SC लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
SC लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 28 जुलाई 2021

तुम कन्नौज के चमार हो और मैं बनारसी ठाकुर...

चंदौली के अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) अनिल कुमार ने पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) पर लगाया जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप। वाराणसी परिक्षेत्र के अपर पुलिस महानिदेशक और वाराणसी मंडल के पुलिस महानिरीक्षक समेत पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर की शिकायत। शासन के उच्चाधिकारियों समेत मुख्यमंत्री को भी भेजी प्रतियां।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

"तुम कन्नौज के चमार हो और मैं बनारसी ठाकुर हूं, ठाकुरों की सरकार है। तुम्हारे जैसे लोग हमारे घर कूड़ा फेंकते हैं। एसपी, आईजी, डीआईजी, एडीजी मेरे जेब में रहते हैं। आरआई हूं। मैं ही सारी खरीददारी करता हूं और एसपी, एएसपी लाइन, सीओ लाइन हमारे कारिंदे होते हैं जो मैं चाहूं, वही रजिस्टर मैं दिखाता हूं। जो नहीं चाहता हूं, उसे नहीं दिखाता हूं। मदों में नियुक्त अभि. कर्मचारीगण के रजिस्टर के बारे में पूछने वाले तुम कौन हो। एसपी आईजी, डीआईजी, एडीजी पूछेंगे, तुम कौन हो?"

सोमवार, 14 जून 2021

जातिगत उत्पीड़न को लेकर भाजपा पर फूटा बुद्धिजीवियों का गुस्सा, विपक्ष को भी ठहराया जिम्मेदार

परिचर्चा को संबोधित करते प्रो. जीएस मौर्य
बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने देश में जाति के आधार पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यों के उत्पीड़न के लिए आरएसएस और भाजपा को बताया जिम्मेदार। विपक्ष की वर्तमान राजनीति के लिए जताई चिंता।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सूबे में सरगर्मी तेज हो गई है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी सत्ता विरोधी लहर को शांत करने के लिए अपने सहयोगियों समेत छोटे-छोटे दलों को साधने में जुटी है तो उसकी नीतियों से नाराज बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता लोगों को गोलबंद करने में जुट गए हैं। इसे लेकर लोगों के बीच मंथन भी हो रहा है। ऐसा ही मंथन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अखरी चौराहा इलाके स्थित एक निजी भवन में हुआ जिसमें वाराणसी में सक्रिय बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक बौद्धिक मंच और प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) की ओर से आयोजित 'जातिगत उत्पीड़न और विपक्ष की राजनीति' विषयक परिचर्चा में वक्ताओँ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा की हिन्दुत्व संस्कृति, वर्णव्यवस्था और नीतियों पर जमकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार की मनुवादी नीतियों के लिए विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया।

शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

MGAHV: Ph.D हिन्दी साहित्य की 23 सीटों में SC को नहीं मिली एक भी सीट, दिव्यांगों के हाथ भी खाली

हिन्दी साहित्य की 23 सीटों में 10 सीट अनारक्षित हैं। ओबीसी को कुल नौ सीटें दी गई हैं...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

केंद्र और राज्यों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नीत भाजपा सरकार के आने के बाद अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण पर उच्च जातियों का हमला जारी है। विभिन्न विभागों की भर्तियों में आरक्षण नियमों की अनदेखी के बाद अब शिक्षण संस्थाओं में इन समुदायों के आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय में सामने आया है। विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा सत्र-2020-21 में पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों के ब्योरे में बड़े पैमाने पर आरक्षित वर्ग के सीटों सवर्णों के ईडब्ल्यूएस कोटा समेत अनारक्षित वर्ग में प्रकाशित कर दिया गया है। इसका नतीजा यह हुआ है कि हिन्दी साहित्य में शोध के लिए रिक्त 23 सीटों में अनुसूचित जाति वर्ग को एक भी सीट आरक्षित नहीं हुई है।

शनिवार, 21 अप्रैल 2018

‘संविधान बचाओ आंदोलन’ से डरी सरकार, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल समेत कई गिरफ्तार, चार घंटे बाद रिहा

देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) के अधिकार को खत्म करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ दे रहे थे धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
नई दिल्ली। देशव्यापी संविधान बचाओ आंदोलन से डरी केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल और उनके साथियों को शुक्रवार की शाम हिरासत में ले लिया और उन्हें संसद मार्ग थाना में करीब चार घंटे तक बंधक बनाये रखा। इस दौरान उनसे और उनके साथियों के साथ पुलिसवालों ने बदतमिजी भी की। उनके साथी वकीलों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने उन्हें देर रात रिहा किया। 

शुक्रवार, 4 अगस्त 2017

BHU में SC, ST और OBC के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर बहुजन छात्रों ने किया प्रदर्शन

नुक्कड़ नाटक कर मांगा लोगों का समर्थन। बीएचयू प्रशासन के खिलाफ चलाया हस्ताक्षर अभियान।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। बीएचयू समेत देश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के प्रतिनिधित्व के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए एससी, एसटी और ओबीसी छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले छात्रों ने शुक्रवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने नुक्कड़ नाटक कर समर्थन मांगा। इस दौरान उन्होंने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। समिति द्वारा शिक्षण संस्थाओं में प्रतिनिधित्व के अधिकार के लिए चलाये जा रहे अभियान का यह चौथा दिन था।