शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

पूर्वांचल के किसानों की होगी महापंचायत, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी होंगे शामिल

गाजीपुर के नंदगंज में संयुक्त किसान मोर्चा की हुई बैठक। मोदी सरकार के विवादित तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ मार्च में पूर्वांचल के किसान करेंगे महापंचायत। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

गाजीपुर। भाजपा की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के विवादित तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पूर्वांचल के किसान भी लामबंद होने लगे हैं। मार्च के तीसरे सप्ताह में पूर्वांचल के किसान भी सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज कर सकते हैं। नंदगंज में पूर्वांचल के किसानों ने पिछले दो दिनों से किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा की। संयुक्त किसान मोर्चा की इस दो दिवसीय बैठक में किसान नेताओं ने क्षेत्रीय स्तर पर किसान महापंचायत आयोजित करने का निर्णय लिया जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी- रविंद्र प्रकाश भारतीय

उन्नाव की घटना के विरोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालयों के छात्र समूह बीएचयू बहुजन ने मधुबन पार्क में किया प्रदर्शन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों ने सूबे की बेटियों को प्रताड़ना, वंचना, उत्पीड़न एवं शोषण का पर्याय बना दिया है जो बेहद घृणित और दुःखद है। ऐसा लगता है कि सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी। पूरे उत्तर प्रदेश में हत्या और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधियों में कोई खौफ नहीं है। वे जब चाहते हैं, तब महिलाओं और बेटियों का रेप कर देते हैं और उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सूबे में फिर से मंदिरों की देवदासी प्रथा लागू करने पर उतारू है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

संतराम बी.ए. सरीखे महापुरुषों को अपना रोल मॉडल चुने कुम्हार समुदायः डॉ. वरदानी प्रजापति

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (PS4) और प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालयी विद्यार्थी समूह (PIUS Group) ने जात-पात तोड़क मंडल के संस्थापक महान समाज सुधारक संतराम बी.ए. के 135वीं जयंती के मौके पर संयुक्त रूप से आयोजित की 'संतराम बी.ए. की दृष्टि में जाति, धर्म, संस्कृति और भारतीय समाज’ विषयक संगोष्ठी और दो दिवसीय कार्यशाला। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के समकालीन प्रखर विद्वान संतराम बी.ए. द्वारा लिखित आत्मकथा 'मेरे जीवन के अनुभव' का हुआ विमोचन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो  

वाराणसी। किसी भी समाज की स्थिति और दशा उस समाज का रोल मॉडल तय करता है। शिल्पकार कहे जाने वाली जातियों के पिछड़ने का मुख्य कारण यही है कि उन्होंने अपना रोल मॉडल काल्पनिक चुन लिया। रोल मॉडल काल्पनिक नहीं, समाज और इतिहास का सच्चा पुरुष होना चाहिए। कुम्हार समुदाय महान समाज सुधारक और जात-पात तोड़क मंडल के संस्थापक संतराम बी.ए. जैसे महापुरुषों को अपना रोल मॉडल चुने। तभी वास्तविक रूप में कुम्हार समुदाय का विकास हो पाएगा।