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बुधवार, 28 जुलाई 2021

OBC आरक्षणः केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पिछड़ों ने किया देशव्यापी प्रदर्शन, आबादी के अनुपात में मांगा आरक्षण

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) के मौके पर 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में पिछड़ों ने भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ सड़कों पर खोला मोर्चा। नीट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा के तहत राज्यों द्वारा समर्पित सीटों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी को आरक्षण देने और सामान्य वर्ग का आतिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों ने सोमवार को 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के तहत देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP)पर अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाया।

मंगलवार, 27 जुलाई 2021

OBC आरक्षणः बनारस में मोदी सरकार के खिलाफ पिछड़ों का विरोध-प्रदर्शन, NEET में AIQ की सीटों पर मांगा 27 प्रतिशत आरक्षण

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) के मौके पिछड़े छात्रों और समाजसेवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में फूंका सामाजिक न्याय आंदोलन का बिगुल। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में की NEET के AIQ के तहत राज्यों की समर्पित सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस के मौके पर पिछड़े छात्रों और समाजसेवियों ने सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU)के सिंह द्वार के सामने भाजपा की अगुआई वाली केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ 'सामाजिक न्याय आंदोलन' के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन किया और संत रविदास गेट तक विरोध मार्च भी निकाला। इस दौरान उन्होंने भाजपा और आरएसएस की अगुआई वाली केंद्र और राज्य सरकारों पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)के संवैधानिक आरक्षण पर हमला करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने  NEET के AIQ में राज्यों की समर्पित सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने, सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना कराने की मांग की। 

रविवार, 25 जुलाई 2021

OBC आरक्षण पर हमले के खिलाफ कल होगा विरोध-प्रदर्शन, NEET के AIQ में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने की उठेगी मांग। महान समाज सुधारक छत्रपति शाहु जी महाराज ने 26 जुलाई 1902 को अपनी रियासत कोल्हापुर की सरकारी नौकरियों में वंचितों को पहली बार दिया था 50 प्रतिशत आरक्षण।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी/पटना/भागलपुर/। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP)की अगुआई वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ पिछड़े और दलित कल सामाजिक न्याय आंदोलन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन करेंगे। साथ ही वे नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने की मांग करेंगे। 'वनांचल एक्सप्रेस' को अभी तक मिली सूचना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत बिहार के भागलपुर, मुंगेर, बांका, अरवल, खगड़िया, बेगुसराय और पटना में लोग कल सड़कों पर उतरेंगे और केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएंगे।

शुक्रवार, 25 जून 2021

कुम्हारी कला प्रशिक्षण योजना: टरेनी हम जाके दो दिन-चार दिन दे देब लेकिन पैसा न दे पाइब

लक्ष्मण प्रसाद प्रजापति
पूर्वांचल के अधिकतर जनपदों में कुम्हारों को नहीं बंटा है विद्युत चाक। कुम्हारों को निःशुल्क कुम्हारी कला का प्रशिक्षण दिए जाने की उठी मांग। मोदी सरकार की कुम्हारी कला प्रशिक्षण योजना पर बिफरे कुम्हार, कहा- कुम्हारों को मुख्यधारा से नहीं जोड़ना चाहती भाजपा सरकार

reported by Shiv Das Prajapati

"नाहीं, हमशे न सपरी...अरे कहां पावल जाई बाइस हजार...गोड़े के अपही बाटी...चाक मिलल नाहीं बा...देखा चाक मिलल नाहीं बा...देखा इहै धीरे-धीरे चलत बा...हम कितना सपराइब।" 

यह कहना है सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकासखंड के बहुअरा गांव निवासी लक्ष्मण प्रसाद प्रजापति का। वह घर पर मिट्टी से पुरवा, परई, दीया, हड़िया, गगरी, घड़ा आदि बनाने का काम करते हैं। इसे बनाने के लिए उनके पास पत्थर की पारंपरिक चाक है। इसे चलाने में उन्हें बहुत ही ताकत लगानी पड़ती है। वह उम्र के करीब 58वें साल में जिंदगी गुजार रहे हैं। ढलती उम्र उन्हें पत्थर की भारी पारंपरिक चाक चलाने में परेशानी भी खड़ा करती है। इससे उपजी चिंता की लकीरें उनके माथे पर साफ झलकती हैं।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी- रविंद्र प्रकाश भारतीय

उन्नाव की घटना के विरोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालयों के छात्र समूह बीएचयू बहुजन ने मधुबन पार्क में किया प्रदर्शन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों ने सूबे की बेटियों को प्रताड़ना, वंचना, उत्पीड़न एवं शोषण का पर्याय बना दिया है जो बेहद घृणित और दुःखद है। ऐसा लगता है कि सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी। पूरे उत्तर प्रदेश में हत्या और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधियों में कोई खौफ नहीं है। वे जब चाहते हैं, तब महिलाओं और बेटियों का रेप कर देते हैं और उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सूबे में फिर से मंदिरों की देवदासी प्रथा लागू करने पर उतारू है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

खेती में विदेशी कंपनियों और कॉर्पोरेट की लूट बढ़ा रही सरकार: AIKSCC

फोटो साभारः फेसबुक सोशल मीडिया
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने सरकारी गतिविधियों और बयानों पर स्पष्ट की स्थिति। समिति के वर्किंग ग्रुप ने कहा- सरकार ऐसे लोगों से दिखावटी व भटकाने वाली वार्ता कर रही है, जो न तो संघर्षरत किसानों के प्रतिनिधि हैं, न उनकी मांग के पक्ष में हैं...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने कहा है कि सरकार खेती में विदेशी कंपनियों और कॉर्पोरेट की लूट बढ़ा रही है। सरकार देश में विकसित हो रहे ऐसे क्षेत्रों को कॉर्पोरेट तथा विदेशी निवेशकों के हवाले कर रही है। सरकार के तीनों कानूनों से किसानों की आमदनी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। किसानों के कर्ज बढ़ेंगे और उनकी जमीन छिनेंगी जबकि कारपोरेट की आय में बढ़ोत्तरी होगी। इसलिए समिति तीन कानूनों के रद्दीकरण की मांग कर रही है। 

रविवार, 11 अक्तूबर 2020

भाषाई प्रोपेगैंडा में छिपी RSS की राजनीति और उसका अंतिम विकल्प

अब संघ के लिए हिंदुओं के उस वर्ग को हटाना आसान हो गया जो संघ की नफरत में उसके साथ नहीं है। अब संघ वामपंथी कहकर "हिंदुओं" को भी साफ कर सकता है और आपको ये भी लगेगा कि संघ हिंदुओं की लड़ाई लड़ रहा है। इस प्रोपेगैंडा का प्रतिफल ये निकला है कि संघ के समर्थक आपको ये कहते हुए मिल जाएंगे कि "हिंदुओं के असली दुश्मन तो हिंदुओं का पढ़ा लिखा वर्ग ही है", "इस देश को सबसे अधिक खतरा तो 'ज्यादा' पढ़े लिखे लोगों से है"...

written by श्याम मीरा सिंह

संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या RSS) का हमेशा से एक गूढ़ उद्देश्य रहा है कि उसको कथित ऊंची जातियों की, उसमें भी ऊंची जातियों के सक्षम पूंजीपतियों की, सत्ता स्थापित करनी थी। इसके लिए उसके पास "हिन्दू धर्म" का चोगा ही अंतिम विकल्प था। चूंकि लोकतंत्र में सीधे एक दो जाति की श्रेष्ठता का दावा करके विजयी नहीं हुआ जा सकता था, इसलिए अपनी जातियों को आगे बढ़ाने के लिए उस धर्म को चुना गया जिसमें उन्हें शीर्ष पर रहने की वैधता मिली हुई थी। यही कारण है कि संघ ने सीधे जाति से न लड़कर धर्म का रास्ता चुना। अब धर्म के राज की स्थापना के लिए जरूरी है कि "सेक्युलरिज्म" जैसे शब्द को अप्रसांगिक किया जाए। यही कारण है कि संघ की विचारधारा मानने वालों ने सबसे अधिक निशाना बनाया तो सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) शब्द को। 

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

बिहार विधानसभा चुनावः भाजपा के भंवरजाल में फंसे नीतीश कुमार

कुछ ऐसी दशाएं भी आ सकती हैं कि आरजेडी और जेडीयू मिलकर सरकार बना लें। वहीं बिहार में अपना जनाधार खो चुकी आरजेडी को पिछले विधान सभा चुनाव में 80 सीटें प्राप्त करना संजीवनी के समान रहा। यदि जनता ने जेडीयू की विफलताओं का सेहरा भाजपा पर बांधकर मतदान किया तो इसमें कोई संदेह नहीं की कि आरजेडी बिहार में सरकार बनाएगी। नीतीश कुमार विपक्ष में भी बैठने लायक भी नहीं रहेंगे। आज भाजपा के जाल में फंसे नीतीश कुमार ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां से बाहर निकलने के आसार कम ही दिखाई देते हैं...

written by अच्छे लाल प्रजापति

बिहार में चुनाव नजदीक है। सभी पार्टियां गणित बैठाने में लगी हैं। आरजेडी महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी तो भाजपा और जेडीयू मिलकर उसे मात देने की कोशिश करेंगे। भाजपा और जेडीयू में सीटों का बंटवारा भी हो चुका है। भाजपा 121 सीटों पर और जेडीयू 122 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। इसी एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही लोजपा भाजपा के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार थी लेकिन जेडीयू के साथ नहीं। अब लोजपा प्रमुख राम बिलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने घोषणा की है कि वह अब स्वतंत्र चुनाव लड़ेंगे। 

बुधवार, 9 सितंबर 2020

बेरोजगारों की ताली-थाली पर नहीं खुली PM मोदी की जुबान, आज बुझेगी बत्ती-जलेगा दीपक

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर आज चलेगा जन संगठनों का '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग  ट्वीटर अभियान। शाम 6-8 बजे तक चलेगा ट्वीटर अभियान। बेरोजगारों ने रात 9 बजे 9 मिनट तक बत्ती गुल कर दीपक जलाने का किया आह्वान।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर बेरोजगारों की ताली और थाली की आवाज ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के कानों में भले ही दर्द पैदा कर दिया हो लेकिन कोरोना वायरस (COVID-19) से उपजे संकट के हालात में ताली-थाली बजवाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी दलों के प्रमुखों के कानों में उनकी ताली औौर थाली की आवाज आज तक नहीं पहुंची है। इससे नाराज बेरोजगार युवा आज रात 9 बजे घरों की बत्ती गुल कर दीपक जलाकर केंद्र सरकार की नीतियों  का विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश में विभिन्न जन संगठनों ने राज्य की कानून व्यवस्था के खिलाफ ट्वीटर पर आज शाम 6 बजे से '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग अभियान चलाने का आह्वान किया है।

सोमवार, 7 सितंबर 2020

BHU की असिस्टेंट प्रोफेसर की शिकायत पर वाराणसी के SSP को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, 21 सितंबर तक मांगा जवाब

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ ने गत 3 जुलाई को लंका थाना पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच हुई मारपीट के मामले में आयोग को लिखा था पत्र।

reported by राजीव कुमार मौर्य

वाराणसी के सुंदरपुर चौराहा पर गत 3 जुलाई को सत्ताधारी भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुई मारपीट के मामले में उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से जवाब तलब किया है। आयोग ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ की शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसएसपी से आगामी 21 सितंबर तक रिपोर्ट मांगा है। साथ ही आयोग ने चेतावनी दी है कि उसकी अपेक्षा के अनुरूप कार्यवाही नहीं किए जाने पर वह न्यायोचित आदेश पारित कर देगा। 

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

सोनभद्र में 64 परिवारों की बेदखली पर गरमाई राजनीति, सपा ने बताया भाजपा सरकार की साज़िश

ग्रामीणों से बात करते हुए सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव, जिलाध्यक्ष विजय यादव और जिला महासचिव सईद कुरैशी ने बहुअरा (बंगला) स्थित विवादित बस्ती का किया दौरा।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत बहुअरा में उत्तर प्रदेश सरकार की भूमि पर बसे 64 परिवारों की बेदखली के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव समेत समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज बहुअरा (बंगला) स्थित विवादित बस्ती का दौरा किया और ग्रामीणों की बेदखली की प्रक्रिया को सत्ता पक्ष के लोगों की साज़िश बताया। 

रविवार, 9 अगस्त 2020

BJP सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजना के खिलाफ शिक्षकों और कर्मचारियों ने फिर खोला मोर्चा, Twitter पर चलाया '#NPSनिजीकरणभारतछोड़ो' अभियान

अटेवा ने शनिवार को प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ई-मेल भेजकर नई पेंशन योजना को रद्द करने की मांग की।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में लागू भाजपा सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS=National Pension Scheme) के खिलाफ शिक्षकों और कर्मचारियों ने आल टीचर्स/इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (ATEWA) के बैनर तले एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। पुरानी पेंशन योजना के राष्ट्रीय आंदोलन (NMOS=National Movement for Old Pension Scheme ) के तहत उन्होंने रविवार को सोशल वेबसाइट ट्विटर पर '#NPSनिजीकरणभारतछोड़ो' हैशटैग चलाया और देश में चल रही नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की। खबर लिखे जाने तक यह हैशटैग भारत में 26वें नंबर पर ट्रेंड कर रहा था और एक लाख 92 हजार से ज्यादा ट्विट हो चुका था। इससे पहले उन्होंने शनिवार को देश के प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ई-मेल भेजने का अभियान चलाया था। 

रविवार, 5 जुलाई 2020

EXCLUSIVE: सोनिया गांधी की अगुआई वाली UPA सरकार की साज़िश से BBAU में लागू नहीं हुआ OBC आरक्षण, कानून में संशोधन कर छीन लिया पिछड़ों का हक

कांग्रेस की अगुआई वाली UPA-I की सरकार ने केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 के तहत राष्ट्रीय महत्व (Institutions of Excellence) की 8 संस्थाओं और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को छोड़कर देश के सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में ओबीसी कोटा के तहत 27 प्रतिशत सीटों पर पिछड़े छात्रों को प्रवेश देने की व्यवस्था की थी। इस कानून की धारा-3(iii) में साफ लिखा था कि केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में किसी भी शाखा या संकाय में उपलब्ध सीटों का 27 प्रतिशत सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होगी। वहीं, UPA-II की सरकार के दौरान केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 की धारा-3(iii) में संशोधन कर OBC आरक्षण को कुछ केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों तक सीमित कर दिया गया...

reported by Shiv Das 

पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की अगुआई वाली राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार के दौरान केंद्र की सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए लागू अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के 27 प्रतिशत आरक्षण को देने में भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने जमकर आनाकानी की हैं। भाजपा की अगुआई वाली NDA सरकारों ने जहां OBC आरक्षण के संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं, वहीं, कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकारों ने भी OBC कोटा के तहत मिले पिछड़ों के हक पर डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। NEET (National Eligibilty-cum-Intrance Test) के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के अधीन चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में अखिल भारतीय कोटा (AIQ-ALL India Quota) की सीटों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने लखनऊ स्थित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) समेत कई केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में पिछड़ों को अपनी पहचान पर शिक्षा पाने से ही रोक दिया। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने पहले इन संस्थाओं में साज़िश के तहत OBC कोटा के तहत पिछड़ों को उनका हक नहीं दिया लेकिन जब मिला तो कानून में संशोधन कर उनका हक ही मार दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं 2007 में लागू केन्द्रीय शिक्षा संस्था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम-2006 की, जिसमें सोनिया गांधी की अगुआई वाली UPA-II की सरकार ने 2012 में संशोधन कर BBAU समेत अन्य ऐसे शिक्षण संस्थानों में OBC छात्रों के प्रवेश को रोक दिया। 

सोमवार, 29 जून 2020

मैनपुरी हत्याकांडः आठ दिनों बाद हरकत में आई योगी सरकार, सपा ने की CBI जांच की मांग

वनांचल एक्सप्रेस पर खबर छपने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति भी पहुंचे। राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटियार के नेतृत्व में खरपरी पहुंचा सपा का पांच सदस्यीय दल। सीबीआई जांच की मांग की। न्याय नहीं मिलने पर दी आंदोलन की चेतावनी...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के खरपरी गांव स्थित माधोनगर में गत 17 जून की रात में कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंके जाने के मामले में राजनीति तेज हो गई है। वनांचल एक्सप्रेस पर खबर छपने के बाद हरकत में आई योगी सरकार ने गत 26 जून को माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति को मौके पर भेजा लेकिन पीड़ित परिवारों को मुआवजे के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं दी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटिआर की अगुआई में छह सदस्यीय दल का गठन कर मामले की रिपोर्ट मांगी है। यह दल रविवार को खरपरी का दौरा कर वापस लौट गया। साथ ही उसने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। पीड़ितों को न्याय नहीं मिलने पर उसने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

शुक्रवार, 26 जून 2020

कुम्हारों को ज़िंदा जलाने पर मुख्यमंत्री की नहीं खुली जुबान, सपा-बसपा-भाजपा और कांग्रेस भी खामोश

उत्तर प्रदेश की करीब चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के एक ही परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाने पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों में से किसी ने भी एक ट्विट तक नहीं किया...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

मैनपुरी के माधोनगर खरपरी निवासी कुम्हार परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा फूंकने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सुभासपा, अपना दल(सोनेलाल) आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रमुखों और प्रदेश अध्यक्षों की जुबान तक नहीं खुली। उन्होंने उत्तर प्रदेश की चार फीसदी आबादी वाले कुम्हार समुदाय के पीड़ित परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो जाने के बाद भी एक ट्विट करना मुनासिब नहीं समझा। जौनपुर में अनुसूचित समुदाय के लोगों पर हुए हमले में हमलावरों पर रासुका लगाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से कुम्हारों को जिंदा फूंक दिये जाने पर संवेदना के एक शब्द नहीं निकले। वहीं,  जब भागीदारी संकल्प मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति बृहस्पतिवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने मैनपुरी पहुंचे तो उन्हें जिला प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया। 

बुधवार, 10 जून 2020

सहायक अध्यापक भर्तीः पहले निरस्त किया आवेदन फिर दिला दी जौनपुर में नियुक्ति

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में कृष्ण कुमार पांडेय नाम के अभ्यर्थी का आवेदन-पत्र निरस्त होने के बाद भी उसे मिली जौनपुर में नियुक्ति...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

इलाहाबाद (प्रयागराज)। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक नया मामला सामने आया है जिसमें परिषद ने एक ऐसे अभ्यर्थी की नियुक्ति जौनपुर में कर दी है जिसका आवेदन-पत्र परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश ने पहले ही निरस्त कर दिया था। इसका ब्योरा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'फेसबुक' पर वायरल हो गया है।

शुक्रवार, 29 मई 2020

सपा किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगीः अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एबीपी न्यूज़' को दिए साक्षात्कार में कहा कि सपा छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन करने के साथ उन्हें एडजस्ट भी करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की नीतियों में कोई अंतर नहीं है।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। भाजपा और कांग्रेस की नीतियों में कोई अंतर नहीं है। दोनों एक जैसी पार्टी हैं। समाजवादी पार्टी किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। वह छोटे राजनीतिक दलों से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी और उन्हें समाजवादी पार्टी में एडजस्ट करेगी। 

प्रतापगढ़ कांडः कुर्मी नेताओं की गोलबंदी के आगे झुकी योगी सरकार, सात दिनों बाद दबंग ब्राह्मणों पर FIR

आसपुर देवसरा थाने के परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पुलिस ने घटना के सात दिनों पर मुख्य आरोपी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों पर कुल आठ धाराओं में दर्ज की एफआईआर। गोविंदपुर गांव निवासी नन्हें वर्मा की पत्नी सीता देवी की तहरीर पर अभी दर्ज नहीं हुई एफआईआर।

सरदार सेना के अध्यक्ष रमा शंकर सिंह पटेल, अपना दल (एस) के नेता और एमएलसी आशीष पटेल, मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र पटेल, अपना दल की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष पल्लवी पटेल, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, विश्वनाथगंज विधायक आरके वर्मा, गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल, पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल, पूर्व विधायक राम सिंह पटेल, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ अनूप पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर आदर्श पटेल ने कुर्मी समुदाय के पीड़ित किसानों के पक्ष में की राजनीतिक गोलबंदी।
 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रतापगढ़। पट्टी इलाके के गोविंदपुर और परसद गांव में गत 22 मई को कुर्मी समुदाय के किसानों पर हुए हमलों के मामले में पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई से नाराज कुर्मी नेताओं की राजनीतिक गोलबंदी के आगे आखिरकार योगी सरकार बृहस्पतिवार को झुक गई। आसपुर देवसरा थाने की पुलिस ने घटना के सात दिनों बाद परसद गांव निवासी रमा शंकर वर्मा की तहरीर पर पट्टी कोतवाली क्षेत्र के धुई गांव निवासी अनिल तिवारी समेत कुल 62 लोगों के खिलाफ कुल आठ धाराओं में एफआईआर दर्ज किया। इनमें 12 लोगों के नाम शामिल हैं। हालांकि इसमें अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, गोविंदपुर निवासी नन्हें वर्मा की पत्नी सीता देवी की तहरीर पर पुलिस ने अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है। ़

सोमवार, 25 मई 2020

प्रवासी श्रमिकों की व्यथा के लिए कांग्रेस और बीजेपी जिम्मेदार- मायावती

बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को मीडिया वार्ता के दौरान कहा- प्रवासी मजदूरों के मूल राज्यों में कोरोना फैलने के लिए सरकारें जिम्मेदार हैं...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि बीएसपी का जन्म ही देश के शोषित, पीड़ित, उपेक्षित, दलित , आदिवासी, पिछड़े, अक्लियत और अपरकास्ट समाज के गरीबों एवं मजदूर-किसान-विरोधी कांग्रेस पार्टी की गलत नीतियों के खिलाफ हुआ जो आज बीजेपी के शासनकाल में भी लगातार जारी दिख रहा है। इसलिए बोलना पड़ा है कि प्रवासी श्रमिकों की व्यथा के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जिम्मेदार हैं। साथ ही उन्होंने बसपा के लोगों को अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों की मदद करने की अपील की। उन्होंने आज अपने ट्विटर हैंडल से लोगों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं दी हैं।

शनिवार, 23 मई 2020

राजस्थान: गरीबों की सेहत के ठेके में 1500 करोड़ का 'खेल', 2000 करोड़ की जगह 3500 करोड़ में BAJAJ ALLIANZ को दिया ठेका

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक दस्तावेज़ के मुताबिक राज्य के 50 लाख परिवारों को कवर करने का ठेका बजाज आलियांज़ जीआइसी लिमिटेड को मिला है। नियमों के मुताबिक इस ठेके का मूल्य 2000 करोड़ से ज्यादा नहीं होना चाहिए था लेकिन सरकार बजाज आलियांज़ को इसके लिए 3500 करोड़ देगी जिससे राजकोष को 1500 करोड़ का घाटा होगा...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा का ठेका 75 फीसद ज्यादा मूल्य पर एक निजी कंपनी को दे दिया है। इस योजना के लिए दो बार बोली आमंत्रित की गयी लेकिन दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही मौकों पर एक ही कंपनी ने बोली लगायी।