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शनिवार, 20 जून 2020

CAA: रिहाई मंच के अध्यक्ष को रिकवरी नोटिस, मंच ने कहा-बदले की भावना से सरकार कर रही कार्रवाई

नागरिका संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों और वक्ताओं को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार क्षतिपूर्ति की वसूली के लिए भेज रही नोटिस। रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब और एआईपीएफ (रेडिकल) के नेता और पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर.दारापुरी को भी मिला नोटिस। मंच के महासचिव राजीव यादव ने सरकार के नोटिस पर उठाया सवाल, कहा-अदालती प्रक्रिया पूरी हुए बिना वसूली नोटिस भेजकर सरकार कर रही कानून का उल्लंघन।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शकारियों और वक्ताओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शख्त हो गई है। उसने प्रदर्शन के दौरान हुई क्षतिपूर्ति का आरोप लगाकर उन्हें वसूली नोटिस भेज रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब और पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी को वसली नोटिस भेजा है। इससे नाराज रिहाई मंच ने संगठन के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब को रिकवरी नोटिस भेजे जाने को बदले की कार्रवाई करार दिया।

बुधवार, 17 जून 2020

हाईकोर्ट के दखल के बाद उत्तर प्रदेश में अब शुरू होंगी ओपीडी सेवाएं, दिशा-निर्देश जारी

ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) के प्रवक्ता एस.आर.दारापुरी की जनहित याचिका पर कल फिर होगी सुनवाई।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लाहाबाद उच्च न्यायालय की दखल के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को सूबे के सरकारी और निजी चिकित्सालयों में स्थगित ओपीडी स्वास्थ्य सेवाओं को शुरू करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया। शासन के प्रमुख सचिव की ओर से जारी निर्देश में सूबे के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सूबे के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और निजी चिकित्सालयों में स्थगित सभी प्रकार की ओपीडी सेवाओं को शुरू करें और शासन से जारी दिशा-निर्देशों को अनुपालन सुनिश्चित करें। 

बुधवार, 19 जुलाई 2017

EXCLUSIVE: वाराणसी में पुलिस ने दलित शिक्षिका को ‘जूता-चप्पलों की माला पहनाई और नंगा घुमाया’

लंका थाना पुलिस ने पीड़ता की तहरीर में उल्लेखित आरोपों को दरकिनार कर मनमुताबिक धारा में दर्ज किया एफआईआर।
Reported by राजीव कुमार मौर्य, विधि संवाददाता
वाराणसी। अवैध वसूली, उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के गैर-कानूनी कारनामों में बदनाम उत्तर प्रदेश पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। लंका थाना पुलिस ने अपने यहां दर्ज एफ.आई.आर. में दलित उत्पीड़न की शिकार महिला शिक्षिका को ना केवल जूता-चप्पलों की माला पहनाई, बल्कि उसे नंगा तक घुमा दिया जबकि पीड़िता ने अपनी तहरीर में कहीं भी इन शब्दों का जिक्र नहीं किया है।