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बुधवार, 28 जुलाई 2021

OBC आरक्षणः केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पिछड़ों ने किया देशव्यापी प्रदर्शन, आबादी के अनुपात में मांगा आरक्षण

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) के मौके पर 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में पिछड़ों ने भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ सड़कों पर खोला मोर्चा। नीट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा के तहत राज्यों द्वारा समर्पित सीटों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी को आरक्षण देने और सामान्य वर्ग का आतिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों ने सोमवार को 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP)पर अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाया।

गुरुवार, 2 जुलाई 2020

OBC के आवेदन शुल्क पर NCBC ने DU के VC को जारी किया नोटिस, सात दिनों में मांगा जवाब

दिल्ली विश्वविद्यालय के आवेदन शुल्क में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा के सवर्णों को एससी, एसटी और दिव्यांग छात्रों के तहत मिली छूट का मामला। बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी अमित कुमार दिवाकर की शिकायत पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने लिया संज्ञान। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

दिल्ली विश्वविद्यालय के आवेदन शुल्क में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को किसी प्रकार की रियायत नहीं दिए जाने और उनके लिए नवीनतम जाति प्रमाण-पत्र जमा करने की शर्त के मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को नोटिस जारी किया है। आयोग ने विश्वविद्यालय को ईडब्ल्यूएस कोटा के छात्रों के समान ओबीसी के छात्रों के लिए भी समान आवेदन शुल्क पुनः निर्धारित करने की संस्तुति की है। साथ ही उसने ओबीसी के छात्रों के लिए मार्च, 2020 के बाद का जाति प्रमाण-पत्र जमा करने की शर्त के संबंध में सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है। आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी अमित कुमार दिवाकर की शिकायत पर यह नोटिस जारी किया है। 

सोमवार, 29 जून 2020

IMPACT: DU के आवेदन शुल्क में EWS को मिली छूट पर AIOBC पहुंचा NCBC, BAPSA ने OBC के लिए भी मांगी छूट

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) के महासचिव जी. करुणानिधि ने ओबीसी छात्रों से नवीनतम आय और जाति प्रमाण-पत्र जमा कराने की बाध्यता का भी किया विरोध।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

दिल्ली विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित वर्ग) कोटे के सवर्णों को आवेदन शुल्क में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं दिव्यांग (पीडब्ल्यूबीडी) वर्गों की तरह मिली छूट का मामला गरमा गया है। वनांचल एक्सप्रेस पर छपी खबर के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आवेदन शुल्क का मामला अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पहुंच गया है। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) ने आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर दिल्ली विश्वविद्यालय पर ओबीसी के छात्रों के साथ भेद-भाव का आरोप लगाया है। वही, बिरसा-अंबेडकर-फुले स्टूडेंट एसोसिएशन (BAPSA) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर ओबीसी के आवेदन शुल्क में ईडब्ल्यूएस के बराबर छूट की मांग की है। 

मंगलवार, 23 जून 2020

राज्यों ने 8 सालों में केंद्र को समर्पित कीं 72500 मेडिकल सीटें, मोदी सरकार ने नहीं दिया OBC आरक्षण

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (AIOBC) के महासचिव जी. करुणानिधि ने वर्ष 2013 से 2020 तक ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्यों द्वारा केंद्र को समर्पित मेडिकल सीटों का आंकड़ा जारी कर केंद्र सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप। मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संसदीय समिति ने आगामी 29 जून को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों को किया तलब। AIOBC ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संसदीय समिति को पत्र लिखकर रखा अपना पक्ष।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के चिकित्सकीय शिक्षण संस्थानों में लागू ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्यों ने पिछले आठ सालों में केंद्र को करीब 72500 मेडिकल सीटें समर्पित कीं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को इनमें से एक भी सीट नहीं मिली। इन सीटों में स्नातक और स्नातकोत्तर की मेडिकल और डेंटल सीटें शामिल हैं। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) के महासचिव जी. करुणानिधि ने विभिन्न चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध सीटों का ब्योरा जारी कर केंद्र सरकार पर ओबीसी के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने ओबीसी के लिए संसदीय समिति को आज पत्र लिखकर AIOBC का पक्ष रखा।

गुरुवार, 11 जून 2020

BBAU की 378 सीटों पर होगा EWS वाले सवर्णों का प्रवेश, OBC आरक्षण के लिए AIOBC ने MHRD और NCBC को लिखा पत्र

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी)के महासचिव जी. करुणानिधि ने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि बीबीएयू प्रशासन केंद्रीय ने शिक्षण संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 और केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है....

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

खनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में  शिक्षा सत्र-2020-21 के दौरान ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित वर्ग) कोटा के तहत 378 सीटों पर सवर्णों को प्रवेश मिलेगा लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत यहां एक भी सीट पर पिछड़ों का प्रवेश नहीं होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस विसंगति के खिलाफ ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और अन्य पिछड़ा वर्ग की संसदीय समिति को पत्र लिखकर इसी सत्र से विश्वविद्यालय में प्रवेश की सीटों पर ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।