शनिवार, 12 दिसंबर 2020

BHU: रात में गुंडागर्दी के बाद दिन में झुका विश्वविद्यालय प्रशासन, सोमवार से खुलेगी सेंट्रल लाइब्रेरी

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने छात्रों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना कुलपति से वार्ता के बाद समाप्त। धरनारत छात्रों का दावा- 14 दिसंबर से केंद्रीय पुस्तकालय और साइबर लाइब्रेरी को 300 छात्र-छात्राओं के लिए खोलने पर बनी सहमति। सेमेस्टर परीक्षाओं के खत्म होने के बाद छात्रावासों को खोलने पर भी बनी सहमति। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के तहत खोलने की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने विश्वविद्यालय के छात्रों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार की शाम कुलपति से वार्ता के बाद समाप्त हो गया। वार्ता में शामिल धरनारत छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन सोमवार से 300 छात्र-छात्राओं के लिए केंद्रीय पुस्तकाल और साइबर लाइब्रेरी खोलने के लिए तैयार हो गया है। साथ ही 50 छात्र-छात्राओं के लिए सिटी डेलीगेसी भी खुलेगा। हालांकि छात्रावासों और विश्वविद्यालय को पठन-पाठन के लिए खोलने पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। 

बुधवार, 9 दिसंबर 2020

किसान आंदोलनः मोदी सरकार के हठ ने ली 4 किसानों की जान, पंजाब के मुख्यमंत्री ने 5-5 लाख रुपये देने का किया ऐलान

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाली मोदी सरकार के हठ से किसान आंदोलन में अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं! इनमें से चार किसान थे। वहीं, पंजाब की कांग्रेस सरकार के मुखिया अमरिन्दर सिंह ने मृतक किसानों के परिजनों को पांच-पाच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। पढ़िए जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की यह रिपोर्टः

किसान आंदोलन में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से चार मौतें बहादुरगढ़ में धरने पर बैठे किसानों की हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनमें तीन किसानों की मौत बीमार होने से हुई हैं जबकि किसानों का ट्रैक्टर ठीक करने आए एक ट्रैक्टर मकैनिक की मौत उसकी स्वीफ्ट कार में आग लगने से हो गई थी। 

मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

BHU-VC और छात्रों के बीच फिर ठनी, छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने के तीसरे दिन हॉस्टल खाली कराने की कोशिश नाकाम

BHU-VC आवास के सामने धरना देते छात्र
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दर्जनों छात्र कुलपति आवास के सामने पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन दे रहे धरना। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय, पुस्तकालय और हॉस्टल खोलने की कर रहे मांग। छात्रों का आरोप- पुलिस प्रशासन और अराजक तत्वों के बल पर विश्वविद्यालय प्रशासन धरना खत्म कराने की कर रहा कोशिश।    

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। कोरोना वायरस (COVID-19) से उपजे हालात और लॉक-डाउन से प्रभावित शैक्षिक प्रक्रिया से चिंतित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों और कुलपति के बीच फिर ठन गई है। पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को खोलने की मांग को लेकर दर्जनों छात्र पिछले चार दिनों से कुलपति आवास के सामने धरना दे रहे हैं लेकिन कुलपति ने उनसे मिलने या वार्ता करने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके उलट विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को बिड़ला 'ए' छात्रावास में रह रहे करीब 50 छात्रों से कमरा खाली कराने की नाकाम कोशिश की। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैये से नाराज छात्रों ने मार्च निकाला और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का साफ कहना था कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावासों में रह रहे छात्रों को उनके कमरों से बाहर निकालने की कोशिश की तो वे चुप नहीं बैठेंगे। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के तहत पुस्तकालयों और छात्रावासों समेत विश्वविद्यालय को तुरंत खोले जाने की मांग की।

रविवार, 6 दिसंबर 2020

जातिगत भेदभाव के आरोपों के साथ BHU में मनी डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि

भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित के.एन. उडुप्पा सभागार में संगोष्ठी का हुआ आयोजन। वक्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर लगाया जाति आधार पर भेदभाव करने का आरोप। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) स्थित के.एन. उडुप्पा सभागार में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के छात्रों एवं शिक्षकों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान वक्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर जाति के आधार पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखित भारतीय संविधान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।