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शुक्रवार, 24 जून 2022

बनारस में पुलिस की घेराबंदी के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने 'अग्निपथ भर्ती योजना' के खिलाफ किया प्रदर्शन, पुलिस हिरासत में रहे भाकपा (माले) के नेता

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में भारतीय सेना की 'अग्निपथ भर्ती योजना' की अधिसूचना को तत्काल निरस्त करने की  मांग की। एसीएम चतुर्थ को सौंपा ज्ञापन।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी/बलिया/देवरिया/ इलाहाबाद। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न किसान और मजदूर संगठनों के नेताओं ने आज संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में भारतीय सेना की 'अग्निपथ भर्ती योजना' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। बनारस स्थित शास्त्री घाट पर पुलिस की घेराबंदी के बीच उन्होंने 'अग्निपथ भर्ती योजना' की अधिसूचना को तत्काल रद्द करने की मांग की। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित विभिन्न मांगों वाला ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा। 

रविवार, 7 मार्च 2021

पूर्वांचल में शुरू हुई संयुक्त किसान मोर्चा के गठन की कवायद, वाराणसी समेत तीन जिलों में होगी महापंचायत

संयुक्त किसान मोर्चा किसान विरोधी कानूनों के पक्षधर प्रत्याशियों के खिलाफ चलाएगा 'वोट नहीं देने' का अभियान। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर पूर्वांचल में भी संयुक्त किसान मोर्चा के गठन और किसान आंदोलन की कवायद तेज हो गई है। वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के सभागार में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पूर्वांचल में सक्रिय विभिन्न किसान और मजदूर संगठनों के सौ से ज्यादा नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के पूर्वी इकाई का गठन करने, हर जिले में संयुक्त किसान मोर्चा का सम्मेलन करने, तीन जिलों (वाराणसी, इलाहाबाद और गाजीपुर) में किसान महापंचायत करने, आदि मुद्दों पर रणनीति बनी। साथ ही किसान और मजदूर नेताओं ने तय किया कि पूर्वी इकाई के गठन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के चुनावों में ऐसे प्रत्याशियों को वोट नहीं देने के लिए अभियान चलाएगा जो किसान विरोधी कानूनों के पक्षधर हैं।

बुधवार, 4 जनवरी 2017

सावित्री बाई फूले की जलाई ज्योति से टूटीं ‘ब्राह्मणवादी बेड़ियां’

भारत की पहली महिला शिक्षिका की 186वीं जयंती के मौके पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने आरएसएस पर किया हमला। महाराष्ट्र के किसान नेता अविनाश काकड़े ने कहा, आरएसएस मतलब सारस्वत ब्राह्मणों के गढ़ की शाखा तो वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. चौथी राम यादव ने आरएसएस को बताया भारत का सबसे आतंकवादी गिरोह। डॉ. भीम राव राजनैतिक चिंतक चौधरी राजेंद्र ने अंबेडकर की विचारधारा को बताया कार्ल मार्क्स और आरएसएस की विचारधारा से आगे तो समाजवादी विचारक अफलातून देसाई ने सावित्री बाई फूले की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाये जाने की मुखर की आवाज़। अंबेडकर के विचारों की पृष्ठभूमि में बहुजनों ने आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा और एकलव्य को भी किया नमन।