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रविवार, 8 अगस्त 2021

राष्ट्रीय ओबीसी दिवसः जाति जनगणना और भागीदारी की मांग को लेकर यूपी और बिहार में विरोध-प्रदर्शन, सपा और राजद ने भी खोला मोर्चा

उत्तर प्रदेश के बनारस, आजमगढ़, बिहार के भागलपुर, बिहपुर, सुल्तानपुर, मुंगेर में सामाजिक न्याय आंदोलन से जुड़े सामाजिक संगठनों ने निकाला विरोध मार्च। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ/पटना। जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार गणना कराने, मीडिया, न्यायपालिका, निजी क्षेत्रों समेत सभी सरकारी तंत्रों में आबादी के अनुपात में ओबीसी को आरक्षण देने, एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के प्रावधानों को संज्ञेय अपराध बनाने, सच्चर कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने, मंडल आयोग की सभी संस्तुतियों को लागू करने, सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने सरीखे मुद्दों को लेकर पिछड़ों, अल्पसंख्यों और दलितों ने शनिवार को उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने 7 अगस्त को राष्ट्रीय ओबीसी दिवस के रूप में मनाया। वहीं, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने मंडल आयोग की सभी संस्तुतियों को लागू करने और जाति-जनगणना कराने की मांग को लेकर सूबे के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा।

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

बिहार विधानसभा चुनावः भाजपा के भंवरजाल में फंसे नीतीश कुमार

कुछ ऐसी दशाएं भी आ सकती हैं कि आरजेडी और जेडीयू मिलकर सरकार बना लें। वहीं बिहार में अपना जनाधार खो चुकी आरजेडी को पिछले विधान सभा चुनाव में 80 सीटें प्राप्त करना संजीवनी के समान रहा। यदि जनता ने जेडीयू की विफलताओं का सेहरा भाजपा पर बांधकर मतदान किया तो इसमें कोई संदेह नहीं की कि आरजेडी बिहार में सरकार बनाएगी। नीतीश कुमार विपक्ष में भी बैठने लायक भी नहीं रहेंगे। आज भाजपा के जाल में फंसे नीतीश कुमार ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां से बाहर निकलने के आसार कम ही दिखाई देते हैं...

written by अच्छे लाल प्रजापति

बिहार में चुनाव नजदीक है। सभी पार्टियां गणित बैठाने में लगी हैं। आरजेडी महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी तो भाजपा और जेडीयू मिलकर उसे मात देने की कोशिश करेंगे। भाजपा और जेडीयू में सीटों का बंटवारा भी हो चुका है। भाजपा 121 सीटों पर और जेडीयू 122 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। इसी एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही लोजपा भाजपा के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार थी लेकिन जेडीयू के साथ नहीं। अब लोजपा प्रमुख राम बिलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने घोषणा की है कि वह अब स्वतंत्र चुनाव लड़ेंगे। 

रविवार, 9 अगस्त 2015

भारत में 1866 राजनीतिक दल

नई दिल्ली (भाषा)। चुनाव आयोग के समक्ष राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने के लिए काफी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। मार्च 2014 से इस वर्ष जुलाई के बीच 239 नये संगठनों ने पंजीकरण कराया है। इससे देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 1866 हो गई है।

चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जुलाई को देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 1866 दर्ज की गई जिसमें 56 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल थे जबकि शेष ‘गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत दल थे। पिछले लोकसभा चुनाव 2014 के समय चुनाव आयोग की ओर से एकत्र आंकड़ों के मुताबिक, 464 राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार खड़े किये थे। चुनाव आयोग द्वारा एकत्र आंकड़ों को संसद में उपयोग के लिए विधि मंत्रालय के साथ साझा किया गया था। मंत्रालय का विधायी विभाग आयोग की प्रशासनिक इकाई है।

चुनाव आयोग के अनुसार 10 मार्च 2014 तक देश में ऐसे राजनीतिक दलों की संख्या 1593 थी। 11 मार्च से 21 मार्च के बीच 24 और दल पंजीकृत हुए और 26 मार्च तक 10 और दल पंजीकतृ हुए। इस दौरान ही पांच मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई थी।