शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

अखिलेश यादव जी! कौन आप जैसे 'अहीर' के हिन्दुत्व की बात सुनेगा?

यह पोस्ट फेसबुक पर राजेश कुमार यादव  जी के टाइमलाइन से ली गई है जो खुद को उच्च न्यायालय इलाहाबाद का अधिवक्ता बताते हैं। उन्होंने यह विश्लेषणात्मक पत्र उस खबर के आधार पर लिखा है जिसमें दावा किया गया है कि हिन्दुत्व की राह चलेगी सपा। पढ़िये उनका जोरदार यह कटाक्ष...
क्या अखिलेश जी ! आप भी हद कर देते हैं।अब आप भाजपा के हिंदुत्व का मुकाबला 2019 में सपाई हिंदुत्व से करेंगे?आपकी कार्यप्रणाली और आपके नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविंद चौधरी जी के व्यक्तव्यों को देखकर एजेंसी को यह समीक्षात्मक खबर छापनी पड़ी है कि सपा हिंदुत्व की राह चलेगी।मैंने आपसे मुतल्लिक यह बयान जनेश्वर मिश्र पार्क घूमते समय पढा।मै आपसे सम्बंधित इस बयान "हिंदुत्व की राह पर चलेगी सपा, भाजपा को साबित करेगी हिन्दू विरोधी" पढ़कर बड़ी देर तक हंसा फिर आंखे डबडबा गयीं कि आखिर क्या हश्र होने वाला है पिछड़ो/दलितों/अल्पसंख्यको की राजनीति का?क्या अब कोई दूसरा अम्बेडकर,कांशीराम,लोहिया,पेरियार, ललई सिंह यादव,फुले,छत्रपति शाहू जी,वीपी सिंह,रामस्वरूप वर्मा,जगदेव कुशवाहा आदि नही जन्मेगा?

सोमवार, 18 दिसंबर 2017

सोनभद्र में अवैध खनन को लेकर सोनांचल संघर्ष वाहिनी ने फूंका बिगुल, जनांदोलन की दी चेतावनी

वनांचल न्यूज नेटवर्क
सोनभद्र। जिलों से गुजरने वाली नदियों समेत विभिन्न इलाकों में हो रहे अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ सोनांचल संघर्ष वाहिनी ने सोमवार को सैकड़ों समर्थकों के साथ बिगुल फूंका। साथ ही संगठन ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर अवैध खनन नहीं रुका तो संगठन बड़े पैमाने पर जनांदोलन शुरू करेगा।

रविवार, 10 दिसंबर 2017

RSS की फर्जी नियुक्तियों का खेल, पूर्व DIOS और दो पूर्व पत्रकारों समेत 12 पर FIR दर्ज

अवैधानिक रूप से नियुक्त लिपिक और शिक्षकों में हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों के रिश्तेदारों का नाम शामिल। फर्जी नियुक्ति के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक हरिश्चंद्र त्रिपाठी उर्फ हरीश जी का जुड़ रहा नाम।

शिव दास और अश्विनी सिंह की संयुक्त रिपोर्ट

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अयोग्य लोगों की नियुक्तियों के बाद अब सरकारी सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। हालांकि सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक ने गत माह की आखिरी तारीख को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक और दो पूर्व पत्रकारों समेत कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ ही जाली शासनादेश तैयार कर फर्जीवाड़ा करने और सरकारी धन का गबन करने समेत विभिन्न आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराया है। आरोपियों में सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात आशुलिपिक और लेखाकार समेत राबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां के कुल आठ सहायक अध्यापकों के नाम भी शामिल हैं। एफआईआर में दर्ज नामों में हिन्दू युवा वाहिनी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों के नाम भी हैं। उपलब्ध दस्तावेज और आरोपों की मानें तो इन फर्जी नियुक्तियों के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत इकाई से संबद्ध सोनभद्र इकाई के पूर्व प्रचारक का हाथ है जो रॉबर्ट्सगंज स्थित रॉबर्ट्सगंज संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी ढंग से प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति पाई है।

बुधवार, 1 नवंबर 2017

मध्य प्रदेश में आदिवासी छात्र संगठन का बजा डंका, धार में ABVP का सुपड़ा साफ

फोटो साभार- पत्रिका
मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों धार, खरगौन, झाबुआ, अलीराजपुर में कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सभी जगहों पर छात्र संगठन 'जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस)' ने छात्र संघ चुनावों मेंं जीत दर्ज की है...
रविश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार, एनडीटीवी
मध्य प्रदेश में छात्र संगठन के चुनाव में एबीवीपी की जीत की ख़बर छाई हुई है। जबलपुर से एनएसयूआई की जीत की खबर भी को जगह मिली है। लेकिन एक ऐसे छात्र संगठन की ख़बर दिल्ली तक नहीं पहुंची है। जबकि पत्रिका ने इसे पहले पन्ने पर लगाया है कि धार में जयस ने एबीवीपी के वर्चस्व को समाप्त कर दिया है। इस संगठन का नाम है जय आदिवासी युवा संगठन या जयस ।

रविवार, 29 अक्तूबर 2017

पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उठी राष्ट्रव्यापी कानून की मांग

पत्रकारिता समकालीन घटनाओं के लिए समाज का आइना
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। काशी पत्रकार संघ ने देश में पत्रकारों पर हो रहे हमलों और इसे रोकने में सरकारों के प्रयास की विफलता के विरोध में पूर्वांचल के पत्रकारों को एकजुट करने और इस मुद्दे पर अपनी व्यथा को सरकार तक पहुंचाने के लिए आज पराड़कर स्मृति भवन में पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आये पत्रकारों और वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकारों ने जोरदार अदांज से अपनी बातों को रखा। सभी वक्ताओं ने पेट और पीठ पर प्रहार से बचने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

गुरुवार, 26 अक्तूबर 2017

सोशल मीडिया में खबरों की पुष्टि की गुंजाइश नहीं- अजय उपाध्याय

पराड़कर स्मृति भवन में संपादकाचार्य बाबूराव विष्णु राव पराड़कर जी की जयंती पर ‘समकालीन हिन्दी पत्रकारिता और सोशल मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किये विचार।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। पत्रकारिता वस्तुनिष्ठ है जबकि सोशल मीडिया ठीक इसके विपरीत है। प्रिंट मीडिया में खबरों की पुष्टि की जाती है, जबकि सोशल मीडिया में इसकी कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में पत्रकारों का यह दायित्व बनता है कि वे अपने पेशे को पुनर्परिभाषित करें। यह विचार आज पराड़कर स्मृति भवन मेें संपादकाचार्य बाबूराव विष्णु राव पराड़कर  की जयंती पर ‘समकालीन हिन्दी पत्रकारिता और सोशल मीडिया’ विषयक संगोष्ठी में पत्रकारिता के मूर्धन्य विद्वान और हिन्दुस्तान व अमर उजाला के प्रधान संपादक रह चुके श्री अजय उपाध्याय ने व्यक्त किए।

रविवार, 15 अक्तूबर 2017

पटना में PM पर और काशी में CM पर फूंटा छात्रों का गुस्सा, कहीं दिखाये काले झंडे तो कहीं निकाला प्रतिरोध मार्च

विश्वविद्यालयों के भगवाकरण और उत्पीड़न के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
पटना/वाराणसी। देश में विश्वविद्यालयों के भगवाकरण और उत्पीड़न के खिलाफ छात्रों का गुस्सा शनिवार को सड़कों पर फूंटा। छात्रों ने जहां पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाए और पुलिस की लाठियां खाईं, वहीं उनके संसदीय क्षेत्र काशी में प्रतिरोध मार्च निकाला और सभा की।

गुरुवार, 12 अक्तूबर 2017

राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा है- विजय नारायण

संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए चौधरी राजेंद्र और मंचासीन अनीता
भारती, डॉ. दुर्गा श्रीवास्तव, अमरनाथ और विजय नारायण।
लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती और डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आयोजित लोकतंत्रः गतिरोध और संभावनाएं विषयक संगोष्ठी में समाजवादियों, गांधीवादियों और वामपंथियों ने व्यक्त किये विचार।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। लोकनायक जय प्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया राजनीतिक और वैचारिक प्रतिबद्धता और समर्पण के प्रतीक हैं। उनका ना कोई घर था और ना ही कोई निश्चित पता। आज राजनीति से विचारधाराएं गायब हो गई हैं। उनकी जगह संप्रदायवाद और जातिवाद ने ले लिया है। राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा बन चुकी है।

सोमवार, 9 अक्तूबर 2017

बहुजन नायकों के विचारों की गलत व्याख्या कर रही भाजपा

मान्यवर कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्र कार्यक्रम आयोजन समिति की ओर से आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने बहुजन आंदोलन की दशा और दिशाविषयक गोष्ठी में रखी अपनी बात।  
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। आरएसएस और उसके राजनीतिक संगठन भाजपाके नेता बहुजन आंदोलन के नायकों की मूल रचनाओं पर अंकुश लगाकर युवाओं के सामने उसकी गलत व्याख्या पेश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को अपना हथियार बनाया है। उनके इस मकसद में बहुजन समुदाय के कुछ सत्तालोलुप और मौकापरस्त लोग उनकी सहायता कर रहे हैं जिनसे हमें सतर्क रहना है। ऐसे लोग बहुजन आंदोलन को खत्म करना चाह रहे हैं लेकिन बहुजन नायकों के विचारों की तपिश में ऐसी ताकतें भस्म हो जाएंगी और बहुजन राज करेंगे।

शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

BHU: VC के बुने जाल में फंसे सभी, ये था असली ‘एजेंडा’ (भाग-2)


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से उनका जुड़ाव और इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की राजनीति इसमें उनकी मदद भी कर रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के बिना यह पूर्ण रूप से संभव नहीं है। जरूरी है कि कुलपति महोदय अपनी ओर उनका ध्यान खींचे और पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर सकें। लेकिन, कैसे? यही उनके लिए चुनौती थी...
शिव दास
त 21-27 सितंबर। यही वह अवधि थी जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में नियुक्तियों और पदोन्नतियों के लिए साक्षात्कार चल रहा था। विश्वविद्यालय प्रशासन पर नियुक्तियों में धांधली का आरोप भी लगे रहे थे। वंचित समुदाय के छात्र मनमाने ढंग से की जा रही नियुक्तियों को लेकर पिछले दो महीने से विरोध-प्रदर्शन कर विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्रतिनिधित्व का अधिकार मांग रहे थे और विश्वविद्यालय प्रशासन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय समेत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उससे जवाब मांगा था। संसद की पिछड़ा वर्ग समिति ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन से नियुक्तियों में धांधली और प्रतिनिधित्व के संवैधानिक अधिकार पर जवाब तलब किया था। सबसे महत्वपूर्ण बात इसी एक सप्ताह की अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार छीनने वाला था और दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी कोशिश नाकाम हो चुकी थी।

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

BHU: VC के बुने जाल में फंसे सभी, ये था असली ‘एजेंडा’-भाग-1

दरअसल इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बतौर कुलपति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दूसरा कार्यकाल चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एड़ी-चोटी तक जोर लगा दी थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जब उन्हें विश्वास हो गया कि उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलेगा तो उन्होंने आलाकमान के सामने अपने वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा जो उन्हें मिल गई। उन्होंने इसका फायदा भी बखूबी उठाया...
शिव दास
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छेड़खानी और उसके बाद उपजे हालात पर कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का अड़ियल रवैया अनायास नहीं था। यह उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था! इसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों समेत पत्रकार, नेता, पुलिस, प्रशासन और सरकार, सभी फंस गए। पिछले एक महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन की गतिविधियों की पृष्ठभूमि में छिपे हालात और छात्राओं के आंदोलन के बाद कुलपति की गतिविधियां कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं।

मंगलवार, 26 सितंबर 2017

BHU की छात्राओं पर लाठीचार्ज के विरोध में विपक्षी दलों ने उपवास रख दिया धरना, कहा-बीएचयू को संघिस्तान बनने नहीं देंगे

संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले भारत माता मंदिर परिसर में किया प्रदर्शन, कुलपति पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्राओं पर लाठीचार्ज के विरोध में विपक्षी दलों ने मंगलवार को भारत माता मंदिर परिसर में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सामुहिक उपवास रख धरना दिया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि हम बीएचयू को संघिस्तान बनने नहीं देंगे। साथ ही उन्होंने लाठीचार्ज मामले में कुलपति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने न्यायालय से एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी।

सोमवार, 25 सितंबर 2017

BHU: तानाशाह कुलपति के निजी गुंडों ने छात्राओं पर पहले बरसाईं लाठियां, फिर बुलाई फोर्स

कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी, मुख्य आरक्षाधिकारी ओ.एन.सिंह और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संयुक्त रूप से रची थी पुलिस फोर्स के बल पर  छात्राओं के आंदोलन को कुचने की साज़िश!
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार की रात कुलपति लॉज के सामने आंदोलनकारी छात्राओं पर कुलपति के निजी गुंडों (सुरक्षाकर्मी) ने ही पहले लाठियां बरसाई थीं जिसमें करीब आधा दर्जन छात्र एवं छात्राएं घायल हो गये। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सूचना देकर भारी संख्या में पुलिस फोर्स बुलाई। कुछ ही देर में जिलाधिकारी सैकडों की संख्या में पुलिस फोर्स लेकर लंका स्थित सिंह द्वार पर धरना दे रही छात्राओं समेत छात्रों और मीडियाकर्मियों पर टूट पड़े। कुछ ही देर में सिंह द्वार खाली हो गया और छात्राओं को महिला महाविद्यालय की चहारदीवारी के अंदर कैद कर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन के अंदर मौजूद विश्ववसनीय सूत्रों की मानें तो छात्राओं के आंदोलन को खत्म कराने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति और मुख्य आरक्षाधिकारी समेत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से ये रणनीति बनाई थी।

शनिवार, 23 सितंबर 2017

BHU की छात्राओं ने तोड़ी कुलपति की बेड़ियां, रात भर किया प्रदर्शन, कुलपति के आवास को भी घेरा

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार हो रही छेड़खानी के विरोध में सिंह द्वार पर पिछले 28घंटे से चल रहा है छात्राओं का धरना। छात्राओं के तीखे तेवर देखकर जिला प्रशासन ने बदला प्रधानमंत्री के दुर्गा मंदिर जाने का पूर्व निर्धारित रास्ता। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं ने शुुक्रवार की रात संस्कृति के नाम पर संघी कुलपति गिरीश चंंद्र त्रिपाठी द्वारा थोपी गई पाबंदियों को तोड़ दिया और छेड़खानी के विरोध मेें पूरी रात धरना प्रदर्शन किया। रात में ही छात्राओं ने कुलपति के आवास का घेराव किया। उधर विश्वविद्यालय परिसर में लगातार छेड़खानी से परेशान छात्राओं के तीखे तेवर देख जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्व निर्धारित रास्ता ही बदल दिया जो बीएचयू के सिंह द्वार से दो बार गुजरना था।

PM मोदी के 56 इंच के सीने पर भारी पड़ा BHU की छात्राओं का पसीना

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार हो रही छेड़खानी के विरोध में सिंह द्वार पर पिछले 24 घंटे से चल रहा है छात्राओं का धरना। छात्राओं के तीखे तेवर देखकर जिला प्रशासन ने बदला प्रधानमंत्री के दुर्गा मंदिर जाने का पूर्व निर्धारित रास्ता। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 56 इंच के सीने पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं का पसीना शुक्रवार को भारी पड़ गया। विश्वविद्यालय परिसर में लगातार छेड़खानी से परेशान छात्राओं के तीखे तेवर देख जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्व निर्धारित रास्ता ही बदल दिया जो बीएचयू के सिंह द्वार से दो बार गुजरना था।

शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

PM और CM की मौजूदगी भी शांत नहीं कर पाई BHU की छात्राओं का गुस्सा, छेड़खानी के विरोध में बीएचयू गेट बंद कर दिन भर किया प्रदर्शन

कुलपति और प्राक्टोरियल बोर्ड पर फूंटा छात्राओं का गुस्सा
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार की शाम एक छात्रा के साथ छेड़खानी का मामला शुक्रवार को आंदोलन का रूप ले लिया। पीड़ित छात्रा विश्वविद्यालय की सैकड़ों छात्राओं के साथ बीएचयू गेट बंद कर धरने पर बैठ गई जिससे प्रशासन की सांसें थम गईं। आनन फानन फोर्स तैनात कर दी लेकिन छात्राएं नहीं मानी। वे प्राक्टोरियल बोर्ड के गैरजिम्मेदार अधिकारियों और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना देती रहीं। शहर में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मौजूदगी भी उन्हें धरने से उठा नहीं सकी।

रविवार, 17 सितंबर 2017

BHU: यहां तो प्रॉक्टर भी नहीं है सुरक्षित, दिया इस्तीफा

डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने कला संकाय प्रमुख और विभागाध्यक्ष पर लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। जातिगत उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव, अवैध वसूली, छात्रों और पत्रकारों पर हमले के लिए बदनाम काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के कार्यकाल में अब आरक्षाधिकारी (प्रॉक्टर) भी सुरक्षित नहीं हैं। ‘पूर्वांचल का ऑक्सफोर्ड’ के नाम से मशहूर इस विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के एक सदस्य ने शनिवार को स्वयं की सुरक्षा में असमर्थता जताते हुए प्रॉक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। इसमें उसने संकाय प्रमुख और विभागाध्यक्ष पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

सोमवार, 11 सितंबर 2017

BHU: यौन शोषण के आरोपी चिकित्सा अधीक्षक की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने निकाला सर्वदलीय न्याय मार्च

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में गत 5-7 जून को जहरीली गैस से हुई मरीजों की मौतों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति ने खोला मोर्चा। हजारों की संख्या में राजनीतिज्ञों, नागरिकों और छात्रों ने बीएचयू से प्रधानमंत्री कार्यालय तक किया मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में गत 5-7 जून को कथित रूप से करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा मरीजों की मौत को लेकर स्थानीय नागरिकों समेत विपक्षी दलों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भाकपा, आम आदमी पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक आदि राजनीतिक पार्टियों के स्थानीय नेताओं ने सोमवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में लंका स्थित बीएचयू गेट से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जन संपर्क कार्यालय तक मार्च किया और सर सुंदरलाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ओपी उपाध्याय को बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने डॉ. ओपी उपाध्याय को यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोपी भी बताया और उसकी गिरफ्तारी की मांग की।

BHU अस्पताल में हुई मौतों को लेकर विपक्षी दलों ने फूंका बिगुल, मांगा इस्तीफा

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय की विभिन्न ओटीज में गत 5-7 जून के बीच मरीजों की मौत को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ निकाला न्याय मार्च।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में गत 5-7 जून को कथित जहरीली गैस से हुई मरीजों की मौत के मामले राजनीतिक रूप ले लिया है। विश्वविश्वविद्यालय और अस्पताल प्रशासन के उच्चाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों ने सोमवार को लंका स्थित बीएचयू गेट से रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय तक केंद्र सरकार के खिलाफ निकाला न्याय मार्च निकाला। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें...

सोमवार, 4 सितंबर 2017

अब तो BHU के नाम से दहशत हो गया है...


बेटी के गम में डूंबी शकुंतला और उनकी बेटी पूनम शर्मा
5-7 जून 2017। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सर सुंदरलाल अस्पताल। कहीं शव पर सिर पटककर रोती महिलाएं तो कहीं कानों के परदे को चिरतीं चीखें। किसी के सपने टूटें तो किसी के रिश्ते। कोई जिम्मेदारियों से मुकरा तो कोई बांधा झूठ का पुलिंदा। इन सबके बीच थे तो कुछ सवाल जो अभी भी जवाब खोज रहे हैं। आखिर कौन है मौत का सौदागर? विश्वविद्यालय प्रशासन, चिकित्सक, ठेकेदार या फिर दवा बनाने वाली कंपनियां। कातिल कोई भी हो लेकिन असल में कुछ घर बर्बाद जरूर हुए। किसी के सिर से पिता का साया छिना तो किसी भाई की कलाई की राखी। किसी की मांग का सिंदूर उजड़ा तो किसी के परिवार का सहारा। और ये हुआ है कुछ गैर-जिम्मेदार लोगों की वजह से जिन्होंने चंद नोटों की लालच में मासूमों की जिंदगी का सौदा कर लिया। अब हालात ऐसे हैं कि लोग बीएचयू के नाम से खौफ खाते हैं। पढ़िये वनांचल एक्सप्रेस-मीडिया विजिल की यह संयुक्त रिपोर्टः   
वाराणसी से शिव दास की रिपोर्ट
ब तो बीएचयू के नाम से दहशत हो गया है, एकदम डर गये हैं भैया। बाहर ऑपरेशन कराते तो 25 हजार रुपये में आवारा-न्यारा हो जाता। क्या बताएं भैया जब मति भ्रष्ट होती है और जब तबाही आती है तो...वही तबाही आयी। अब देखिए जान बचती भी है कि नहीं। कुल मिलाकर 60-65 हजार रुपये भी इनवेस्ट हुआ और स्थिति ये है। हिम्मत नहीं पड़ रही है कि दोबारा वहां जाएं। और वहां गए तो कहीं ऐसी दवा मिल जाए कि वह सोयी की सोयी रह जाएं।

ST आयोग ने BHU को भेजा नोटिस, सात दिनों में मांगा जवाब

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर महेश प्रसाद अहिरवार ने की थी नियुक्तियों में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने की शिकायत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में विभिन्न पदों पर होने वाली नियुक्तियों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों को संवैधानिक प्रतिनिधित्व नहीं दिये जाने को अनुसूचित जनजाति आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने पिछले दिनों बीएचयू के कुलपति, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर सुबूतों के साथ जवाब मांगा है। साथ ही आयोग ने निर्धारित समय में जवाब नहीं मिलने पर संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी करने की चेतावनी भी दी है। आयोग ने ये नोटिस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर महेश प्रसाद अहिरवार की शिकायत पर जारी किया है।

रविवार, 3 सितंबर 2017

सर्वदलीय बैठक में गूंजा बीएचयू अस्पताल में मौतों का मुद्दा, होगा आंदोलन

सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते पूर्व विधायक अजय राय
हैंड्स ऑफ महामना एरा ने गैर-राजग पार्टियों की बुलाई थी सर्वदलीय बैठक। जनविरोधी बीएचयू प्रशासन और सत्ताधारी बीजेपी की नीतियों के भंडाफोड़ पर बनी सहमति।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जहरीली नाइट्स आक्साइड गैस से हुई मौतों के मामले को लेकर नरिया स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के सभागार में शनिवार को एनडीए विरोधी राजनीतिक पार्टियों की सर्वदलीय बैठक हुई। हैण्ड्स ऑफ महामना एरा बैनरतले आयोजित इस बैठक में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से बीएचयू प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ जनांदोलन छेड़ने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने सामुहिक रूप से मार्च निकाल कर विश्वविद्यालय प्रशासन और बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने का निर्णय लिया।

शुक्रवार, 1 सितंबर 2017

BHU में फिर बरपा भगवा गुंडों कहर, प्रशासन की मौजूदगी में कट्टे की नोक पर छात्र को कक्षा से बाहर घसीटा, लात-घूंसों से पीटा और नंगा किया

आक्रोशित छात्रों ने घेरा थाना। हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिया धरना।
राजीव कुमार मौर्य
वाराणसी। शिक्षा के क्षेत्र में देश-विदेश में इतिहास रचने वाली महामना की बगिया इन दिनों भगवाधारी गुंडों की शरणस्थली बन गई है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एक बार फिर भगवा गुंडों का कहर बरपा और इस बार शिकार हुआ दृश्य कला संकाय का छात्र समीर यादव। आरोप है कि हमलावरों ने कट्टे की नोंक पर समीर को कक्षा से बाहर घसीटा। फिर उसे नंगा किया और लात-घूंसों से इस कदर मारा कि वह बेहोश हो गया। समीर की रक्षा के लिये जब छात्र हमलावरों की ओर दौड़े तो वे उसे वहीं छोड़कर फरार हो गये। साथी छात्र पर दिनदहाड़े हुये इस हमले को लेकर भारी संख्या में छात्र धरने पर बैठ गए। दूसरी ओर हमलावरों को संरक्षण देने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन ने संकाय में फोर्स तैनात कर दी।

गुरुवार, 31 अगस्त 2017

BJP की कमान खांटी अपराधियों के हाथों में है-दिलीप मंडल

दो लोकसभा चुनावों के बीच सबसे बड़ा चुनाव यूपी का विधानसभा चुनाव ही होता है। बीजेपी की नोटबंदी वाली रणनीति कामयाब रही...
वनांचल न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। बीजेपी की रणनीति को राजनीति के नजरिए से मत देखिए। यह समझ में नहीं आएगी। इसे अपराधशास्त्र के नजरिए से देखिए। यह आडवाणी और वाजपेयी की बीजेपी नहीं है। बीजेपी की कमान खांटी अपराधियों के हाथों में हैं।

सोनभद्र में डीएम ने तय की गिट्टी की दर

बिल्ली-मारकुण्डी खनन क्षेत्र से निकलने वाली डोलो स्टोन गिट्टी  का अधिकतम मूल्य 19,200 रुपये निर्धारित। एम एम-11 परमिट का मूल्य भी शामिल।
अश्विनी सिंह
सोनभद्र। जिलाधिकारी सोनभद्र प्रमोद कुमार उपाध्याय ने मनमानी कर रहे पट्टा धारकों व क्रशर संचालकों पर नकेल कसना किया शुरू।

ESIC: सात महीनों बाद भी पीएम के संसदीय क्षेत्र में लागू नहीं हुई नई ‘मातृत्व लाभ योजना’

कर्मचारी राज्य बीमा निगम की नियमावली को दरकिनार कर निगम के अधिकारी और कर्मचारी बीमित कर्मियों को कर रहे परेशान।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मातृत्व लाभ योजना उनके संसदीय क्षेत्र में ही दम तोड़ रही है। केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से अधिसूचना जारी होने के सात महीनों बाद भी क्षेत्र की बीमित गर्भवती और प्रसूति महिलाओं को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अधिकारी एवं कर्मचारी पहले इन महिलाओं को 12 सप्ताह के अवकाश का भुगतान कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रहे हैं जबकि नई मातृत्व लाभ योजना के तहत उन्हें 26 सप्ताह के अवकाश का भुगतान किया जाना है। इससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मंगलवार, 29 अगस्त 2017

BHU EXCLUSIVE: BJP विधायक को इलाहाबादी 'अखाड़े' से सौगात में मिला था गैस का ठेका

विश्वविद्यालय के ठेकों में केंद्र की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का दखल आया सामने। नवंबर, 2014 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति और भाजपा के मातृत्व संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रशंसक प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कार्यभार संभालने के 20 दिनों के अंदर पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया मेडिकल गैसों की आपूर्ति का ठेका।
reported By Shiv Das
वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दरलाल चिकित्सालाय में मेडिकल गैसों की आपूर्ति के ठेकों में सत्ताधारी भाजपा के नेताओं का सीधे दखल सामने आया है। दस्तावेज बताते हैं कि केंद्र में पार्टी की सरकार बनते ही भाजपा विधायक हर्ष वर्धन बाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इलाहाबादी 'अखाड़े' के सियासी गठजोड़ से सर सुंदरलाल चिकित्सालय में ऑक्सीजन, नाइट्रस ऑक्साइड और कार्बन डाई ऑक्साइड की आपूर्ति का ठेका हथिया लिया था। ठेके के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर पार्टी का इस कदर दबाव था कि नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कार्यभार संभालने के बीस दिनों के अंदर मेडिकल गैसों की आपूर्ति की ठेका भाजपा विधायक की कंपनी पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया जबकि आवश्यक प्रमाण-पत्रों के अभाव में आबंटन की प्रक्रिया निविदा खुलने की तिथि से पांच महीनों तक लंबित रही।

सोमवार, 28 अगस्त 2017

DU: पीएचडी और एमफिल में आरक्षित वर्गों के संवैधानिक प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन

वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई विभागों में पिछले कुछ वर्षों से एम.फ़िल. और पीएच.डी. प्रवेश-प्रक्रिया में हो रहे आरक्षण की संवैधानिक प्रक्रिया के उल्लंघन के खिलाफ़ उम्मीदवारों और छात्रों ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस में विरोध प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को ज्ञापन भी सौंपा। पीड़ित अभ्यर्थियों ने मांग की है कि हिंदी विभाग द्वारा लिखित परीक्षा सूची को वापस लिया जाये और संवैधानिक आरक्षण प्रक्रिया का पालन करते हुए आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का प्रवेश लिया जाए।

रविवार, 27 अगस्त 2017

BHU में हुई मौतों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर 'आप' ने फूंका बिगुल

मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की मांग भी की।
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में जून में हुई कथित 20 से ज्यादा मरीजों की मौतों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को संत रविदास गेट से लंका स्थित बीएचयू गेट तक मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की।

गुरुवार, 24 अगस्त 2017

EXCLUSIVE: BHU प्रशासन ने BJP विधायक की मशीन और उपकरण बनाने वाली कंपनी को दिया मेडिकल गैसों की आपूर्ति का ठेका

टेंडर भरने की आखिरी तारीख तक पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को नहीं मिला था किसी भी प्रकार के गैस आपूर्ति का लाइसेंस। 
reported by Shiv Das
वाराणसी। राजनीतिक बिसात पर खड़ी नौकरशाही की बेबसी जून में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में मरीजों की हत्या का इतिहास लिख गई। बीएचयू अस्पताल में मेडिकल गैसों की आपूर्ति से जुड़े दस्तावेज कुछ ऐसी ही दास्तां बयां कर रहे हैं। दस्तावेजों की मानें तो बीएचयू प्रशासन ने सियासी गठजोड़ में मशीन और उपकरण बनाने वाली भाजपा विधायक की कंपनी को जीवनरक्षक मेडिकल ऑक्सीजन, नाइट्रस ऑक्साइड और कॉर्बन डाई ऑक्साइड गैसों की आपूर्ति का ठेका दे दिया जबकि इसके पास किसी भी प्रकार के गैसों की आपूर्ति का लाइसेंस ही नहीं था।

मंगलवार, 22 अगस्त 2017

BHU अस्पताल में ज़हरीली गैस से हुई मौतों पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सरकार को दिया जांच का आदेश

कोर्ट ने बीएचयू प्रशासन से भी एक हलफनामा मांगा है कि परेरहाट कंपनी को किन परिस्थितियों में लाइसेंस दिया गया था...
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
इलाहाबाद। काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्‍सालय में ज़हरीली गैस से हुई मौतों के दो महीने बाद दायर एक जनहित याचिका पर इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय ने संज्ञान लिया है। बीएचयू के पूर्व छात्र नेता भुवनेश्‍वर द्विवेदी की लगाई याचिका पर फैसला देते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट में जस्टिस दिलीप गुप्‍ता और जस्टिस अमर सिंह चौहान की खंडपीठ ने महानिदेशक, चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य को आदेश दिया है कि वे तीन सदस्‍यीय वरिष्‍ठ विशेषज्ञों की कमेटी से इस मामले की जांच कराएं।

BBAU: प्रोफेसर ने ठेकेदार संग अनुसूचित जाति के शोधार्थी पर किया जानलेवा हमला, संगीन धाराओं में FIR दर्ज

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। विश्वविद्यालय परिसरों में भ्रष्टाचार और दमन के खिलाफ मुखर आवाज को दबाने के लिए जानलेवा हमलों का दौर शुरू हो गया है।  हैदराबाद विश्वविद्यालय, जेएनयू और बीएचयू के बाद बाबा भीमराव अंबेडकर विवि के छात्रों श्रेयात बौद्ध और अमन वर्मा पर रविवार को जानलेवा हमला हुआ। आरोप है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कमल जायसवाल ने ठेकेदार उपेंद्र सिंह समेत करीब दो दर्जन लोगों ने छात्रों पर हमला किया। छात्रों की तहरीर पर आशियाना थाने में प्रो. कमल जायसवाल, शशांक तिवारी, ऋषि शुुुक्ला, साईंनाथ आउट सोरसिंग एजेंसी के ठेकेदार उपेन्द्र सिंह समेत करीब दो दर्जन अज्ञात लोगोंं के खिलाफ संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है जिसमें एससीएसटी एक्ट की धारा-3(1)(10) भी शामिल है।

शनिवार, 19 अगस्त 2017

BHU EXCLUSIVE: भाजपा विधायक की कंपनी के ‘जहर’ से बीएचयू अस्पताल में हुई थी मरीजों की मौत!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री
 केशव प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा विधायक हर्ष वर्धन वाजपेयी।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश का दावा- बीएचयू स्थित सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल में नॉन फार्माकोपिकल ग्रेड की नाइट्रस ऑक्साइडका हुआ उपयोग। औषधि की श्रेणी में नहीं आती नॉन फार्माकोपिकल ग्रेड की नाइट्रस ऑक्साइड
घटना के समय भाजपा विधायक हर्ष वर्धन वाजपेयी की कंपनी पैररहट इंडस्ट्रियल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के पास था सर सुन्दर लाल चिकित्सालय में नाइट्रस ऑक्साइड आपूर्ति का ठेका।

reported by Shiv Das 

वाराणसी। कमीशनखोरी की बुनियाद पर खड़ी ठेकेदारी प्रथा इन दिनों सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौतों का इतिहास लिख रही है। गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास (बीआरडी) चिकित्सालय में सौ से ज्यादा बच्चों की मौत के साथ वाराणसी स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय के सर्जरी वार्ड में दो महीने पहले हुई मरीजों की मौतें इसकी नजीर बन गई हैं। प्रशासनिक जांच रपटें और दस्तावेज बताते हैं कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर स्थित इस अस्पताल में उस वक्त हुई मरीजों की मौत सियासी गठजोड़ पर पनपी ठेकेदारी प्रथा की देन हैं जिसमें विश्वविद्यालय के आलाधिकारियों समेत सत्ताधारी भाजपा के विधायक हर्ष वर्धन वाजपेयी तक शामिल हैं।

रविवार, 6 अगस्त 2017

BHU: कुमार पंकज-शोभना नर्लिकर प्रकरण में न्यायिक जांच शुरू, आज आरोपी और गवाहों का बयान होगा दर्ज

उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने शनिवार को पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय प्रमुख प्रो. कुमार पंकज और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शोभना नर्लिकर के विवाद की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने शनिवार को डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच कमेटी आज (रविवार) आरोपी और गवाहों का बयान दर्ज करेगी। वहीं पीड़िता ने न्यायिक जांच प्रक्रिया की सूचना उपलब्ध कराने में विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

शनिवार, 5 अगस्त 2017

BBAU:मनुवादी शिक्षिका का पाठ-"अम्बेडकर के थे महिलाओं से अवैध संबंध, बुद्ध थे अत्याचारी"





समाजशास्त्र विभाग की शिक्षिका जया श्रीवास्तव ने क्लास रूम में लेक्चर के दौरान पढ़ाया कि अम्बेडकर के अपनी पत्नी के अलावा अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध थे। उनका अपनी पत्नी के साथ रिश्ता नहीं था।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की शिक्षिका जया श्रीवास्तव ने लेक्चर के दौरान क्लास में बेहद विवादित और गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है। उन्होंने बाबा साहेब के बारे में जो कहा है उसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन से कार्रवाई की मांग पर छात्र अड़ गए हैं।

BHU में भगवा गुंडों ने छात्रों को पीटा, फिर कराया FIR

साइबर लाइब्रेरी में बैठने की सीट को लेकर समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं पर किया हमला।
वनांचल न्यूज नेटवर्क

वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली राजग सरकार के सत्ता में आते ही भगवा गुंडों का तांडव शुरू हो गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की साइबर लाइब्रेरी के बाहर शुक्रवार को भगवा पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने कुछ छात्रों पर हमला बोल दिया। फिर दोनों गुटों जमकर मारपीट हुई जिसमें दोनों तरफ से कई छात्र घायल हो गए। सुरक्षाकर्मियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। सूत्रों की मानें तो घटना साइबर लाइब्रेरी में बैठने की सीट को लेकर उठे विवाद की वजह से हुई।

शुक्रवार, 4 अगस्त 2017

BHU में SC, ST और OBC के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर बहुजन छात्रों ने किया प्रदर्शन

नुक्कड़ नाटक कर मांगा लोगों का समर्थन। बीएचयू प्रशासन के खिलाफ चलाया हस्ताक्षर अभियान।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। बीएचयू समेत देश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के प्रतिनिधित्व के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए एससी, एसटी और ओबीसी छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले छात्रों ने शुक्रवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने नुक्कड़ नाटक कर समर्थन मांगा। इस दौरान उन्होंने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। समिति द्वारा शिक्षण संस्थाओं में प्रतिनिधित्व के अधिकार के लिए चलाये जा रहे अभियान का यह चौथा दिन था।

BHU EXCLUSIVE: मनुवादी सवर्ण प्रशासकों ने आरक्षित वर्ग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 141 पदों को किया खत्म

फोटो साभारः जनता का रिपोर्टर
केंद्र में भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार बनने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर वर्ग में अनुसूचित जाति वर्ग की 43, अनुसूचित जनजाति वर्ग की 22 और अन्य पिछड़ा वर्ग की 76 सीटें हुईं खत्म।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली केंद्र सरकार ब्राह्मणवादी मीडिया के सहारे पिछड़े वर्गों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग) के कल्याण का ढींढोरा भले ही पीट रही हो लेकिन हकीकत में वह उनके अधिकारों पर कैंची चला रही है। पूर्वांचल में भाजपा के मातृत्व संगठन आरएसएस (राष्ट्रीय सेवक संघ) का गढ़ कहे जाने वाले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सवर्ण प्रशासकों ने पिछले तीन सालों में आरक्षित वर्ग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 141 पदों को खत्म कर दिया लेकिन किसी ने उफ तक नहीं की। इन सीटों में अनुसूचित जाति वर्ग की 43, अनुसूचित जनजाति वर्ग की 22 और अन्य पिछड़ा वर्ग की 76 सीटें शामिल हैं। हालांकि गड़बड़झाले के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अधिकारिक वेबसाइट पर जारी होने वाले विभिन्न रोस्टरों में ये आंकड़े दो-चार की संख्या में घटते-बढ़ते रहते हैं।

मंगलवार, 1 अगस्त 2017

ज़िंदाबाद-मुर्दाबाद के बीच फंसी देशभक्ति

मोहद की घटना का असली नायक सुभाष कोली है. अगर सुभाष पुलिस की साजिश का भंडाफोड़ नहीं करते तो हिंदुत्व अपने प्लैंक पर कामयाब हो चुका था और इसके साथ ही उन 15 लड़कों का भविष्य भी दांव पर लग जाता. 
शरद जायसवाल

बुरहानपुर जिले के मोहद गाँव के 15 लड़कों पर से राजद्रोह का मुकदमा हटाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा कायम किया जाना यह बताता है कि इस घटना के गंभीर सियासी निहितार्थ हैं। हिन्दुस्तान के बटवारे के बाद से ही हिंदुत्व लगातार इस बात को प्रचारित और प्रसारित करता रहा है कि यहाँ के मुसलमानों की सहानभूति और प्रतिब्द्ता पाकिस्तान के साथ है.

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शैक्षिक पदों पर आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर वाराणसी में प्रदर्शन

आल इंडिया डॉ. अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन के बैनर तले बहुजनों ने दिया धरना।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शैक्षिक पदों पर आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर आल इंडिया डॉ. अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन के बैनर तले बहुजनों ने आज वाराणसी के भारत माता मंदिर परिसर में धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने आरक्षण के खिलाफ भाजपा और आएसएस की नीतियों की जमकर मुखालफत की।


रविवार, 30 जुलाई 2017

सामाजिक न्याय सम्मेलन में जाति नहीं, जमात को एकजुट करने का उठा मुद्दा


भाजपा की अगुआई में केंद्र की सत्ता में काबिज राजग सरकार द्वारा पिछड़ों के अधिकारों पर हो रहे हमलों पर भारतीय समता परिवार एवं सामाजिक न्याय मोर्चा ने संयुक्त रूप से मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित किया सामाजिक न्याय सम्मेलन’।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भारतीय समता परिवार और सामाजिक न्याय मोर्चा ने आज मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति सभागार में संयुक्त रूप से सामाजिक न्याय सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें वक्ताओं ने सामाजिक न्याय को हासिल करने के लिए जाति नहीं, जमात को एकजुट करने पर जोर दिया। सम्मेलन में केंद्र की सत्ता में काबिज राजग सरकार की नीतियों, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय, दलितों एवं पिछड़ों का आरक्षण, बेरोजगारी, दोहरी शिक्षा प्रणाली, शिक्षा का व्यवसायीकरण, राजनीति का अपराधीकरण और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चर्चा की गई।

पीएम मोदी की ‘मन की बात’ के साथ आज वाराणसी में होगी आरक्षण पर उनकी नीतियों की बात

भाजपा की अगुआई में केंद्र की सत्ता में काबिज राजग सरकार द्वारा पिछड़ों के अधिकारों पर हो रहे हमलों पर भारतीय समता परिवार एवं सामाजिक न्याय मोर्चा संयुक्त रूप से मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित कर रहा है सामाजिक न्याय सम्मेलन’।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के साथ आज उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामाजिक न्याय और आरक्षण की बात होगी। मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति सभागार में पूर्वान्ह 11 बजे से आयोजित सामाजिक न्याय सम्मेलन में केंद्र की सत्ता में काबिज राजग सरकार की नीतियों पर पिछड़ा समुदाय अपनी बात रखेगा जिसमें सामाजिक एवं आर्थिक न्याय, दलितों एवं पिछड़ों का आरक्षण, बेरोजगारी, दोहरी शिक्षा प्रणाली, शिक्षा का व्यवसायीकरण, राजनीति का अपराधीकरण और भ्रष्टाचार के मुद्दे शामिल होंगे।

बुधवार, 19 जुलाई 2017

EXCLUSIVE: वाराणसी में पुलिस ने दलित शिक्षिका को ‘जूता-चप्पलों की माला पहनाई और नंगा घुमाया’

लंका थाना पुलिस ने पीड़ता की तहरीर में उल्लेखित आरोपों को दरकिनार कर मनमुताबिक धारा में दर्ज किया एफआईआर।
Reported by राजीव कुमार मौर्य, विधि संवाददाता
वाराणसी। अवैध वसूली, उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के गैर-कानूनी कारनामों में बदनाम उत्तर प्रदेश पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। लंका थाना पुलिस ने अपने यहां दर्ज एफ.आई.आर. में दलित उत्पीड़न की शिकार महिला शिक्षिका को ना केवल जूता-चप्पलों की माला पहनाई, बल्कि उसे नंगा तक घुमा दिया जबकि पीड़िता ने अपनी तहरीर में कहीं भी इन शब्दों का जिक्र नहीं किया है।

मंगलवार, 18 जुलाई 2017

BHU: डॉ. शोभना नर्लिकर के खिलाफ लामबंद हुए ये शिक्षक, देखिए सूची

कला संकाय प्रमुख और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष प्रो. कुमार पंकज के पक्ष में कला संकाय के अधीन विभिन्न विभागों के 65 शिक्षकों ने गत 15 जुलाई को हस्ताक्षर अभियान चलाकर लामबंदी की थी और कुलपति को डॉ. नर्लिकर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी...
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। ब्राह्मणवादी व्यवस्था की पोषक और पिछड़ा-दलित उत्पीड़न के आरोपों में घिरे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शोभना नर्लिकर के खिलाफ कला संकाय के विभिन्न विभागों के 65 शिक्षकों ने पिछले दिनों कुलपति को एक हस्ताक्षरित पत्र देकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने पर धरना-प्रदर्शन करने की धमकी भी दी।

गुरुवार, 13 जुलाई 2017

UGC की नीतियों के खिलाफ छात्रों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

यूजीसी नेट की परीक्षा साल में दो बार नहीं कराने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क

वाराणसी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर की होने वाली राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) साल में एक बार कराये जाने तथा शोध के लिए सीटों की संख्या कम किये जाने के विरोध में भगत सिंह छात्र मोर्चा के बैनर तले छात्रों ने वृहस्पतिवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने प्रतिरोध मार्च निकाला। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार से इन मामलों को पूर्व की तरह लागू करने की मांग की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वे यूजीसी और सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। 

मंगलवार, 11 जुलाई 2017

BHU: जातिगत उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए छात्रों ने घेरा लंका थाना

पीड़ित असिस्टेंट प्रोफेसर की अगुआई में छात्रों ने लंका स्थित बीएचयू गेट से निकाला प्रतिरोध मार्च।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय के डीन और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को लंका स्थित बीएचयू गेट पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बीएचयू गेट से लंका थाने तक प्रतिरोध मार्च किया और थाने का घेराव भी किया।

सोमवार, 10 जुलाई 2017

ये किसानों की आत्महत्या नहीं है, नीतिगत हत्या हैः प्रो. दिवाकर

भगत सिंह-अंबेडकर विचार मंच की ओर से आयोजित परिचर्चा में शिक्षा, रोजगार, बाजार, जीएसटी और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर हुई चर्चा।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो हुआ। महाराष्ट्र समेत देश के कोने-कोने में जो किसानों के साथ हो रहा है। वह बहुत ही चिंतनीय है। किसानों की हत्या को लोग आत्महत्या कह रहे हैं। यह शब्दावली बदलनी होगी। ये किसानों की आत्महत्या नहीं है। ये नीतिगत हत्या है।

रविवार, 9 जुलाई 2017

BHU पत्रकारिता विभाग में वंचित वर्ग की शिक्षिका का उत्‍पीड़न, हिंदी के प्रोफेसर कुमार पंकज पर संगीन FIR


"साले हरामखोर महाराष्‍ट्र के निचली जाति के दलित साले चमारन आ रहे… औकात में रहोबोलेवरना तुमको मार डालूंगा। सबके सामने बोले… मुझे सौ बार बोला उन्‍होंने तुम्‍हारी औकात ही नहीं है प्रोफेसर की… चार साले झाड़ू लगाओगे।
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में है। बीएचयू के कला संकाय के डीन, पत्रकारिता विभाग के प्रभारी और हिंदी के वरिष्‍ठ अध्‍यापक डॉ. कुमार पंकज के खिलाफ़ शनिवार की दोपहर बनारस के लंका थाने में एक एफआइआर दर्ज हुई है। एफआइआर पत्रकारिता विभाग की रीडर डॉ. शोभना नर्लिकर ने करवायी है जो बीते 15 साल से यहां पढ़ा रही हैं। मामला आइपीसी की धारा 504, 506 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(डी) के तहत दर्ज किया गया है। डॉ. नर्लिकर का आरोप है कि डॉ. कुमार पंकज ने उनके साथ अपशब्‍दों का इस्‍तेमाल किया है, जातिसूचक गालियां दी हैं और जान से मारने की धमकी दी है।

कार में जलने वाले ब्राह्मण नहीं, बदमाश थे, जानिये किस पर थे कितने मुकदमे

रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने प्रेस कांफेंस कर कहा है कि अपटा की घटना में ब्राह्मण नहीं अपराधी मारे गए, जिन्होंने मारा वे इंसान थे
वनांचल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। रायबरेली के अपटा गांव का सच अब सामने आने लगा है। सामंतवादी मीडिया ने भले ही अखबारों और टीवी चैनलों पर इसकी हकीकत दिखानी बंद कर दी है, लेकिन सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया (वेबसाइटों) द्वारा अब वह सबकुछ सही तरीके से सामने आ रहा है कि वहां पर सच्चाई क्या थी। इस सच को वहां के वे लोग भी बयां कर रहे हैं जो स्थानीय हैं और बरसों तक इस हकीकत को देख रहे थे।