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शुक्रवार, 4 मार्च 2016

पश्चिम बंगाल में सात चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव

भारत निर्वाचन आयोग ने की पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और असम में विधानसभा चुनावों की घोषणा। तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में सिर्फ एक चरण 16 मई को पड़ेंगे वोट। पश्चिम बंगाल में 4 अप्रैल को पड़ेंगे पहले चरण के वोट। 5 मई को सातवें चरण के मत पड़ेंगे। 19 मई को सभी राज्यों की मतगणना होगी। असम में दो चरणों में 4 और 11 अप्रैल को वोटिंग होगी।

वनांचल न्यूज नेटवर्क


नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने आज पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और असम में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 4 अप्रैल से 5 मई के बीच सात चरणों में होंगे। पहले चरण का मत चार अप्रैल को पड़ेगा। वहीं तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव केवल एक दिन 16 मई को होगा। केरल की सभी 140 विधानसभा सीटों पर भी 16 मई को ही वोट पड़ेगा। उक्त पांच राज्यों की मतगणना 19 मई को होगी। भारत निर्वाचन आयोग की इस घोषणा के साथ निर्वाचन वाले सभी राज्यों में चुनाव आचार संहिता आज से लागू हो गई है। असम में दो चरणों में 4 और 11 अप्रैल को वोटिंग होगी। जबकि पश्चिम बंगाल में सात चरणों 4, 11 17, 21, 25, 30 और 5 मई को वोटिंग होगी। केरल और तमिलनाडु में सिर्फ एक चरण में ही वोटिंग होगी।

केरल की 148, तमिलनाडु में 234, पश्चिम बंगाल में 294, पुडुचेरी में 30 और असम में 126 विधानसभा सीटों में चुनाव होने हैं। सभी राज्यों के करीब 17 करोड़ वोटर अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी की कुल 824 विधानसभा सीटों पर चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि विकलांग मतदाताओं के लिए पोलिंग बूथ पर रैंप बनाए जाएंगे। सभी पोलिंग बूथों में मॉडल सुविधाएं होंगी। मतदाताओं की सुविधा के लिए ईवीएम में नोटा का चिन्ह दिया जाएगा। साथ ही उम्मीदवारों के नाम के आगे उनकी फोटो भी रहेगी। उन्होने कहा कि चुनाव आयोग पेड न्यूज पर भी नजर रखेगा।

चुनावों के दौरान सुरक्षा के मुद्दे पर जैदी ने कहा कि सभी राज्यों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी। हर जिले में पांच केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे। असम और पश्चिम बंगाल के पोलिंग स्टेशनों में केंद्रीय बल सुरक्षा में तैनात होंगे। इसके साथ ही चुनावों के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए लंबे समय से तैनात अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे।

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