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शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

देश की आजादी के सात दशक बाद भी स्मारक को तरस रहा 13 वर्षीय यह शहीद

 देवरिया जिले के नौतन हथियागढ़ निवासी शहीद राम चंद्र विद्यार्थी की पुण्यतिथि पर विशेषः-

written by राम विलास प्रजापति

देश की आजादी के सात दशक बाद भी देवरिया जिले का 13 वर्षीय शहीद राम चंद्र 'विद्यार्थी' आज भी एक मुकम्मल स्मारक और प्रतिमा की बाट जोह रहा है लेकिन किसी भी सरकार शहीद को उसके शहादत के सम्मान की चिंता नहीं है। कुम्हार समुदाय से आने वाले रामचन्द्र विद्यार्थी का जन्म एक अप्रैल 1929 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के नौतन हथियागढ़ गांव में हुआ था। इनके जन्म के आठवें दिन भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केन्द्रीय असेंबली मे बम फेंका था। इनके पिता का नाम बाबूलाल और माता का नाम मोतीरानी देवी है। प्राथमिक शिक्षा के लिए रामचन्द्र का नामांकन सहोदरपट्टी गांव के प्राथमिक विद्यालय मे कराया गया। वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे और आसपास के प्रति संवेदनशील रहते थे । बचपन में इनके दादा भरदुल जी वीरों की कहानियां सुनाया करते थे। ऐसी कहानियों को सुनकर वे काफी रोमांचित होते थे। यही से इनके जेहन मे देशभक्ति का जज्बा अंकुरित हुआ। प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद इनका नामांकन नौतन से 12 किमी. दूर बसंतपुर धूसी विद्यालय में कराया गया। इनकी प्रखर बुद्धि से प्रभावित होकर विद्यालय के गुरजन इनसे प्यार करते और बच्चे भी आदर करते थे। रामचन्द्र अपने अन्य तीन भाइयों से बड़े थे। उनमें से एक भाई रामबड़ाई अभी भी जीवित हैं।