गुरुवार, 4 मार्च 2021

गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक और सम्पत्ति विरूपण निवारण विधेयक लोकतांत्रिक आवाजों के दमन का नया हथियार: रिहाई मंच

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में पेश उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक-2021 और सम्पत्ति विरूपण निवारण कानून-2021 को लोकतांत्रिक आवाजों के दमन का नया हथियार बताया है। साथ ही मंच ने कहा है कि दोनों विधेयकों के जरिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार राज्य को पुलिस स्टेट में बदलना चाहती है और विरोधियों का दमन करना चाहती है।

BHU: जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ दलित प्रोफेसर ने निकाला विरोध मार्च, कुलपति ने गठित की चार सदस्यीय कमेटी

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए महिलाओं और छात्रों संग तीसरे दिन भी दिया धरना। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) प्रशासन की उपेक्षा और जातिगत भेदभाव से नाराज पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की दलित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर ने बुधवार को छात्रों, महिलाओं और समर्थकों संग विरोध मार्च निकाला और केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने धरना दिया। वहीं, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जैव रसायन विभाग के डॉ. एस. कृष्णा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया जो 48 घंटे के अंदर दलित प्रोफेसर के आरोपों की जांच रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी।

बुधवार, 3 मार्च 2021

BHU: धरने पर बैठी दलित शिक्षिका की प्रशासन ने की अनदेखी, आज निकालेंगी विरोध मार्च

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर दूसरे दिन अपनी सात सूत्री मांगों के साथ धरने पर बैठीं। विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति आधार पर भेदभाव करने का लगाया आरोप। विश्वविद्यालय प्रशासन ने की अनदेखी। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में जाति आधार पर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के उत्पीड़न और उनके अधिकारों के हनन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत दलित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर मंगलवार को भी केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने सात सूत्री मांगों के साथ धरने पर बैठीं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी प्रसासनिक अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा। उन्होंने देर शाम विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति आधार पर दलित महिला के उत्पीड़न की आवाज की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बुधवार को विरोध मार्च निकालने की घोषणा कीं। उनके मुताबिक, इस विरोध मार्च को छात्रों के संगठन बहुजन छात्र संघ बीएचयू, ऑल इंडिया स्टुडेंट्स एसोसिएशन, एससी/एटी/ओबीसी/मॉइनॉरिटी संघर्ष समिति बीएचयू, भारतीय जनजागरण समिति वाराणसी, एसएआरसी महिला संगठन वाराणसी और भारतीय जनजागरण समिति वाराणसी का समर्थन मिला है।

मंगलवार, 2 मार्च 2021

BHU की दलित शिक्षिका से अनुभाग अधिकारी ने की बदसलूकी, धरने पर बैठीं

पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर ने केंद्रीय कार्यालय के अनुभाग अधिकारी (अवकाश) सुरेंद्र मिश्रा पर लगाया जाति के आधार पर उत्पीड़न और बदसलूकी का आरोप। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) की एक दलित शिक्षिका सोमवार को शिक्षण एवं प्रशासन अनुभाग के अनुभाग अधिकारी (अवकाश) पर बदसलूकी और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कार्यालय में ही धरने पर बैठ गईं। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने शिक्षिका को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह आरोपी अनुभाग अधिकारी द्वारा माफी मांगे जाने और उनके सर्विस बुक में दर्ज लीव-विदाउट-पे को रेगुलर सर्विस के रूप में परिवर्तित किए जाने तक धरना पर बैठे रहने पर अड़ी रहीं। प्रशासनिक अधिकारियों और प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आरोपी अनुभाग अधिकारी ने शिक्षिका से माफी मांगी लेकिन देर शाम तक उनके सर्विेस बुक में दर्ज लीव-विदाउट-पे को रेगुलर सर्विस के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सका। इससे नाराज शिक्षिका केंद्रीय कार्यालय के प्रवेश द्वार के सामने धरने पर बैठ गईं और देर शाम तक वहीं बैठी रहीं।

BHU: आवेदन शुल्क में बढ़ोत्तरी को लेकर गरमाई छात्र राजनीति, छात्रों ने बढ़े शुल्क को वापस लेने के लिए दिया ज्ञापन

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने अपने अधीन स्कूलों और शोध पाठ्यक्रमों के आवेदन शुल्क में 33 फीसदी से लेकर 78 फीसदी तक की है बढ़ोत्तरी। वनांचल एक्सप्रेस ने सोमवार की सुबह प्रकाशित की थी खबर। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अधीन स्कूलों और शोध पाठ्यक्रमों के आवेदन शुल्क में हुई बढ़ोत्तरी को लेकर विश्वविद्यालय परिसर की छात्र राजनीति गरमा गई है। शोध छात्र भुवाल यादव की अगुआई में दर्जनों छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन देकर बढ़े शुल्क को वापस लेने और शोध पाठ्यक्रमों में आवेदकों से ली गई बढ़ी हुई धनराशि संबंधित बैंक उकाउंट में वापस करने की मांग की। छात्रों ने शोधार्थियों के फेलोशिप की धनराशि को उनके बैंक खाते में बिल जमा होने के बाद जल्द से जल्द भेजने की भी मांग की। छात्रों का आरोप था कि अनुभाग में फेलोशिप बिल जमा होने के 15 दिनों बाद तक भी फेलोशिप की धनराशि उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हो पा रही है। साथ ही छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन बढ़ी हुए आवेदन शुल्क को वापस नहीं लेता है तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। 

सोमवार, 1 मार्च 2021

BHU ने SET और RET के आवेदन शुल्कों में की 50 और 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी, नर्सरी और LKG में 78 फीसदी से ज्यादा की वसूली

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) प्रशासन के अधीन विद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थानों, संकायों और विभागों के विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रवेश शुल्क में 60 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की आशंका। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर सबसे ज्यादा मार। 

reported by शिव दास / SHIV DAS

वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के गढ़ के रूप में चर्चित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने विद्यालयों और शोध पाठ्यक्रमों के आवेदन शुल्कों में क्रमशः 50 और 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है। नर्सरी और एलकेजी के आवेदन शुल्कों में यह बढ़ोत्तरी 78 फीसदी से भी ज्यादा है। आशंका है कि विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रवेश शुल्कों में भी करीब 60 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर सकता है।