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मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

कुम्हारों की हत्या के खिलाफ पीएस4 ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का किया विरोध, मनाया काला दिवस

प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) ने भाजपा और उसकी सरकारों पर कुम्हारों की उपेक्षा का लगाया आरोप। कहा-भाजपा की योगी सरकार के दौरान 50 से ज्यादा कुम्हारों की चुकी है हत्या। जाति आधार पर हत्या के पीड़ितों को आर्थिक सहायकता और नौकरी दे रही भाजपा सरकार। कुम्हारों की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पीएस4 और कुम्हार समुदाय आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा का करेगा बहिष्कार।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) ने सोमवार को मेंहदीगंज में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा का विरोध किया और 'काला दिवस' मनाया। समिति के प्रमुख छेदी लाल प्रजापति 'निराला' का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के करीब दो दर्जन गांवों में कुम्हारों ने काली पट्टी बांधकर सामुहिक रूप से 'काला दिवस' मनाया। इसके अलावा कुम्हार समुदाय के लोगों ने चंदौली, मिर्जापुर और गाजीपुर में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के विरोध में विभिन्न जगहों पर 'काला दिवस' मनाया। पीएस4 प्रमुख ने भाजपा और उसकी सरकारों को चेतावनी दी कि अगर कुम्हारों की हत्या, बलात्कार और उत्पीड़न के आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने प्रदेश में मारे गए कुम्हारों के परिजनों को ब्राह्मण और बनिया समुदाय के पीड़ितों की तरह 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को 'ओएसडी' पद की नौकरी देने की मांग भी की।

रविवार, 25 जुलाई 2021

OBC आरक्षण पर हमले के खिलाफ कल होगा विरोध-प्रदर्शन, NEET के AIQ में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग

राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (26 जुलाई) पर आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने की उठेगी मांग। महान समाज सुधारक छत्रपति शाहु जी महाराज ने 26 जुलाई 1902 को अपनी रियासत कोल्हापुर की सरकारी नौकरियों में वंचितों को पहली बार दिया था 50 प्रतिशत आरक्षण।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी/पटना/भागलपुर/। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP)की अगुआई वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ पिछड़े और दलित कल सामाजिक न्याय आंदोलन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन करेंगे। साथ ही वे नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (NEET) के अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में राज्यों की समर्पित सीटों पर OBC का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन को संज्ञेय अपराध बनाने, जनगणना-2021 में सभी वर्गों की जातिवार जनगणना कराने, आबादी के अनुपात में ओबीसी आरक्षण लागू करने और सामान्य वर्ग की जातिवार सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराने की मांग करेंगे। 'वनांचल एक्सप्रेस' को अभी तक मिली सूचना के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत बिहार के भागलपुर, मुंगेर, बांका, अरवल, खगड़िया, बेगुसराय और पटना में लोग कल सड़कों पर उतरेंगे और केंद्र एवं राज्य सरकारों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराएंगे।

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बनारस: प्लंबर हत्याकांड में लाठी और बंदूक के बल पर प्रशासन ने 28 घंटे बाद कराया शव का अंतिम संस्कार

मृतक कन्हैया लाल प्रजापति के परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन ने हरिश्चंद्र घाट पर  कराया शव का दाह संस्कार। परिजन और ग्रामीण बुधवार को घर के सामने सड़क पर शव को रखकर हत्यारों की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक के निलंबन की कर रहे थे मांग। 

reported by SHIV DAS

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस दौरे के चंद घंटों पहले जिला प्रशासन ने उनके संसदीय क्षेत्र के कराकतपुर गांव में अपना तानाशाही रवैया दिखाया। उसने बुधवार को लोहता थाना क्षेत्र के हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह की गोली के शिकार प्लंबर कन्हैया लाल प्रजापति के शव का अंतिम संस्कार पुलिस की लाठी और बंदूक के बल पर परिजनों की मर्जी के खिलाफ कराया। इस दौरान पुलिस ने मौके पर मौजूद भागीदारी पार्टी (पी) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. महेश चंद्र प्रजापति और चंदौली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व उम्मीदवार राम गोविंद प्रजापति समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। परिजनों संग ग्रामीण बुधवार को घर के सामने सड़क पर शव को रखकर हत्यारों की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक के निलंबन की मांग कर रहे थे। इस वजह से घटना के 28 घंटे बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था। गत मंगलवार की सुबह करीब 9 बजे घटी घटना के करीब चार घंटे बाद बनारस पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद भी ना ही हत्यारों की गिरफ्तारी हुई थी और ना ही परिजनों को बतौर सहायता एक भी रुपया मिला था।

मंगलवार, 13 जुलाई 2021

बनारस में योगी आदित्यनाथ को हिस्ट्री शीटर की 'सलामी', दिनदहाड़े प्लम्बर की गोली मारकर हत्या

मुख्यमंत्री के आने से करीब चार घंटे पहले हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने घटना को दिया अंजाम। लोहता थाना क्षेत्र के कराकतपुर गांव की घटना। हत्या, हत्या का प्रयास और साजिश के तहत पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर। मामले में हल्का प्रभारी निलंबित। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। लोहता थाना क्षेत्र के हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने आज सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कानून व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दे डाली। बनारस में मुख्यमंत्री के पहुंचने से करीब चार घंटे पहले उसने लोहता थाना क्षेत्र के कराकतपुर गांव में दिनदहाड़े तैंतीस वर्षीय प्लम्बर कन्हैयालाल प्रजापति की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया। दिनदहाड़े हुए इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने परिजनों संग वाराणसी-भदोही राज्यमार्ग जाम कर दिया और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। 

सोमवार, 8 मार्च 2021

EXCLUSIVE: एथलिट मुनीता प्रजापति को तीन महीने से नहीं मिली फेलोशिप, निजी खर्चों के लिए लेना पड़ रहा उधार

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। अपनी प्रतिभा के बल पर गांवों और घर की चहारदीवारी से बाहर निकलने वाली वंचित और गरीब महिलाओं और उनके परिवार की हालत में आज भी कुछ ज्यादा सुधार नहीं हुआ है और ना ही हो रहा है। 36वें नेशनल जूनियर एथलिट्स चैंपियनशिप में 10000 मीटर रेस वॉक के अंडर-20 महिला वर्ग में नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली मुनीता प्रजापति और उनके परिवार की हालत भी कुछ ऐसी ही है। उनका छह सदस्यीय परिवार आज भी 8x12 वर्गफीट के एक कमरे में रहने के लिए मजबूर है। उसके पिता दिव्यांग मजदूर हैं जो बड़ी मुश्किल से परिवार का खर्च चला पा रहे हैं।  पढ़िए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से यह विशेष रिपोर्टः 

reported by शिव दास / SHIV DAS

"खेलो इंडिया से 10 हजार रुपये महीना मिलता है। पिछले तीन महीने से वह भी नहीं मिला है। बाहर जाने पर पैसे की जरूरत होती है। दोस्तों से उधार लेकर किसी तरह से अपनी निजी जरूरतों को पूरा कर रही हूं।"

यह कहना है 36वें नेशनल जूनियर एथलिट्स चैंपियनशिप में 10000 मीटर रेस वॉक के अंडर-20 महिला वर्ग में नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली मुनीता प्रजापति का। उन्होंने गत 9 फरवरी को गुवाहाटी स्थित इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में 47 मिनट 53.58 सेकंड में यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था।

सोमवार, 4 जनवरी 2021

उत्पीड़न, उपेक्षा और भागीदारी से नाराज कुम्हारों ने वाराणसी में किया मंथन, चुनावों में सामुहिक ताकत दिखाने का लिया संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर कुम्हार समुदाय के चुनिंदा बुद्धिजीवियों, सामाजिक चिंतकों और राजनेताओं की बैठक। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। मैनपुरी में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाने समेत उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के लोगों पर हो रहे हमलों में सरकारी उपेक्षा और उन पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों की खामोशी से नाराज पूर्वांचल के कुम्हारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों के दौरान दो वैचारिक बैठकें कीं। इनमें उन्होंने सरकार और सरकारी तंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मंथन किया। साथ ही उन्होंने आगामी चुनावों में संगठित होकर अपनी ताकत का अहसास सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों समेत विपक्षी पार्टियों को दिखाने का संकल्प लिया। 

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

प्रधानमंत्री के जिले में दलित मजदूर की हत्या, ठेकेदार ताड़केश्वर शुक्ला समेत दो नामजद

मृतक मजदूर की पत्नी ने सिंधौरा स्थित एफसीआई गोदाम पर ठेकेदारी करने वाले ताड़केश्वर शुक्ला और ट्रैक्टर मालिक मनोज कुमार यादव पर लगाया आरोप। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी जिले वाराणसी में बुधवार की रात एक दलित मजदूर की हत्या कर दी गई। मजदूर का शव बृहस्पतिवार की सुबह अखाड़ा रोड स्थित बसंतपुर गांव मिली। मृतक मजदूर की पत्नी ने चोलापुर थाना क्षेत्र के सिंधौरा स्थित एफसीआई गोदाम पर ठेकेदारी करने वाले ताड़केश्वर शुक्ला और ट्रैक्टर मालिक मनोज कुमार यादव समेत अन्य अज्ञात लोगों पर हत्या करने  का आरोप लगाया है। चोलापुर थाना पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

गुरुवार, 6 अगस्त 2020

प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए किया भूमि पूजन, वाराणसी में कुम्हारों ने प्रदर्शन कर मनाया 'काला दिवस'

मैनपुरी के खरपरी गांव में कुम्हार समुदाय के पांच लोगों को जिंदा फूंके जाने के विरोध में प्रजापति अंतरविश्वविद्यालय छात्र (PIUS) समूह ने '#मंदिर_नहीं_न्याय_चाहिए' और '#5AugustBlackDayForKumhars' हैश टैग से चलाया ट्विटर अभियान।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में विवादित राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी। वही, उनके संसदीय क्षेत्र में कुम्हारों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और 'काला दिवस' मनाया। वे गत 18 जून को मैनपुरी के खरपरी गांव में कुम्हार समुदाय के पांच सदस्यों को जिंदा फूंक दिए जाने की घटना में न्याय की गुहार लगा रहे थे।

बुधवार, 22 जनवरी 2020

भाजपा घर में आग लगाकर रोटी सेंकने वाली पार्टीः योगेंद्र यादव


वाराणसी स्थित शास्त्री घाट पर आयोजित नागरिक अधिकार सम्मेलन
में मंच पर बैठे (बायें से ) रामजी राय, योगेंद्र यादव, कन्नन गोपीनाथन।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर आयोजित हुआ 'नागरिक अधिकार सम्मेलन'
एनआरसी(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) गरीबों के खिलाफ है, सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) संविधान के खिलाफ है, दोनों को मिला दें तो यह मुसलमानों के खिलाफ हैः कन्नन गोपीनाथन
शासक वर्ग सबसे ज्यादा हिन्दू-मुस्लिम एक से डरता हैः रामजी राय

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) शुरू होगा टीचर से लेकिन खत्म होगा डिटेंशन सेंटर से। यह पांच उंगलियों का खेल है। पहली उंगली हिलते ही इसे रोक लीजिए। मुट्ठी बनाकर इसे मजबूत कीजिए। एनआरसी असम और पश्चिम बंगाल के लिए लाया गया था लेकिन पूरे देश में इसका विरोध हो गया। देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अब एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) की बात कर रहे हैं। हमें इसका बॉयकाट करना होगा। इसका बॉयकाट कीजिए। भाजपा घर में आग लगाकर रोटी सेंकने वाली पार्टी है। असम और पश्चिम बंगाल में वह यही कोशिश कर रही है।

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

वाराणसी में कुम्हारों ने भाजपा सरकार के खिलाफ निकाला मार्च, SC वर्ग में शामिल करने की मांग की


इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से  प्रतिबंधित करने की मांग भी की।
वनांचल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों से बार-बार छले जाने से नाराज कुम्हारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय शहर वाराणसी में भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ मार्च निकाला। मार्च में कुम्हारों ने इलेक्ट्रॉनिक चाक के उपयोग पर आने वाले बिजली बिल को माफ करने, कुम्हारों के तीन पहिया ठेला को नगर निगम के कर से मुक्त करने, कुम्हारों समेत अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल अन्य 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के सदस्य डॉ. रत्नप्पा कुम्हार के नाम पर रखने, कुम्हारी कला के लिए ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराने और फाइबर-पन्नी-थर्माकोल के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंध करने की मांग की। साथ ही कुम्हारों ने चेतावनी दी कि अगर हमारी उक्त मांगे नहीं मानी गईं तो कुम्हार समुदाय अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन छेड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

रविवार, 17 जून 2018

PM के संसदीय क्षेत्र में शिक्षा के निजीकरण का हुआ विरोध, समान शिक्षा प्रणाली के लिए निकली 'समान शिक्षा अधिकार यात्रा'

समान शिक्षा अधिकार मंच के बैनर तले वाराणसी-चंदौली-सोनभद्र-मिर्जापुर-वाराणसी तक मोटरसाइकिलों से समाजसेवी निकाल रहे समान शिक्षा अधिकार यात्रा।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। शिक्षा के निजीकरण से देश में बढ़ती विषमता पर चिंतित 'समान शिक्षा अधिकार मंच' ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से मोर्चा खोल दिया है। मंच ने रविवार को स्थानीय महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गेट संख्या-एक से तीन दिवसीय 'समान शिक्षा अधिकार यात्रा' निकाली जो चंदौली-सोनभद्र-मिर्जापुर से होते हुए वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार तक जाएगी। करीब आधा दर्जन मोटरसाइकिलों पर सवार मंच के साथियों ने समान शिक्षा प्रणाली के प्रति लोगों को जागरूक करने और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को लागू कराने में जनमर्थन हासिल करने के लिए इस यात्रा को निकाले जाने का दावा किया।

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

UGC की नयी अधिसूचना के खिलाफ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आरक्षण समर्थकों का हल्लाबोल, आबादी के अनुपात मेंं मांगा आरक्षण

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और गत 5 मार्च को जारी यूजीसी की अधिसूचना को निरस्त करने की उठी मांग। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले आरक्षण समर्थक छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निकाली आरक्षण बचाओ पदयात्रा।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) समेत केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थकों ने आज प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मेंं हल्ला बोला और अपनी आवाज बुलंद की। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले करीब पांच सौ आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी के नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकाला और भारतीय संविधान में उल्लेखित प्रतिनिधित्व के अधिकार की मांग की।

आरक्षण समर्थकों ने वाराणसी में खोला मोर्चा, प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का आज करेंगे घेराव


विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने और यूजीसी द्वारा 5 मार्च 2018 को जारी अधिसूचना को निरस्त करने की मांग को लेकर पदयात्रा भी करेंगे आरक्षण समर्थक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में भागीदारी के सवाल को लेकर आरक्षण समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में मोर्चा खोल दिया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को ईकाई मानकर कार्मिक मंत्रालय के 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थक आज प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय का घेराव कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। सामाजिक अन्याय प्रतिकार मोर्चा के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान आरक्षण समर्थकों ने नरिया से प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक आरक्षण बचाओ पदयात्रा निकालने का ऐलान भी किया है जिसमें हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है।

गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

UGC और MHRD समेत केंद्र सरकार के खिलाफ वाराणसी में SC, ST और OBC छात्रों का प्रदर्शन, BHU के शिक्षक भी हुए शामिल, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का किया विरोध

विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने निकाला विरोध मार्च, शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का भी हुआ विरोध।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की नियुक्तियों में विभागवार आरक्षण (प्रतिनिधित्व) दिये जाने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फरमान के खिलाफ एससी, एसटी, ओबीसी संघर्ष समिति ने बुधवार को लंका स्थित सिंह द्वार से संत रविदास गेट तक विरोध मार्च निकाला और केंद्र सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाओं को स्वायत्त घोषित करने के साथ रोस्टर व्यवस्था को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण को खत्म करने की साजिश करार दिया।

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

काशी की सडकों पर फूंटा बहुजनों का गुस्सा, भारत बंद के समर्थन में भाकपा-माले ने भी निकाला मार्च

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लगे "नरेन्द्र मोदी...मुर्दाबाद-मुर्दाबाद" के नारे। पुलिस बनी रही मूकदर्शक।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुुुसूूूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को निष्प्रभावी बनाने में केंद्र सरकार  की भूमिका और बहुजन समुदाय विरोधी उसकी नीतियोंं, खासकर आरक्षण विरोधी, के खिलाफ बहुजनों ने सोमवार को वाराणसी की सड़कों पर प्रतिरोध मार्च निकाला और व्वसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया। इसे लेकर पुलिस प्रशासन और भारत बंद समर्थकों में नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान "नरेन्द्र मोदी...मुर्दाबाद-मुर्दाबाद" और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद आदि के नारे भी लगे। आखिर में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में भारत बंद कराने सफल रहे। उधर जिला मुख्यालय पर भाकपा माले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला संयोजक मनीष शर्मा के नेतृत्व में मार्च निकालकर बहुजनों के भारत बंद को समर्थन दिया।

बुधवार, 3 जनवरी 2018

भीमा-कोरेगांव में अंबेडकरवादियों पर हमले के विरोध में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बहुजन छात्रों ने निकाला स्वाभिमान मार्च

वाराणसी। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में गत एक जनवरी को शौर्य दिवस मनाने जा रहे अंबेडकरवादियों पर हुये हमले के विरोध में बहुजन छात्रों ने आज लंका स्थित सिंह द्वार से प्रधानमंत्री कार्यालय तक स्वाभिमान मार्च निकाला। साथ ही उन्होंने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी कि अगर हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो देशभर में आंदोलन किया जाएगा।

रविवार, 15 अक्तूबर 2017

पटना में PM पर और काशी में CM पर फूंटा छात्रों का गुस्सा, कहीं दिखाये काले झंडे तो कहीं निकाला प्रतिरोध मार्च

विश्वविद्यालयों के भगवाकरण और उत्पीड़न के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
पटना/वाराणसी। देश में विश्वविद्यालयों के भगवाकरण और उत्पीड़न के खिलाफ छात्रों का गुस्सा शनिवार को सड़कों पर फूंटा। छात्रों ने जहां पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाए और पुलिस की लाठियां खाईं, वहीं उनके संसदीय क्षेत्र काशी में प्रतिरोध मार्च निकाला और सभा की।

शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

BHU: VC के बुने जाल में फंसे सभी, ये था असली ‘एजेंडा’ (भाग-2)


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से उनका जुड़ाव और इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की राजनीति इसमें उनकी मदद भी कर रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के बिना यह पूर्ण रूप से संभव नहीं है। जरूरी है कि कुलपति महोदय अपनी ओर उनका ध्यान खींचे और पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर सकें। लेकिन, कैसे? यही उनके लिए चुनौती थी...
शिव दास
त 21-27 सितंबर। यही वह अवधि थी जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में नियुक्तियों और पदोन्नतियों के लिए साक्षात्कार चल रहा था। विश्वविद्यालय प्रशासन पर नियुक्तियों में धांधली का आरोप भी लगे रहे थे। वंचित समुदाय के छात्र मनमाने ढंग से की जा रही नियुक्तियों को लेकर पिछले दो महीने से विरोध-प्रदर्शन कर विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्रतिनिधित्व का अधिकार मांग रहे थे और विश्वविद्यालय प्रशासन की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय समेत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उससे जवाब मांगा था। संसद की पिछड़ा वर्ग समिति ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन से नियुक्तियों में धांधली और प्रतिनिधित्व के संवैधानिक अधिकार पर जवाब तलब किया था। सबसे महत्वपूर्ण बात इसी एक सप्ताह की अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार छीनने वाला था और दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी कोशिश नाकाम हो चुकी थी।

गुरुवार, 28 सितंबर 2017

BHU: VC के बुने जाल में फंसे सभी, ये था असली ‘एजेंडा’-भाग-1

दरअसल इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी बतौर कुलपति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दूसरा कार्यकाल चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एड़ी-चोटी तक जोर लगा दी थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जब उन्हें विश्वास हो गया कि उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलेगा तो उन्होंने आलाकमान के सामने अपने वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा जो उन्हें मिल गई। उन्होंने इसका फायदा भी बखूबी उठाया...
शिव दास
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छेड़खानी और उसके बाद उपजे हालात पर कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का अड़ियल रवैया अनायास नहीं था। यह उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था! इसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों समेत पत्रकार, नेता, पुलिस, प्रशासन और सरकार, सभी फंस गए। पिछले एक महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन की गतिविधियों की पृष्ठभूमि में छिपे हालात और छात्राओं के आंदोलन के बाद कुलपति की गतिविधियां कुछ ऐसा ही इशारा कर रही हैं।

सोमवार, 25 सितंबर 2017

BHU: तानाशाह कुलपति के निजी गुंडों ने छात्राओं पर पहले बरसाईं लाठियां, फिर बुलाई फोर्स

कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी, मुख्य आरक्षाधिकारी ओ.एन.सिंह और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संयुक्त रूप से रची थी पुलिस फोर्स के बल पर  छात्राओं के आंदोलन को कुचने की साज़िश!
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार की रात कुलपति लॉज के सामने आंदोलनकारी छात्राओं पर कुलपति के निजी गुंडों (सुरक्षाकर्मी) ने ही पहले लाठियां बरसाई थीं जिसमें करीब आधा दर्जन छात्र एवं छात्राएं घायल हो गये। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सूचना देकर भारी संख्या में पुलिस फोर्स बुलाई। कुछ ही देर में जिलाधिकारी सैकडों की संख्या में पुलिस फोर्स लेकर लंका स्थित सिंह द्वार पर धरना दे रही छात्राओं समेत छात्रों और मीडियाकर्मियों पर टूट पड़े। कुछ ही देर में सिंह द्वार खाली हो गया और छात्राओं को महिला महाविद्यालय की चहारदीवारी के अंदर कैद कर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन के अंदर मौजूद विश्ववसनीय सूत्रों की मानें तो छात्राओं के आंदोलन को खत्म कराने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति और मुख्य आरक्षाधिकारी समेत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से ये रणनीति बनाई थी।