मंगलवार, 13 जुलाई 2021

बनारस में योगी आदित्यनाथ को हिस्ट्री शीटर की 'सलामी', दिनदहाड़े प्लम्बर की गोली मारकर हत्या

मुख्यमंत्री के आने से करीब चार घंटे पहले हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने घटना को दिया अंजाम। लोहता थाना क्षेत्र के कराकतपुर गांव की घटना। हत्या, हत्या का प्रयास और साजिश के तहत पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर। मामले में हल्का प्रभारी निलंबित। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। लोहता थाना क्षेत्र के हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने आज सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कानून व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दे डाली। बनारस में मुख्यमंत्री के पहुंचने से करीब चार घंटे पहले उसने लोहता थाना क्षेत्र के कराकतपुर गांव में दिनदहाड़े तैंतीस वर्षीय प्लम्बर कन्हैयालाल प्रजापति की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया। दिनदहाड़े हुए इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने परिजनों संग वाराणसी-भदोही राज्यमार्ग जाम कर दिया और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। 

वहीं, लोहता थाना पुलिस ने मृतक के भाई दिलीप प्रजापति की तहरीर पर हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ साजिश, हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमित वर्मा ने हल्का प्रभारी अभिषेक कुमार राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

घटना स्थल जहां कन्हैया लाल प्रजापति को गोली मारी गई थी।
लोहता थाना में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक कराकतपुर गांव निवासी प्लम्बर कन्हैया लाल प्रजापति आज सुबह करीब नौ बजे अपने मित्र इलियास के साथ घर से बाजार की ओर जा रहे थे। इसी बीच लोहता थाना का हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह और उसके साथी शुभम सिंह ने गांव स्थित इंग्लिश मीडियम कंपोजिट स्कूल के पास कन्हैया लाल प्रजापति पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। इसमें जंसा थाना क्षेत्र के बड़ौरा बाजार निवासी निजामुद्दीन का बेटा इलियास भी गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। 

मृतक कन्हैयालाल के भाई दिलीप प्रजापति की तहरीर पर दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कन्हैया लाल की हत्या एक साज़िश के तहत की गई है जिसमें गांव की प्रधान पुष्पा देवी के पति प्रमोद सिंह, कमलेश सिंह, मुकेश सिंह और शुभम सिंह का नाम शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शुभम सिंह के ललकारने के बाद ही हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने कन्हैया लाल प्रजापति को गोली मारी थी। फिलहाल पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा-302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 120बी (साजिश) के तहत कुल छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 

इसमें पांच लोग अखिलेश सिंह, शुभम सिंह, प्रमोद सिंह, कमलेश सिंह और मुकेश सिंह नामजद हैं जबकि एक अज्ञात है। फिलहाल मामले की जांच लोहता थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह खुद कर रहे हैं लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। हालांकि पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। 

वहीं, दिनदहाड़े हुई घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने परिजनों संग वाराणसी-भदोही मार्ग जाम कर दिया जिससे अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने जाम खत्म कर दिया। 

बनारस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहुंचने से करीब चार घंटे पहले हुई इस घटना से सकते में आई वाराणसी पुलिस के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमित वर्मा भी घटना स्थल पर पहुंचे। उसके बाद उन्होंने हल्का प्रभारी अभिषेक कुमार राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। 

मृतक कन्हैयालाल प्रजापति के पिता श्याम नारायण प्रजापति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी 15 जुलाई को बनारस में होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के मद्देनजर आज दोपहर बाद करीब पौने एक बजे वाराणसी पहुंचे। उनके पहुंचने से ठीक पौने चार घंटे पहले हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने प्लम्बर कन्हैया लाल प्रजापति की दिनदहाड़े हत्या कर उन्हें जरायम की दुनिया की 'सलामी' दे दी। मामले में मुख्य आरोपी और कराकतपुर गांव निवासी अखिलेश सिंह पुत्र संतोष सिंह उर्फ शिव सिंह उर्फ सतीश सिंह लोहता थाना के हिस्ट्री शीटरों में 19ए नंबर पर दर्ज है। लोहता थाने की दीवार पर लगे बोर्ड में इसका नाम 14वें नंबर पर है। लोहता थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह ने भी इसकी पुष्टि की। 


बता दें कि कराकतपुर गांव निवासी मनीष प्रजापति ने गत 19 नवंबर को आरोपी अखिलेश सिंह, मुकेश सिंह और बृजेश सिंह के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-323, 504, 506, 383, 384 और 385 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। यह एफआईआर एसीजीएम (चतुर्थ) की अदालत के आदेश पर लोहता पुलिस ने दर्ज किया था। मामले में मृतक कन्हैया लाल प्रजापति गवाह और पीड़ित भी थे। आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी। इसकी विवेचना हल्का प्रभारी उप-निरीक्षक अभिषेक कुमार राय ने की थी।
लोहता थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह
पुलिस के दावों की मानें तो मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इसके बावजूद हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह का खुलेआम घूमना और हत्या जैसी घटना को अंजाम देना लोहता थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है क्योंकि उस समय भी थाना प्रभारी उप-निरीक्षक विश्वनाथ प्रताप सिंह ही थे जो कन्हैया लाल प्रजापति की हत्या की जांच कर रहे हैं। 

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