बुधवार, 9 सितंबर 2020

बेरोजगारों की ताली-थाली पर नहीं खुली PM मोदी की जुबान, आज बुझेगी बत्ती-जलेगा दीपक

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर आज चलेगा जन संगठनों का '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग  ट्वीटर अभियान। शाम 6-8 बजे तक चलेगा ट्वीटर अभियान। बेरोजगारों ने रात 9 बजे 9 मिनट तक बत्ती गुल कर दीपक जलाने का किया आह्वान।  

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर बेरोजगारों की ताली और थाली की आवाज ने विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के कानों में भले ही दर्द पैदा कर दिया हो लेकिन कोरोना वायरस (COVID-19) से उपजे संकट के हालात में ताली-थाली बजवाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी दलों के प्रमुखों के कानों में उनकी ताली औौर थाली की आवाज आज तक नहीं पहुंची है। इससे नाराज बेरोजगार युवा आज रात 9 बजे घरों की बत्ती गुल कर दीपक जलाकर केंद्र सरकार की नीतियों  का विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश में विभिन्न जन संगठनों ने राज्य की कानून व्यवस्था के खिलाफ ट्वीटर पर आज शाम 6 बजे से '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग अभियान चलाने का आह्वान किया है।

बेरोजगारों के ताली-थाली अभियान पर 'वनांचल एक्सप्रेस' की टीम ने आज सुबह गत 5 सितंबर से लेकर अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, राजद और जद(यू) प्रमुखों के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल अकाउंट्स के ट्वीट्स की पड़ताल की। पड़ताल में सामने आया कि रोजगार और निजीकरण समेत केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में लंबित भर्तियों के मुद्दे पर केंद्रित बेरोजगारों के 'ताली-थाली अभियान' के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक एक भी शब्द नहीं बोला है। 5 सितंबर से लेकर अब तक उनके ट्वीटर अकाउंट पर इस मुद्दे पर एक भी ट्वीट नहीं हुआ है। ना ही भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इससे संबंधित कोई ट्वीट किया है। हालांकि प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में सड़क पर ठेला लगाने वाले दुकानदारों के पंजीकरण की सूचना मंगलवार को ट्वीटर के माध्यम से जरूर दी।


वहीं, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शिक्षक दिवस के दिन अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से रेलवे की ओर से विज्ञापित 1,40,640 पदों की भर्तियों की परीक्षा आगामी 15 दिसंबर से शुरू होने की सूचना देकर अपना गिरेबान बचाने और बेरोजगार युवाओं के गुस्से को शांत करने की कोशिश की है। 


उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है कि रेलवे 15 दिसंबर 2020 से विज्ञापित 1,40,640 पदों की कम्प्यूटर आधारित परीक्षा शुरू करने जा रहा है। ये तीन प्रकार की रिक्तियां हैं- (1) ट्रेन नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरीज- गार्ड्स, क्लर्क्स आदि (2) ट्रेन आइसोलेटेड ऐंड मिनिस्ट्रियल औौर (3) ट्रेन लेवल- ट्रैक मेन्टेनर्स, प्वाइंट्समैन आदि। इस संबंध में केंद्र सरकार के पत्र एवं सूचना विभाग से मीडिया को एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है। 


वहीं, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव का कहना है, "कोरोना से पहले रेलवे में 1,40,000 वेकेंसी नोटिफाई की गई थीं जिसमें लगभग 2करोड़ 42लाख आवेदन आए थे। किसी वजह से एग्ज़ाम नहीं हो पाया। अब निर्णय लिया गया है कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट 15 दिसंबर से शुरू किए जाएंगे जिसका डिटेल शेड्यूल जल्दी जारी होगा। ALP में जिनका-जिनका सिलेक्शन हुआ है, उन सबको अप्वाइंटमेंट लेटर बहुत जल्दी दिया जाएगा। कोरोना के बीच ALP की ट्रेनिंग कैसे करवाई जाए ये प्लानिंग पूरी होते ही उन्हें ज्वाइन करवा लिया जाएगा।"


अगर चुनावी माहौल वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो दोनों ही मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार के ट्वीटर हैंटल से रोजगार और नौकरी के मुद्दे पर कोई ट्वीट नहीं हुआ है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत और विधान परिषद सदस्य के चुनाव होने वाले हैं। वहीं, बिहार में विधानसभा के सदस्यों का चुनाव होने वाला है। 

विपक्षी दलों के प्रमुखों की बात करें तो बसपा प्रमुख मायावती ने बेरोजगारों के ताली-थाली अभियान पर कोई ट्वीट नहीं किया है। जब बेरोजगार युवा ताली और थाली पीट रहे थे तो वे बिहार चुनाव को लेकर ट्वीट कर रही हैं जिनमें रोजगार के मुद्दे शामिल नहीं थे। केंद्र की मुख्य विपक्षी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी का कोई भी अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट नहीं है। हालांकि कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल से बेरोजगारों के ताली-थाली अभियान पर ट्वीट जरूर किया गया है। 


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से इस मुद्दे पर कई ट्वीट हुए हैं। उन्होंने 5 सितंबर को ट्वीट किया, "मोदी सरकार की सोच - 'Minimum Govt Maximum Privatisation'। कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ़्तरों को स्थायी ‘स्टाफ़-मुक्त’ बनाना है, युवा का भविष्य चुराना है, ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है।"  


उन्होंने 7 सितंबर को भी ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने लिखा है, "आज देश मोदी सरकार-निर्मित कई आपदाएँ झेल रहा है जिनमें से एक है अनावश्यक निजीकरण। युवा नौकरी चाहते हैं पर मोदी सरकार PSUs का निजीकरण करके रोज़गार व जमा पूँजी नष्ट कर रही है। फ़ायदा किसका? बस चंद ‘मित्रों’ का विकास जो हैं मोदी जी के ख़ास।" राहुल गांधी ने 4 सितंबर को भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया है। 


समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बेरोजगारों के अभियान पर ट्विट किया है। उन्होंने लिखा है, "आज देशभर के युवाओं ने ‘युवा व छात्र विरोधी भाजपा सरकार’ के ख़िलाफ़ एकजुटता की थाली पीटकर दर्शा दिया है कि देश की आम जनता के बीच भाजपा के विरूद्ध जनाक्रोश चरम पर है। भाजपा की निष्ठुरता देखकर भाजपा के नेता, कार्यकर्ता व समर्थक भी आज नैतिक रूप से शर्मिंदा हैं।" उन्होंने 6 सितंबर के अपने ट्वीट में यूथ चार्टर जारी करने की मांग की है। वे लिखते हैं, "युवाओं के ग़ुस्से के तूफ़ान से भाजपा के झूठे दावों के तम्बू उखड़ गये हैं। आज भाजपाई जवां आक्रोश से बचने के लिए मुँह छिपाए बैठे हैं। सपा की माँग है कि सरकार युवाओं, छात्रों, परीक्षार्थियों व अभ्यर्थियों की समस्याओं के समयबद्ध समाधान हेतु ‘यूथ-चार्टर’ जारी करे।"


बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शिक्षक दिवस के मौके पर बेरोजगार युवाओं के ताली-थाली बजाओ अभियान पर कहा था कि आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी, जो 46.6 प्रतिशत है, वह बिहार में है। सबसे ज्यादा रोजगार के लिए राज्य से बाहर पलायन बिहार में है, सबसे अधिक गरीबी बिहार में है, यहां आधे से अधिक 52 फीसदी लोग गरीबी में जी रहे हैं। अगर उनकी सरकार बनी तो मेगा ड्राइव चलाकर सभी बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी। इस मौके पर उन्होंने बेरोजगारों के पंजीयन के लिए 'बेरोजगारी हटाओ' नाम से एक वेबपोर्टल और एक टॉल फ्री नंबर भी जारी किया था। 

बेरोजगारी और निजीकरण के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारों की निरंकुशता का देखते हुए युवाओं ने आज रात 9 बजे 9 मिनट तक घरों की बत्ती गुल कर दीपक जलाने का आह्वान किया है।


वहीं उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर पीपुल्स अलायंस, रिहाई मंच जैसे विभिन्न जन संगठनों ने आज शाम 6 बजे से 8 बजे तक ट्वीटर पर '#योगी_हटाओ_यूपी_बचाओ' हैशटैग चलाने का आह्वान किया है। 


बता दें कि बेरोजगारी और निजीकरण के खिलाफ देश के विभिन्न शहरों में युवाओं ने शिक्षक दिवस के मौके पर शाम 5 बजे 5 मिनट का अभियान चलाया था। इस दौरान वे ताली और थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज कराए थे। नीचे प्रदर्शन की तस्वीरें देख सकते हैं। 





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