शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

BHU में जातिगत भेदभाव को लेकर छात्रों और नागरिकों ने किया प्रदर्शन

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी के रूप में चयनित डॉ. मुकेश कुमार मालवीय समेत एससी, एसटी और ओबीसी के साथ होने वाले भेदभाव पर आंदोलन की चेतावनी।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों और अभ्यर्थियों के साथ हो रहे जातिगत भेदभाव के खिलाफ छात्रों और नागरिकों ने बृहस्पतिवार को लंका स्थित बीएचयू गेट के सामने प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रोफेसर पद पर एकल योग्य अभ्यर्थी एवं उसी संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार मालवीय का साक्षात्कार कराने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर एससी, एसटी, ओबीसी के खिलाफ जातिगत भेदभाव नहीं रुका तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। 

बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

BHU में फिर दिखा सवर्णों का जातिवाद, प्रोफेसर पद पर OBC के गोल्ड मेडलिस्ट योग्य अभ्यर्थी का साक्षात्कार लेने से किया इंकार

विश्वविद्यालय प्रशासन ने ओबीसी कैटगरी के पद पर एकल योग्य उम्मीदवार का साक्षात्कार नहीं लेने के विवादित नियम का दिया हवाला। 

reported by Shiv Das

आज बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की बगिया में मेरे साथ अन्याय हो रहा है। पढ़ाई लिखाई में हमेशा गोल्ड मेडल लाया। एलएलबी, एलएलएम, एमफिल, सभी में अव्वल रहा। 25 पुस्तकें लिखीं, 500 से ज्यादा पेपर लिखे, 500 से अधिक पेपर पढ़ा। 100 अवार्ड पाया। मेरे गुरुजन, मेरे साथी, मेरे सहयोगी सभी मेरी काबलियत से वाकिफ हैं।...बीएचयू में प्रोफेसर का इश्तहार पढ़कर मैंने भी फॉर्म डाला। 31.10.2020 को मुझे इंटरव्यू देना था। न मालूम किस की नजर लगी। मेरे नाम को आज हटा दिया गया। पहले बुलाया, बाद में अपने से हटा दिया गया। ये किसी योग्यता प्राप्त व्यक्ति के साथ होना एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है। मैं ओबीसी हूं। ...आज चंद लोंगो की भेदभाव भरी अनीति से मेरी योग्यता का अंतिम संस्कार हो गया।