गुरुवार, 12 अक्तूबर 2017

राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा है- विजय नारायण

संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए चौधरी राजेंद्र और मंचासीन अनीता
भारती, डॉ. दुर्गा श्रीवास्तव, अमरनाथ और विजय नारायण।
लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती और डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आयोजित लोकतंत्रः गतिरोध और संभावनाएं विषयक संगोष्ठी में समाजवादियों, गांधीवादियों और वामपंथियों ने व्यक्त किये विचार।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। लोकनायक जय प्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया राजनीतिक और वैचारिक प्रतिबद्धता और समर्पण के प्रतीक हैं। उनका ना कोई घर था और ना ही कोई निश्चित पता। आज राजनीति से विचारधाराएं गायब हो गई हैं। उनकी जगह संप्रदायवाद और जातिवाद ने ले लिया है। राजनीति आज देश का खजाना लूटने का धंधा बन चुकी है।

सोमवार, 9 अक्तूबर 2017

बहुजन नायकों के विचारों की गलत व्याख्या कर रही भाजपा

मान्यवर कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्र कार्यक्रम आयोजन समिति की ओर से आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने बहुजन आंदोलन की दशा और दिशाविषयक गोष्ठी में रखी अपनी बात।  
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। आरएसएस और उसके राजनीतिक संगठन भाजपाके नेता बहुजन आंदोलन के नायकों की मूल रचनाओं पर अंकुश लगाकर युवाओं के सामने उसकी गलत व्याख्या पेश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों समेत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को अपना हथियार बनाया है। उनके इस मकसद में बहुजन समुदाय के कुछ सत्तालोलुप और मौकापरस्त लोग उनकी सहायता कर रहे हैं जिनसे हमें सतर्क रहना है। ऐसे लोग बहुजन आंदोलन को खत्म करना चाह रहे हैं लेकिन बहुजन नायकों के विचारों की तपिश में ऐसी ताकतें भस्म हो जाएंगी और बहुजन राज करेंगे।