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रविवार, 5 फ़रवरी 2023

पत्रकारिता जल्दबाजी में लिखा गया साहित्य है: प्रो. अरुण कुमार भगत


बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के आचार्य और बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत ने दिया 'पत्रकारिता में रचनाधर्मिता' पर व्याख्यान। काशी पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के सभागार में पद्मश्री प्रो. कमलाकर त्रिपाठी ने प्रो. अरुण कुमार भगत की पुस्तक 'पत्रकारिता: सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया' का किया लोकार्पण।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों की 'शब्द संवाद' श्रृंखला के तहत शनिवार को "पत्रकारिता में रचनाधर्मिता" विषय पर बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं बिहार लोकसेवा आयोग के सदस्य प्रो. अरुण कुमार भगत के व्याख्यान का आयोजन किया। विभागीय सभागार में हुए इस कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री प्रो. कमलाकर त्रिपाठी ने बतौर मुख्य अतिथि उनकी पुस्तक "पत्रकारिताः सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया" का लोकार्पण किया।

गुरुवार, 4 मार्च 2021

BHU: जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ दलित प्रोफेसर ने निकाला विरोध मार्च, कुलपति ने गठित की चार सदस्यीय कमेटी

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए महिलाओं और छात्रों संग तीसरे दिन भी दिया धरना। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) प्रशासन की उपेक्षा और जातिगत भेदभाव से नाराज पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की दलित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर ने बुधवार को छात्रों, महिलाओं और समर्थकों संग विरोध मार्च निकाला और केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने धरना दिया। वहीं, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जैव रसायन विभाग के डॉ. एस. कृष्णा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया जो 48 घंटे के अंदर दलित प्रोफेसर के आरोपों की जांच रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी।

बुधवार, 3 मार्च 2021

BHU: धरने पर बैठी दलित शिक्षिका की प्रशासन ने की अनदेखी, आज निकालेंगी विरोध मार्च

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर दूसरे दिन अपनी सात सूत्री मांगों के साथ धरने पर बैठीं। विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति आधार पर भेदभाव करने का लगाया आरोप। विश्वविद्यालय प्रशासन ने की अनदेखी। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में जाति आधार पर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के उत्पीड़न और उनके अधिकारों के हनन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत दलित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर मंगलवार को भी केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने सात सूत्री मांगों के साथ धरने पर बैठीं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी प्रसासनिक अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा। उन्होंने देर शाम विश्वविद्यालय प्रशासन पर जाति आधार पर दलित महिला के उत्पीड़न की आवाज की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बुधवार को विरोध मार्च निकालने की घोषणा कीं। उनके मुताबिक, इस विरोध मार्च को छात्रों के संगठन बहुजन छात्र संघ बीएचयू, ऑल इंडिया स्टुडेंट्स एसोसिएशन, एससी/एटी/ओबीसी/मॉइनॉरिटी संघर्ष समिति बीएचयू, भारतीय जनजागरण समिति वाराणसी, एसएआरसी महिला संगठन वाराणसी और भारतीय जनजागरण समिति वाराणसी का समर्थन मिला है।

मंगलवार, 2 मार्च 2021

BHU की दलित शिक्षिका से अनुभाग अधिकारी ने की बदसलूकी, धरने पर बैठीं

पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभना नेरलीकर ने केंद्रीय कार्यालय के अनुभाग अधिकारी (अवकाश) सुरेंद्र मिश्रा पर लगाया जाति के आधार पर उत्पीड़न और बदसलूकी का आरोप। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) की एक दलित शिक्षिका सोमवार को शिक्षण एवं प्रशासन अनुभाग के अनुभाग अधिकारी (अवकाश) पर बदसलूकी और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कार्यालय में ही धरने पर बैठ गईं। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने शिक्षिका को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह आरोपी अनुभाग अधिकारी द्वारा माफी मांगे जाने और उनके सर्विस बुक में दर्ज लीव-विदाउट-पे को रेगुलर सर्विस के रूप में परिवर्तित किए जाने तक धरना पर बैठे रहने पर अड़ी रहीं। प्रशासनिक अधिकारियों और प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आरोपी अनुभाग अधिकारी ने शिक्षिका से माफी मांगी लेकिन देर शाम तक उनके सर्विेस बुक में दर्ज लीव-विदाउट-पे को रेगुलर सर्विस के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सका। इससे नाराज शिक्षिका केंद्रीय कार्यालय के प्रवेश द्वार के सामने धरने पर बैठ गईं और देर शाम तक वहीं बैठी रहीं।

रविवार, 6 अगस्त 2017

BHU: कुमार पंकज-शोभना नर्लिकर प्रकरण में न्यायिक जांच शुरू, आज आरोपी और गवाहों का बयान होगा दर्ज

उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने शनिवार को पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय प्रमुख प्रो. कुमार पंकज और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शोभना नर्लिकर के विवाद की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कलीमुल्लाह खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी ने शनिवार को डॉ. शोभना नर्लिकर का बयान दर्ज किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच कमेटी आज (रविवार) आरोपी और गवाहों का बयान दर्ज करेगी। वहीं पीड़िता ने न्यायिक जांच प्रक्रिया की सूचना उपलब्ध कराने में विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

बुधवार, 19 जुलाई 2017

EXCLUSIVE: वाराणसी में पुलिस ने दलित शिक्षिका को ‘जूता-चप्पलों की माला पहनाई और नंगा घुमाया’

लंका थाना पुलिस ने पीड़ता की तहरीर में उल्लेखित आरोपों को दरकिनार कर मनमुताबिक धारा में दर्ज किया एफआईआर।
Reported by राजीव कुमार मौर्य, विधि संवाददाता
वाराणसी। अवैध वसूली, उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के गैर-कानूनी कारनामों में बदनाम उत्तर प्रदेश पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। लंका थाना पुलिस ने अपने यहां दर्ज एफ.आई.आर. में दलित उत्पीड़न की शिकार महिला शिक्षिका को ना केवल जूता-चप्पलों की माला पहनाई, बल्कि उसे नंगा तक घुमा दिया जबकि पीड़िता ने अपनी तहरीर में कहीं भी इन शब्दों का जिक्र नहीं किया है।

मंगलवार, 18 जुलाई 2017

BHU: डॉ. शोभना नर्लिकर के खिलाफ लामबंद हुए ये शिक्षक, देखिए सूची

कला संकाय प्रमुख और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष प्रो. कुमार पंकज के पक्ष में कला संकाय के अधीन विभिन्न विभागों के 65 शिक्षकों ने गत 15 जुलाई को हस्ताक्षर अभियान चलाकर लामबंदी की थी और कुलपति को डॉ. नर्लिकर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी...
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। ब्राह्मणवादी व्यवस्था की पोषक और पिछड़ा-दलित उत्पीड़न के आरोपों में घिरे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में शिक्षकों की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शोभना नर्लिकर के खिलाफ कला संकाय के विभिन्न विभागों के 65 शिक्षकों ने पिछले दिनों कुलपति को एक हस्ताक्षरित पत्र देकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने पर धरना-प्रदर्शन करने की धमकी भी दी।

मंगलवार, 11 जुलाई 2017

BHU: जातिगत उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए छात्रों ने घेरा लंका थाना

पीड़ित असिस्टेंट प्रोफेसर की अगुआई में छात्रों ने लंका स्थित बीएचयू गेट से निकाला प्रतिरोध मार्च।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय के डीन और पत्रकारिता एवं जन संप्रेषण विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को लंका स्थित बीएचयू गेट पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बीएचयू गेट से लंका थाने तक प्रतिरोध मार्च किया और थाने का घेराव भी किया।

रविवार, 9 जुलाई 2017

BHU पत्रकारिता विभाग में वंचित वर्ग की शिक्षिका का उत्‍पीड़न, हिंदी के प्रोफेसर कुमार पंकज पर संगीन FIR


"साले हरामखोर महाराष्‍ट्र के निचली जाति के दलित साले चमारन आ रहे… औकात में रहोबोलेवरना तुमको मार डालूंगा। सबके सामने बोले… मुझे सौ बार बोला उन्‍होंने तुम्‍हारी औकात ही नहीं है प्रोफेसर की… चार साले झाड़ू लगाओगे।
वाराणसी। बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में है। बीएचयू के कला संकाय के डीन, पत्रकारिता विभाग के प्रभारी और हिंदी के वरिष्‍ठ अध्‍यापक डॉ. कुमार पंकज के खिलाफ़ शनिवार की दोपहर बनारस के लंका थाने में एक एफआइआर दर्ज हुई है। एफआइआर पत्रकारिता विभाग की रीडर डॉ. शोभना नर्लिकर ने करवायी है जो बीते 15 साल से यहां पढ़ा रही हैं। मामला आइपीसी की धारा 504, 506 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(डी) के तहत दर्ज किया गया है। डॉ. नर्लिकर का आरोप है कि डॉ. कुमार पंकज ने उनके साथ अपशब्‍दों का इस्‍तेमाल किया है, जातिसूचक गालियां दी हैं और जान से मारने की धमकी दी है।