बुधवार, 28 मार्च 2018

ये एंकर अब जन विरोधी गुंडे हैं

पब्लिक ही मेरा संपादक है और मैं पब्लिक न्यूज़ रूम में काम करता हूं...
रविश कुमार की कलम से
हमारा चैनल अब कई शहरों में नहीं आता है। इससे काम करने के उत्साह पर भी असर पड़ता है। शहर का शहर नहीं देख पा रहा है, सुनकर उदासी तो होती है। इससे ज्यादा उदासी होती है कि संसाधन की कमी के कारण आपके द्वारा भेजी गई हर समस्या को रिपोर्ट नहीं कर पाते। कई लोग नाराज़ भी हो जाते हैं। कोई बेगुसराय से चला आता है तो कोई मुंबई से ख़बरों को लेकर चला आता है। उन्हें लौटाते हुए अच्छा नहीं लगता।