शनिवार, 17 जुलाई 2021

प्लंबर हत्याकांडः मुख्य आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर, पीड़ित को नहीं मिली कोई सरकारी इमदाद

लोहता थाना क्षेत्र के कराकतपुर गांव में कन्हैया लाल की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी बृजेश कुमार सिंह को चुरामनपुर स्थित कृषि भवन के पास से किया गिरफ्तार। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। लोहता थाना क्षेत्र के कराकतपुर गांव में बत्तीस वर्षीय प्लंबर कन्हैया लाल प्रजापति की दिनदहाड़े हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अखिलेश सिंह ने शुक्रवार को पुलिस को चकमा देते हुए एससी-एसटी कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया जबकि मामले में एक अन्य आरोपी बृजेश कुमार सिंह को लोहता थाना पुलिस ने चुरामनपुर स्थित कृषि भवन के पास से गिरफ्तार किया। अभी भी तीन नामजद आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं, जिला प्रशासन के आश्वासनों के बावजूद पीड़ित परिवार को अभी कोई सहायता मुहैया नहीं कराई गई है। 

लोहता थाना क्षेत्र के चर्चित प्लंबर हत्याकांड में मुख्य आरोपी और हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने शुक्रवार को एक पुराने मामले में एससी-एसटी कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया और पुलिस देखती रह गई। हालांकि पुलिस ने इसी मामले में आरोपी उसके छोटे भाई बृजेश कुमार सिंह को चुरामनपुर स्थित कृषि भवन के पास से गिरफ्तार किया। लोहता थाना पुलिस के मुताबिक, आरोपी बृजेश ने प्लंबर की हत्या के लिए मुख्य आरोपी अखिलेश सिंह को अपनी मोटरसाइकिल मुहैया कराई थी। पूछताछ में बृजेश ने पुलिस को बताया कि अखिलेश सिंह ने घटना के दिन सुबह आठ बजे मुझसे मेरी बाइक मांगी थी, यह नहीं पता था कि वह हत्या को अंजाम देगा। पुलिस अभी भी मामले में नामजद अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

बनारस में योगी आदित्यनाथ को हिस्ट्री शीटर की 'सलामी', दिनदहाड़े प्लम्बर की गोली मारकर हत्या

लोहता थाना में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, कराकतपुर गांव निवासी प्लम्बर कन्हैया लाल प्रजापति गत मंगलवार की सुबह करीब नौ बजे अपने मित्र इलियास के साथ घर से बाजार की ओर जा रहे थे। इसी बीच लोहता थाना का हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह और उसके साथी शुभम सिंह ने गांव स्थित इंग्लिश मीडियम कंपोजिट स्कूल के पास कन्हैया लाल प्रजापति पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी। इसमें जंसा थाना क्षेत्र के बड़ौरा बाजार निवासी निजामुद्दीन का बेटा इलियास भी गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा था। 

बनारस: प्लंबर हत्याकांड में लाठी और बंदूक के बल पर प्रशासन ने 28 घंटे बाद कराया शव का अंतिम संस्कार

मृतक कन्हैयालाल के भाई दिलीप प्रजापति की तहरीर पर दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कन्हैया लाल की हत्या एक साज़िश के तहत की गई है जिसमें गांव की प्रधान पुष्पा देवी के पति प्रमोद सिंह, कमलेश सिंह, मुकेश सिंह और शुभम सिंह का नाम शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शुभम सिंह के ललकारने के बाद ही हिस्ट्री शीटर अखिलेश सिंह ने कन्हैया लाल प्रजापति को गोली मारी थी। फिलहाल पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा-302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 120बी (साजिश) के तहत कुल छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसमें पांच लोग अखिलेश सिंह, शुभम सिंह, प्रमोद सिंह, कमलेश सिंह और मुकेश सिंह नामजद हैं जबकि एक अज्ञात है। फिलहाल मामले की जांच लोहता थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह खुद कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में उसी दिन एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। 

वहीं, दिनदहाड़े हुई घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने परिजनों संग वाराणसी-भदोही मार्ग जाम कर दिया था। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने जाम खत्म किया था। बनारस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहुंचने से करीब चार घंटे पहले हुई इस घटना से सकते में आई वाराणसी पुलिस के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमित वर्मा भी घटना स्थल पर पहुंचे थे। उसके बाद उन्होंने हल्का प्रभारी अभिषेक कुमार राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। 

कन्हैया लाल का शव मिलने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने बुधवार को उनके घर के सामने सड़क पर रखकर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। साथ ही उन्होंने प्रशासन से मृतक कन्हैया लाल प्रजापति की पत्नी को सरकारी नौकरी देने, भरण-पोषण के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा देने, थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की थी। जिला प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचने उप-जिलाधिकारी (सदर) ने पीड़ित परिवार को करीब डेढ़ बिस्वा आवासीय भूमि पट्टा करने और 'मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना' के तहत पांच लाख रुपये देने का आश्वासन दिया था। हालांकि परिजनों ने ये सहायता तत्काल मुहैया कराने की बात कही थी लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था। दोपहर बाद उनकी अगुआई में पुलिस ने लाठी और डंडों के बल पर प्लंबर कन्हैया लाल प्रजापति के शव को अपने कब्जे में लेकर जबरन उनके परिजनों से उसका अंतिम संस्कार कराया था। खबर लिखे जाने तक पीड़ित परिवार को जिला प्रशासन की ओर से कोई भी सरकारी सहायता मुहैया नहीं कराई गई थी। 

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