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सोमवार, 15 जनवरी 2018

फर्जी नियुक्तियों में RSS की भूमिका को उजागर करने वाले पत्रकारों समेत वनांचल एक्सप्रेस, मीडिया विजिल और नवजीवन पर FIR

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
देश और विभिन्न राज्यों की सत्ता पर काबिज भाजपा और उसके मातृत्व संगठन आरएसएस के फर्जीवाड़ों और घोटालों को उजागर करने वाले पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। जिले के रॉबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की अवैधानिक नियुक्तियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थानीय इकाई के पदाधिकारियों की भूमिका उजागर करने वाले दो पत्रकारों शिव दास और अश्विनी कुमार सिंह समेत वनांचलएक्सप्रेस.कॉम, मीडियाविजिल.कॉम और नवजीवनइंडिया.कॉम पर प्रकाशित खबरों का हवाला देकर भारतीय दंड संहिता की धारा-506 (धमकी देने) और आईटी एक्ट की धारा-66 के तहत प्राथमिकी दर्ज  की गई है। गत वर्ष 9 दिसंबर को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में दर्ज  यह एफआईआर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोनभद्र इकाई के सह विभाग कार्यवाह हरिश्चंद्र त्रिपाठी की तहरीर पर दर्ज की गई है।

रविवार, 10 दिसंबर 2017

RSS की फर्जी नियुक्तियों का खेल, पूर्व DIOS और दो पूर्व पत्रकारों समेत 12 पर FIR दर्ज

अवैधानिक रूप से नियुक्त लिपिक और शिक्षकों में हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों के रिश्तेदारों का नाम शामिल। फर्जी नियुक्ति के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक हरिश्चंद्र त्रिपाठी उर्फ हरीश जी का जुड़ रहा नाम।

शिव दास और अश्विनी सिंह की संयुक्त रिपोर्ट

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अयोग्य लोगों की नियुक्तियों के बाद अब सरकारी सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। हालांकि सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक ने गत माह की आखिरी तारीख को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक और दो पूर्व पत्रकारों समेत कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ ही जाली शासनादेश तैयार कर फर्जीवाड़ा करने और सरकारी धन का गबन करने समेत विभिन्न आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराया है। आरोपियों में सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात आशुलिपिक और लेखाकार समेत राबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां के कुल आठ सहायक अध्यापकों के नाम भी शामिल हैं। एफआईआर में दर्ज नामों में हिन्दू युवा वाहिनी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों के नाम भी हैं। उपलब्ध दस्तावेज और आरोपों की मानें तो इन फर्जी नियुक्तियों के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत इकाई से संबद्ध सोनभद्र इकाई के पूर्व प्रचारक का हाथ है जो रॉबर्ट्सगंज स्थित रॉबर्ट्सगंज संस्कृत महाविद्यालय में फर्जी ढंग से प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति पाई है।

रविवार, 2 जुलाई 2017

खबर का असरः हटाये गए प्रभुराम चौहान, राज शेखर सिंह बने सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक

प्रभु राम चौहान
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हाईस्कूल की मान्यता हासिल करने वाले विद्यालयों की जांच में हीलाहवाली पर केंद्रित वनांचल एक्सप्रेस की रिपोर्टों पर शासन ने गिराई गाज। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रभुराम चौहान प्रतिक्षारत।  
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
इलाहाबाद। सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार और अनियमितता पर केंद्रित वनांचल एक्सप्रेस की रिपोर्टों पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। शासन ने प्रभुराम चौहान को सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक पद से हटाकर प्रतिक्षारत कर दिया है और उनकी जगह राज शेखर सिंह को सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक पद पर नई तैनाती दी है। राज शेखर सिंह अभी इलाहाबाद स्थित शिक्षा निदेशालय में सहायक शिक्षा निदेशक पद पर तैनात हैं।

मंगलवार, 27 जून 2017

सोनभद्र में शिक्षा माफियाओं के आगे नतमस्तक हुई भाजपा सरकार

रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के बहुअरा में बिना मान्यता नर्सरी और
इंटमीडिएट की कक्षाओं के संचालन का लगा बैनर।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में घूसखोरी के बल पर हो रहा फर्जीवाड़ा। वर्षों से जमे बाबुओं और अधिकारियों ने मानकों की अनदेखी कर सैकड़ों विद्यालयों को दिलाई मान्यता। शिकायत के वर्षों बाद भी नहीं हुई कार्रवाई। जिले में संचालित हो रहे हजारों फर्जी स्कूल।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
सोनभद्र। शिक्षा माफियाओं और जिला प्रशासन के गठजोड़ के आगे सूबे की भाजपा सरकार नतमस्तक हो गई है। जिले में शिक्षा माफिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए धड़ल्ले से फर्जी स्कूलों का संचालन कर रहे हैं तो संबंधित विभागों के अधिकारी उनके पक्ष में दलीलें पेश कर रहे हैं। शिकायत के वर्षों बाद भी वे फर्जी ढंग से संचालित स्कूलों और उसके प्रबंध-तंत्र पर कार्रवाई करने की जरूरत महसूस नहीं कर रहे।