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सोमवार, 18 जून 2018

पदोन्नति में आरक्षण की बहाली के लिए आरक्षण समर्थकों ने फूंका बिगुल, 24 घंटे में आरक्षण बहाली नहीं होने पर देश व्यापी प्रदर्शन की दी चेतावनी

आरक्षण समर्थकों ने पदोन्नति में आरक्षण का बिल पास करने और आरक्षण अधिनियम-1994 की धारा-3(7) को 15 नवंबर 1997 से लागू करने की मांग उठाई।
पिछड़े वर्गों के लिये पदोन्नति में आरक्षण की वर्ष 1978 में लागू व्यवस्था पुनः बहाल करने उठी पुरजोर मांग।  
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। पदोन्नति में आरक्षण की बहाली की मांग को लेकर आरक्षण समर्थकों ने रविवार को गोमती नगर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक स्थल पर भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार समेत विभिन्न राज्य सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। राज्य के विभिन्न इलाकों से इकट्ठा हुए हजारों कार्मिकों ने आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले विधानसभा की ओर पैदल मार्च किया। सभी ने लोक सभा में लम्बित 'पदोन्नति में आरक्षण संबंधी 117वां संवैधानिक संशोधन विधोयक पास करने और उच्चतम न्यायालय के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश आरक्षण अधिनियम-1994 की धारा-3(7) को 15 नवंबर 1997 से बहाल करने की मांग की। साथ ही उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण बहाल नहीं किया गया तो वे भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ देश व्यापी धरना-प्रदर्शन करेंगे।

शनिवार, 5 अगस्त 2017

BBAU:मनुवादी शिक्षिका का पाठ-"अम्बेडकर के थे महिलाओं से अवैध संबंध, बुद्ध थे अत्याचारी"





समाजशास्त्र विभाग की शिक्षिका जया श्रीवास्तव ने क्लास रूम में लेक्चर के दौरान पढ़ाया कि अम्बेडकर के अपनी पत्नी के अलावा अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध थे। उनका अपनी पत्नी के साथ रिश्ता नहीं था।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की शिक्षिका जया श्रीवास्तव ने लेक्चर के दौरान क्लास में बेहद विवादित और गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है। उन्होंने बाबा साहेब के बारे में जो कहा है उसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन से कार्रवाई की मांग पर छात्र अड़ गए हैं।

रविवार, 9 जुलाई 2017

कार में जलने वाले ब्राह्मण नहीं, बदमाश थे, जानिये किस पर थे कितने मुकदमे

रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने प्रेस कांफेंस कर कहा है कि अपटा की घटना में ब्राह्मण नहीं अपराधी मारे गए, जिन्होंने मारा वे इंसान थे
वनांचल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। रायबरेली के अपटा गांव का सच अब सामने आने लगा है। सामंतवादी मीडिया ने भले ही अखबारों और टीवी चैनलों पर इसकी हकीकत दिखानी बंद कर दी है, लेकिन सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया (वेबसाइटों) द्वारा अब वह सबकुछ सही तरीके से सामने आ रहा है कि वहां पर सच्चाई क्या थी। इस सच को वहां के वे लोग भी बयां कर रहे हैं जो स्थानीय हैं और बरसों तक इस हकीकत को देख रहे थे।