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बुधवार, 3 सितंबर 2014

12 करोड़ रुपये से होगा भूमि और जल का संरक्षण

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र। जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति की बैठक पिछले दिनों कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 12 करोड़ 57 लाख 55 हजार रुपये की कार्ययोजना को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया। इसके तहत इस वर्ष की नई कार्ययोजना के 11 करोड 9 लाख 48 हजार आबंटित किए गए। वहीं पूर्व में निर्धारित योजनाओं की मजदूरी बढ़ने की वजह से परियोजना लागत में मजदूरों की मजदूरी के अन्तर की एक करोड़ 31 लाख 87 हजार की योजना और अनुरक्षण मद के लिए 16 लाख 20 हजार का परिव्यय भी सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि भूमि एवं जल संरक्षण के कार्य काफी कारगर हैं। अब जो भी कार्य जिले में हों, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। बैठक के दौरान रॉबर्ट्सगंज के विधायक अविनाश कुशवाहा, दुद्धी की विधायक रूबी प्रसाद, घोरावल के विधायक रमेश चन्द्र दुबे, म्योरपुर के ब्लाक प्रमुख संजय यादव आदि जनप्रतिनिधियों के सुझाओं को भी कार्ययोजना में शामिल करने का निर्देश विभाग के सचिव/भूमि संरक्षण अधिकारी, चोपन एपी यादव को दिया गया।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि भूमि संरक्षण और जल संसाधन की अनुमोदित कार्ययोजनाओं की प्रतियां अनिवार्य रूप से जिले के जनप्रतिनिधियों को मुहैया कराई जाएं और जो परियोजनाओं शुरू की जाए, उनका सिलान्यास/शुभारंभ क्षेत्रीय विधायकगणों से कराया जाए। पूर्व में जो परियोजनाएं पूरी हो चुकी है, उन परियोजनाओं का प्रदर्शन बोर्ड भी लगाया जाए ताकि भूमि संरक्षण और जल संसाधन के क्षेत्र में कराये जा रहे कार्यो में पारदर्शिता के साथ ही आम नागरिकों में जागरूकता बढ़े।


इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह, उप-निदेशक भूमि संरक्षण, वाराणसी एसबी सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी, चोपन एपी यादव, भूमि संरक्षण अधिकारी राबर्ट्सगंज, आरके यादव आदि मौजूद रहे।

रविवार, 17 अगस्त 2014

महज 0.20 फीसदी धनराशि से होगा बीस फीसदी आबादी वाले आदिवासियों का कल्याण

सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता राकेश, बेसिक शिक्षा मंत्री
राम गोविन्द चौधरी, जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी की अध्यक्षता में हुई जिला कार्य योजना समिति की बैठक। 130 करोड़ 25 लाख रुपये के प्रस्तावित परिव्यय को मिली मंजूरी...

written by Shiv Das Prajapati

सोनभद्र। राज्य सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री और जिला प्रभारी राम गोविन्द चौधरी की अध्यक्षता में गत 11 अगस्त को जिला योजना समिति की बैठक स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 130 करोड़ 25 लाख रुपये के प्रस्तावित परिव्यय (खर्च) को मंजूरी दी गई। हालांकि जिले की करीब इक्कीस फीसदी आबादी वाले अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए परिव्यय की यह संरचना एक बार फिर निराश करने वाली है। 

समिति ने उनके कल्याण के लिए महज 26 लाख 96 हजार रुपये के खर्च को ही मंजूरी दी है जो कुल परिव्यय का महज 0.20 फीसदी है। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग की पुत्रियों की शादी और उनकी बीमारी के इलाज की 10 लाख की वह धनराशि भी शामिल है जो उन्हें अनुदान के रूप में मिलती है। इस वर्ग में अत्याचार से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए समिति ने एक लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दी है जो उनकी आबादी और उन पर होने वाले अत्याचार के अनुपात में काफी कम है।


जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह और मुख्य विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह की ओर से जारी जिला योजना संरचना वर्ष 2014-15 में उल्लेखित आंकड़ों के मुताबिक, जिला योजना समिति द्वारा बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए कुल एक करोड़ उन्नीस लाख 80 हजार रुपये का परिव्यय अनुमोदित किया गया था। इसमें वित्तीय वर्ष 2012-13 में 23 लाख 96 हजार रुपये और 2013-14 में 23 लाख 96 हजार रुपये का परिव्यय पहले ही अनुमोदित हो चुका है। 

जिला योजना समिति ने पिछले दिनों वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य के संसाधनों से 26 लाख 96 हजार रुपये के प्रस्तावित परिव्यय को मंजूरी दी। इसमें 12 लाख 96 हजार रुपये कक्षा 1-10 तक के छात्रों की छात्रवृत्ति पर खर्च होंगे जबकि तीन लाख रुपये छात्रों के यूनिफॉर्म/साइकिल पर खर्च किए जाएंगे। अत्याचार से पीड़ित अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए इस साल एक लाख रुपये का आबंटन किया गया है। वहीं, इस वर्ग के लिए संचालित पुत्रियों की शादी-बीमारी योजना के लिए दस लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है। 

गौरतलब है कि जिले की आबादी में अनुसूचित जनजाति वर्ग का अनुपात 20.67 फीसदी है। वहीं जिले में 22.63 फीसदी आबादी वाले अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए जिला योजना समिति ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में महज दो करोड़ 31 लाख 64 हजार रुपये के प्रस्तावित खर्च को मंजूरी दी है जो 1.78 फीसदी के बराबर है। इसमें से एक करोड़ 39 लाख 64 हजार रुपये अनुसूचित जाति वर्ग के प्रिमैट्रिक छात्रों की छात्रवृत्ति पर खर्च किए जाएंगे और 80 लाख रुपये उनकी पुत्रियों की शादी समेत बीमारी के इलाज के लिए खर्च किए जाएंगे। 

इस वर्ग के अत्याचार पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए 12 लाख रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है। इस वित्तीय वर्ष में आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना, निर्माण, विस्तार और रख-रखाव के लिए जिला योजना समिति ने कोई धन आबंटित नहीं किया है। बुक बैंक की स्थापना के लिए भी हर बार की तरह इस बार भी व्यवस्था नहीं की गई है।