NCL लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
NCL लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 10 जून 2015

कनहर परियोजनाः निजी प्रतिष्ठानों के भरोसे विस्थापितों की जिंदगी

जिलाधिकारी ने निजी कंपनियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से डूब क्षेत्र के परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने की गुजारिश की।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। दुद्धी तहसील के अमवार क्षेत्र में निर्माणाधीन ‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ से प्रभावित होने वाले डूब क्षेत्र के 11गांवों के बाशिंदों को मुनाफाखोर निजी कंपनियों और औद्योगिक घरानों के शोषण का शिकार होना पड़ेगा। जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवार के सदस्यों को रोजगार उपलब्ध कराने की कवायद कुछ ऐसा ही बयां कर रही है। 

जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में साफ कहा गया है कि जिलाधिकारी संजय कुमार ने गत 9 जून को कलेक्ट्रेट सभागार में औद्योगिक प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उनसे प्रभावितों को रोजगार उपलब्ध कराने की गुजारिश की। विज्ञप्ति में लिखा है कि औद्योगिक प्रतिष्ठान डूब क्षेत्र में विशेष रोजगार मेला लगाकर विस्थापितों को रोजगार मुहैया करावें। हालांकि विज्ञप्ति में यह नहीं बताया गया कि जिलाधिकारी ने किन-किन औद्योगिक प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। 

विज्ञप्ति के मुताबिक जिलाधिकारी ने ‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ अमवार क्षेत्र में 11 गांव डूब में आ रहे हैं। सरकार उन गांवों को हर मुमकिन सहुलियत मुहैया करा रही है। विस्थापित व्यक्तियों को रोजगार दिलाना एक काफी महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए जिले में स्थापित औद्योगिक इकाईयों को आगे आना होगा। जिलाधिकारी ने जिला सेवायोजन अधिकारी को निर्देशित किया कि वे जून महीने के अन्त तक मुख्य विकास अधिकारी, उप श्रमायुक्त पिपरी, उपायुक्त जिला उद्योग केन्द्र और उत्तर प्रदेश प्रदूषणण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी से समन्वय स्थापित कर डूब क्षेत्र के विस्थापितों को रोजगार दिलाने के लिए पंजीकरण कैम्प आयोजित करें। 

इसी प्रकार से जिलाधिकारी ने डूब क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार दिलाने के लिए पूरी व्यवस्था की समन्वयन की जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी को सौंपते हुए कहा कि जून महीने के अन्त तक जिले के सभी औद्योगिक इकाईयों से सम्पर्क कर औद्योगिक इकाईयों के स्टाल भी विषेश रोजगार मेला में लगवायें, ताकि डूब क्षेत्र के नागरिकों को रोजगार पंजीकरण व रोजगार पाने के लिए दौड़-भाग न करना पड़े। 

उन्होंने कहा कि ‘‘कनहर सिंचाई परियोजना‘‘ के तैयार होने से 108 गांवों में नहरों से सिंचाई का साधन होगा और क्षेत्र में हरियाली आने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। फिर भी विस्थापित नौजवानों व पात्रों को रोजगार दिलाना पुनीत कार्य है। इसलिए जिले में स्थापित औद्योगिक इकाईयां अकुशल मजदूरों को प्राथमिकता के आधार पर अपने संस्थानों में रोजगार मुहैया करायें। विशेष रोजगार मेला के दौरान कुशल मजदूर/तकनीकी सहायक पाये जाने पर रोजगार देने के लिए प्राथमिकता दिया जाय। बैठक में जिलाधिकारी संजय कुमार के अलावा मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह, उप श्रमायुक्त पिपरी राकेश द्विवेदी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह, जिला सेवा अधिकारी पदम वीर कृष्ण, औद्योगिक इकाईयों के पदाधिकारीगण सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

प्रदूषण फैलाने और आरओ प्लांट नहीं लगाने वाली इकाइयों पर दर्ज होगी प्राथमिकी

जिलाधिकारी ने यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी को दिया निर्देश।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लापरवाह और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों की कारस्तानियों की वजह से जिले में प्रदूषण फैला रहे निजी एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों और दिशा-निर्देशों ठेंगा दिया है। वे उसके दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों की कारगुजारियों से चिंतित जिलाधिकारी संजय कुमार ने एनजीडी के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में हिला-हवाली करने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह से लापरवाही बरतने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ प्रथम सूचना रपट (एफआईआर) दर्ज कराने का निर्देश दिया है। 

जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिलाधिकारी ने गत 9 जून को कलेक्ट्रेट सभागार में एनजीटी के दिशा-निर्देशों के तहत जिले में औद्योगिक इकाइयों की ओर से स्थापित आरओ सिस्टम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयां मानक के अनुरूप अपने संयंत्रों का संचालन करें। जो औद्योगिक इकाइयां मानक के अनुरूप पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी। 

जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान एनसीएल सहित कई औद्योगिक इकाइयों की अनुपालन स्थिति धीमी पाये जाने पर मौके पर मौजूद मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह और यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह को निर्देशित किया कि वे एनजीटी के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए औद्योगिक इकाइयों की गतिविधियों पर पूरी तत्परता से निगाह रखें। जो औद्योगिक प्रतिष्ठान मानक के अनुरूप अपनी इकाई संचालित नहीं करते हैं, उनके खिलाफ सक्षम स्तर पर पत्राचार कर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। 

उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि वे जून महीने के अन्त तक औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों के साथ ही सरकारी महकमों से जुड़े अधिकारियों की एक समन्वय बैठक इस आशय से आयोजित करायें कि इकाईयों से निकलने वाली राख से ईट निर्माण की प्रक्रिया के आर्थिक अध्ययन, क्षेत्रीय उपयोग, व्यक्तिगत उपयोग व सरकारी योजनाओं के निर्माण कार्यों के उपयोग पर व्यापक विचार-विमर्श हो। अगर राख से निर्मित ईट आर्थिक रूप से सस्ते और मजबूत हो, तो राख का उपयोग ईंट बनाने के लिए किया जाय। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को सस्ते दाम में ईंट मुहैया होने के साथ ही राख निस्तारण में भी मदद मिले।