शनिवार, 27 जून 2020

आंदोलन बहुत कुछ बदलेगा, इसमें दमन है तो प्रतिरोध का वेग उससे बहुत अधिक

चितरंजन सिंह
(देश के जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं पीयूसीएल उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष चितरंजन सिंह उर्फ चितरंजन भाई का देहांत शुक्रवार को  हो गया। रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव उनके साथ लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। उन्होंने एक संस्मरण लिखा है। इस संस्मरण को यहां प्रकाशित किया जा रहा है। वनांचल एक्सप्रेस परिवार की ओर से चितरंजन भाई को नमन एवं श्रद्धांजलि-संपादक)

हाश्वेता देवी के शब्दों में आंदोलन यानी चितरंजन सिंह आज आपातकाल की बरसी पर हम सबको छोड़कर चले गए. मानवाधिकार-लोकतांत्रिक अधिकार आंदोलन से जुड़े तो यूपी के किसी जिले में शुरुआती दौर में किसी प्रशासनिक या पत्रकारिता से जुड़े शख्श से मनवाधिकारों की बात आते ही चितरंजन सिंह का नाम आ जाता था.

शुक्रवार, 26 जून 2020

कुम्हारों को ज़िंदा जलाने पर मुख्यमंत्री की नहीं खुली जुबान, सपा-बसपा-भाजपा और कांग्रेस भी खामोश

उत्तर प्रदेश की करीब चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों में से किसी ने भी एक ट्विट तक नहीं किया...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के माधोनगर खरपरी निवासी कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंकने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल(सोनेलाल) आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों की जुबान तक नहीं खुली। उन्होंने उत्तर प्रदेश की चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के पीड़ित परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी एक ट्विट करना मुनासिब नहीं समझा। जौनपुर में अनुसूचित समुदाय के लोगों पर हुए हमले में हमलावरों पर रासुका लगाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से कुम्हारों को जिंदा फूंक दिये जाने पर संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। वहीं,  जब भागीदारी संकल्प मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने मैनपुरी पहुंचे तो उन्हें जिला प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया। 

बुधवार, 24 जून 2020

मैनपुरी में दबंगों ने फूंका कुम्हार का घर, दो वर्षीय मासूम संग तीन की मौत, दो की हालत गंभीर

मृतक राम बहादुर प्रजापति
सैफई के मेडिकल कॉलेज में भर्ती दो की हालत नाजुक। पीड़ित महिला ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आग में झुलसी महिला ने तीन लोगों पर लगाया घर में आग लगाने का आरोप।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी कोतवाली के माधोनगर गांव में एक सप्ताह पहले दबंगों ने कुम्हार समुदाय के एक घर को फूंक दिया। इसमें दो वर्षीय मासूम समेत पांच लोग गंभीर रूप से झूलस गए। मासूम की उसी दिन मौत हो गई। रविवार को आग में झुलसे एक पुरुष और मंगलवार को एक महिला की मौत हो गई। दोनों पति-पत्नी थे। आग में झुलसी उनकी दोनों बेटियों की हालत नाजुक है। उनका सैफई के मेडिक कॉलेज में इलाज चल रहा है। मामले में दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक मृतक महिला का बताया जा रहा है। वहीं, दूसरा वीडियो मेडिकल कॉलेज में भर्ती 14 वर्षीय पीड़िता का है जो घर में आग लगाने वाले तीन लोगों का नाम मुरारी, गौरव और संजय बता रही है। 

मंगलवार, 23 जून 2020

राज्यों ने 8 सालों में केंद्र को समर्पित कीं 72500 मेडिकल सीटें, मोदी सरकार ने नहीं दिया OBC आरक्षण

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (AIOBC) के महासचिव जी. करुणानिधि ने वर्ष 2013 से 2020 तक ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्यों द्वारा केंद्र को समर्पित मेडिकल सीटों का आंकड़ा जारी कर केंद्र सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप। मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संसदीय समिति ने आगामी 29 जून को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों को किया तलब। AIOBC ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए संसदीय समिति को पत्र लिखकर रखा अपना पक्ष।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

देश के चिकित्सकीय शिक्षण संस्थानों में लागू ऑल इंडिया कोटा के तहत राज्यों ने पिछले आठ सालों में केंद्र को करीब 72500 मेडिकल सीटें समर्पित कीं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को इनमें से एक भी सीट नहीं मिली। इन सीटों में स्नातक और स्नातकोत्तर की मेडिकल और डेंटल सीटें शामिल हैं। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस इंप्लाइज वेलफेयर एसोशिएशन्स (एआईओबीसी) के महासचिव जी. करुणानिधि ने विभिन्न चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध सीटों का ब्योरा जारी कर केंद्र सरकार पर ओबीसी के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने ओबीसी के लिए संसदीय समिति को आज पत्र लिखकर AIOBC का पक्ष रखा।

रविवार, 21 जून 2020

DU ने EWS कोटे के सवर्णों को दिया SC-ST की छूट, OBC भरेगा पूरा शुल्क

दिल्ली विश्वविद्यालय ने शिक्षा सत्र-2020-21 के आवेदन शुल्क में अन्य पिछड़ा वर्ग को कोई छूट नहीं दी है जबकि उतनी ही सलाना आमदनी वाले ईडब्ल्यूएस कोटे के सवर्णों को एससी,एसटी और दिव्यांग को मिलने वाली छूट के बराबर आवेदन शुल्क में छूट दी है। दिल्ली विधानसभा के पूर्व सदस्य पंकज पुष्कर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर जताई आपत्ति। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर साल आठ लाख रुपये तक कमाने वाले ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से वंचित वर्ग) कोटे के सवर्णों को शिक्षा सत्र-2020-21 के आवेदन शुल्क में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं दिव्यांग (पीडब्ल्यूबीडी) वर्गों की तरह छूट दिया है। वहीं, इतनी ही कमाई करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग को आवेदन शुल्क में छूट की व्यवस्था से वंचित कर दिया है। उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन करने पर अनारक्षित वर्ग के लिए निर्धारित शुल्क ही चुकानी होगी।