शनिवार, 25 जुलाई 2020

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC एसोसिएट प्रोफेसरों के 94 फीसदी पद खाली, ST के 86 और दिव्यांगों के 90 फीसदी पदों पर नहीं हुई नियुक्ति

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण यादव को दी सूचना। देश भर के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी वर्ग के 77 फीसदी पदों पर भी नहीं है एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्ति।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित एसोसिएट प्रोफेसरों की 94 फीसदी पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित और सरकारी दस्तावेजों में दर्ज 'दिव्यांग' वर्ग के लिए आरक्षित एसोसिएट प्रोफेसर के 90 फीसदी पद भी खाली हैं। एसोसिएट प्रोफेसर वर्ग में अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित 86 फीसदी और अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित 77 फीसदी पदों पर भी अभी नियुक्ति नहीं हो पाई है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में OBC प्रोफेसरों के 97 फीसदी पद खाली, SC के 83 और ST के 94 फीसदी पदों पर भी नहीं हुई नियुक्ति

सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 में तहत डॉ. लक्ष्मण यादव के आवेदन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दी सूचना।


वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के प्रोफेसरों के लिए चिन्हित 269 पदों में करीब 97 फीसदी पद खाली हैं। अनुसूचित जाति (एससी) के 83, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 94 और दिव्यांग के 86 फीसदी पदों पर भी प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत डॉ. लक्ष्मण यादव को यह जानकारी मुहैया कराई है।

शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

DU के बाद MU में EWS को SC/ST की छूट, OBC भरेगा सामान्य शुल्क

मिजोरम विश्वविद्यालय  (MU) प्रशासन ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती के आवेदन शुल्क में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को नहीं दी कोई छूट।

वनांचल  एक्सप्रेस ब्यूरो

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के बाद मिजोरम विश्वविद्यालय प्रशासन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के सवर्णों को आवेदन शुल्क में एससी/एसटी को मिलने वाली छूट दी है। वहीं, ईडब्ल्यूएस के बराबर आय वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आवेदन शुल्क में कोई रियायत नहीं दी है। उन्हें अनारक्षित वर्ग के बराबर शुल्क चुकानी होगी।