्पताली सोनकर, इमाम हुसैन ,बाबू सोनकर आदि मौजूद रहे ।

रविवार, 9 अगस्त 2015

भारत में 1866 राजनीतिक दल

नई दिल्ली (भाषा)। चुनाव आयोग के समक्ष राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने के लिए काफी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। मार्च 2014 से इस वर्ष जुलाई के बीच 239 नये संगठनों ने पंजीकरण कराया है। इससे देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 1866 हो गई है।

चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जुलाई को देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 1866 दर्ज की गई जिसमें 56 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल थे जबकि शेष ‘गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल थे। पिछले लोकसभा चुनाव 2014 के समय चुनाव आयोग की ओर से एकत्र आंकड़ों के मुताबिक, 464 राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार खड़े किये थे। चुनाव आयोग द्वारा एकत्र आंकड़ों को संसद में उपयोग के लिए विधि मंत्रालय के साथ साझा किया गया था। मंत्रालय का विधायी विभाग आयोग की प्रशासनिक इकाई है।

चुनाव आयोग के अनुसार 10 मार्च 2014 तक देश में ऐसे राजनीतिक दलों की संख्या 1593 थी। 11 मार्च से 21 मार्च के बीच 24 और दल पंजीकृत हुए और 26 मार्च तक 10 और दल पंजीकतृ हुए। इस दौरान ही पांच मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई थी।