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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

BHU UPDATE : धरनारत छात्रों को घसीटते हुए ले गई पुलिस, रिहाई के लिए छात्रों ने किया थाने का घेराव, देखें वीडियो

आशुतोष कुमार को हिरासत में लेती पुलिस
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर लंका स्थित सिंह द्वार पर पिछले पांच दिनों से दे रहे थे धरना। छात्र नेता आशुतोष कुमार ने बृहस्पतिवार से शुरू किया था आमरण अनशन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर लंका स्थित सिंह द्वार पर पिछले पांच दिनों से धरना दे रहे छात्रों को पुलिस आज सुबह करीब साढ़े छह बजे घसीटते हुए ले गई। इनमें आमरण अनशन पर बैठे छात्र नेता आशुतोष कुमार, अनुपम कुमार , सुमित यादव, पवन, अविनाश शामिल हैं। हिरासत में लिए जाने से पहले छात्रों और पुलिस प्रशासन के बीच हल्की झड़प भी हुई। छात्रों ने पुलिस प्रशासन से छात्रों की गिरफ्तारी से संबंधित नोटिस मांगा लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी। घटना की जानकारी होते ही सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने लंका थाने का घेराव कर दिया और छात्रों की तुरंत रिहाई की मांग की। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने धरनारत कुल आठ छात्रों को जबरन गिरफ्तार किया है। इनमें से कई छात्रों चोटित भी हुए हैं। 

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी- रविंद्र प्रकाश भारतीय

उन्नाव की घटना के विरोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालयों के छात्र समूह बीएचयू बहुजन ने मधुबन पार्क में किया प्रदर्शन। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों ने सूबे की बेटियों को प्रताड़ना, वंचना, उत्पीड़न एवं शोषण का पर्याय बना दिया है जो बेहद घृणित और दुःखद है। ऐसा लगता है कि सत्ता ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मठ बना दिया है और वंचित वर्गों की बेटियों को उसकी देवदासी। पूरे उत्तर प्रदेश में हत्या और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अपराधियों में कोई खौफ नहीं है। वे जब चाहते हैं, तब महिलाओं और बेटियों का रेप कर देते हैं और उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार सूबे में फिर से मंदिरों की देवदासी प्रथा लागू करने पर उतारू है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

जाति और धर्म की मूसलाधार जहरीली जड़ों में लिखी जा रही 'दुष्कर्म' की परिभाषा

मीडिया और सम्पूर्ण भारतीय समाज ने बिना जातीय प्रभाव के तीनों घटनाओं (दिल्ली, हैदराबाद और पालघर) की कड़ी आलोचना की लेकिन हाथरस की घटना में स्थितियां उलट गईं। अब यहां आरोपी सवर्ण और पीड़ित दलित है। अब उसी समाज के लोग, जो उपर्युक्त घटनाओं में तत्काल गोली मारने और फांसी देने की मांग सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर कर रहे थे, इस घटना में न्यायिक जांच कराकर दोषियों को सजा की मांग कर रहे हैं। निश्चय ही जांच होकर ही दोषियों को सजा होनी चाहिए लेकिन क्या यहां इसलिए जांच होनी चाहिए कि आरोपी सवर्ण हैं और पीड़ित दलित? 

written by अच्छे लाल प्रजापति

त्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बूलगढ़ी गांव निवासी दलित परिवार की लड़की गुड़िया (बदला हुआ नाम) के साथ कथित दुष्कर्म की घटना सुर्खियों में है। गत 14 सितम्बर को घटना घटित हुई। इसके बाद उसे थाने ले जाना, अलीगढ़ अस्पताल में भर्ती कराना, उपचार में विलम्ब होना, आठ दिन बाद लड़की का बयान दर्ज कराना, हालत बिगड़ने पर दिल्ली रेफर करना और दो दिन बाद 29 सितंबर को उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाना, परिवार के सदस्यों की अनुमति के बिना आधी रात को ही शव का अंतिम संस्कार कर देना कई सवाल खड़े करता है। फिर पुलिसकर्मियों द्वारा मीडियाकर्मियों, राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों के लोगों को बूलगढ़ी जाकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने से रोकना भी जिला प्रशासन की मंशा को संदेह के घेरे में लाता है। आरोप-प्रत्यारोप के बारे में आपसे बहुत कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है। हमारी चिन्ता इस बात को लेकर है कि जिस प्रकार से एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में जातीय सक्रियता उफान पर है, यह बहुत ही भयावह तस्वीर प्रस्तुत कर रही है।

रविवार, 24 मई 2020

प्रतापगढ़ में दबंग ब्राह्मणों ने कुर्मी समुदाय के किसानों पर किया जानलेवा हमला, सरदार सेना और कांग्रेस ने बताया जंगलराज

गोविंदपुर गांव में किसान का जला घर
अपना दल (सोनेलाल) ने हमलावरों पर कार्रवाई के लिए पुलिस में लगाई गुहार। पुलिस ने क्षेत्राधिकारी से मामले की जांच कराने की बात कही। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में  दबंग ब्राह्मणों ने शुक्रवार को कुर्मी समुदाय के किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने उनके घर फूंक दिए और पशुओं को भी जलाने की कोशिश की। इससे नाराज सरदार सेना और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। किसी ने जंगल राज बताया तो किसी ने कानून व्यवस्था खत्म होने की बात कही। वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के एमएलसी ने हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई।

शनिवार, 7 जुलाई 2018

‘तुम रं.. की औलाद है छाप दे सुबूत मैं दे रहा हूं तू रं.. की औलाद हो’

आजमगढ़ के कन्धरापुर थाना प्रभारी ने रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव को मोबाइल पर दी धमकी। ऑडियो वायरल। राजीव यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के पुलिस महानिदेशक और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को पत्र भेजकर की मामले की शिकायत।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में हुए पुलिस मुठभेड़ों पर सवाल उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता और रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव को उत्तर प्रदेश पुलिस ने धमकी दी है। राजीव यादव ने आजमगढ़ के कन्धरापुर थाना प्रभारी अरविंद यादव पर धमकी देने और अपशब्द करने का आरोप लगाते हुए एक ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल की है जिसमें फोन पर बात करने वाला व्यक्ति साफ कह रहा है-ठीक नहीं होगा जान लेना...सेहत के लिए ठीक नहीं होगा...इसे परामर्श समझो या धमकी जो भी समझते समझ लो...तुम्हारे घर पर आउंगा...मैं कल आ रहा हूं तुम्हारे घर...बचा लेना तो बताना भागो...आफिस कहा है ये बताओ तुम्हारा आफिस कहां है...रहते कहां हो...कल अगर नहीं आए तो ठीक नहीं होगा...कल शाम तक नहीं आए तो मुकदमा लिखूंगा...तुम रं-- की औलाद है...मैं कह रहा हूं तुम अपने बाप की औलाद नहीं हो...अगर फिर नाम छप गया तुम्हारे मंच से तुम अपने लिए खैर मत समझना...सुन लो राजीव होश में रहना होश में रहो दिमाग ठिकाने कर लो...ठीक नहीं होगा तुम्हारे लिए...।

रविवार, 20 मई 2018

BJP के पूर्व सांसद ने कोतवाली में की ‘एसपी की ऐसी-तैसी’ और दारोगा को बोला ‘मादर..द’, FIR दर्ज

बीजेपी नेता और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे राम सकल का दारोगा को गाली देते हुए वीडियो हुआ वायरल। 
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
मिर्जापुर। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम सकल का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह मिर्जापुर जिले के शहर कोतवाली के अंदर ‘एसपी की ऐसी-तैसी’ कर रहे हैं। साथ ही फतहा पुलिस चौकी प्रभारी अश्वनी त्रिपाठी और अन्य पुलिसकर्मियों को भद्दी-भद्दी गालियां देकर बीजेपी की सत्ता का धौंस दिखा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने दारोगा अश्वनी त्रिपाठी की तहरीर पर शहर कोतवाली में बीजेपी नेता राम सकल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-147 (बलवा करने), 353 (सरकारी काम में बाधा डालने के लिए लोकसेवक पर हमला करना), 504 (गाली-गलौज कर अपमानित करना) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है। 

बुधवार, 19 जुलाई 2017

EXCLUSIVE: वाराणसी में पुलिस ने दलित शिक्षिका को ‘जूता-चप्पलों की माला पहनाई और नंगा घुमाया’

लंका थाना पुलिस ने पीड़ता की तहरीर में उल्लेखित आरोपों को दरकिनार कर मनमुताबिक धारा में दर्ज किया एफआईआर।
Reported by राजीव कुमार मौर्य, विधि संवाददाता
वाराणसी। अवैध वसूली, उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के गैर-कानूनी कारनामों में बदनाम उत्तर प्रदेश पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। लंका थाना पुलिस ने अपने यहां दर्ज एफ.आई.आर. में दलित उत्पीड़न की शिकार महिला शिक्षिका को ना केवल जूता-चप्पलों की माला पहनाई, बल्कि उसे नंगा तक घुमा दिया जबकि पीड़िता ने अपनी तहरीर में कहीं भी इन शब्दों का जिक्र नहीं किया है।

रविवार, 16 अप्रैल 2017

भाजपा विधायक को सुरक्षा दिलाने के लिए पुलिस ने नाबालिग को बनाया बालिग, खूंखार कैदियों के साथ भेजा जेल

विधायक साधना सिंह
नाबालिग के परिजनों ने विधायक और पुलिस पर साज़िश के तहत फंसाने का लगाया आरोप।
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। चंदौली पुलिस द्वारा नाबालिग को बालिग बनाकर खूंखार कैदियों के साथ जेल भेजने का मामला प्रकाश में आया है। आरोपों की मानें तो पुलिस ने भाजपा की क्षेत्रीय विधायक को सुरक्षा और पब्लिसिटी दिलाने के लिए इसे अंज़ाम दिया है।

बुधवार, 2 नवंबर 2016

पुलिस की पिटाई से रिहाई मंच के महासचिव का सिर फटा, हालत गंभीर

भोपाल में कथित पुलिस मुठभेड़ में आठ कैदियों की सामुहिक हत्या में सरकार और पुलिस की भूमिका को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे थे कार्यकर्ता। 
वनांचल न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भोपाल में कथित पुलिस मुठभेड़ में जेल से फरार आठ कैदियों की सामुहिक हत्या के खिलाफ स्थानीय जीपीओ के सामने प्रदर्शन कर रहे रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बुधवार को जमकर लाठियां भांजी जिसमें संगठन के महासचिव राजीव यादव समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि पुलिस ने मंच के महासचिव राजीव यादव को इस कदर पीटा कि उनका सिर फट गया। उन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वहीं मंच के कार्यकर्ता शकील कुरैशी भी घायल हुए हैं।

बुधवार, 13 अगस्त 2014

मौनी बाबा की गिरफ्तारी को लेकर सामाजिक और महिला संगठनों ने किया प्रदर्शन

लखनऊ के जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन
करते सामाजिक एवं महिला संगठनों के कार्यकर्ता
अमेठी में एक नाबालिक का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला। प्रदर्शनकारियों ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की...

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

लखनऊ। अमेठी में एक नाबालिग युवती का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने और उसे बेचने के षडयंत्र में शामिल होने के आरोपी तांत्रिक मौनी बाबा समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर विभिन्न सामाजिक और महिला संगठनों ने बुधवार को स्थानीय जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। साथ ही उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग भी की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित ज्ञापन हजरतगंज परिक्षेत्र के क्षेत्राधिकारी को सौंपा जिन्होंने उसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

धरने के दौरान सामाजिक और महिला कार्यकर्ताओं ने बलात्कार के आरोपी मौनी बाबा को गिरफ्तार करो, बलात्कारियों को बचाने वाले अमेठी के पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त करे, अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर धारा-166ए के तहत मुकदमा दर्ज करो, नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने और बेचने की साजिश रचने के आरोपियों पर पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज करो आदि के नारे भी लगाए। 

धरने के दौरान प्रदर्शनकारी बलात्कार के आरोपी अमेठी के मौनी बाबा की आपराधिक भूमिका की सीबीआई जांच कराओ, तांत्रिक मौनी बाबा के खिलाफ बलात्कार करने का एफआईआर दर्ज क्यों नहीं, सपा सरकार जवाब दो, नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने वाले मौनी बाबा को बचाने वाले अमेठी एसपी को तत्काल बर्खास्त करो आदि के नारे लिखी तख्तियां भी लिए थे।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर बयानबाजी करते हुए कहती है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और अपनी जिम्मेदारी न निभाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी ओर अमेठी मामले में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति शासन और प्रशासन की उदासीनता और पूरे प्रकरण में उसकी आपराधिक संलिप्तता उजागर होती है। हफ्तों बीत जाने के बाद भी मौनी बाबा और अन्य के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रही है। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह पीड़िता के बेचे जाने की साजिश का खुलासा हो रहा है, वह हैरत में डालने वाला है। मीडिया माध्यमों में पीड़िता के हवाले से बताया गया कि कई अन्य लड़कियों को वहां से नासिक और पुणे ले जाकर बेचा गया है। इससे इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि यह पूरा मामला मानव तस्करी और देह व्यापार से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यह जरुरी हो जाता है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।

धरने में महिला संगठन एडवा की नेता मधु गर्ग, एपवा की नेता ताहिरा हसन, अखिल भारतीय किन्नर महासभा की सोनम किन्नर, वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह, रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुएब, नागरिक परिषद के नेता राम कृष्ण, इंजीनियर एजाज, पिछड़ा समाज महासभा के नेता एहसानुल हक मलिक, इंडियन नेशनल लीग के उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, सैयद मोईद, मजदूर नेता केके शुक्ला, डॉ. अली अहमद, जैद अहमद फारुकी, वासिफ शेख, मेघा सेवा संस्थान की मेघा, नदीम, फैज, मीना सोनी, नसरीन, फैजान मुसन्ना, जिया इमाम चैधरी, संजोग बाल्टर, ज्योती राय, गुफरान सिद्दीकी, राशिद, पत्रकार शिव दास प्रजापति, अखिल विकल्प, शाहनवाज आलम और राजीव यादव शामिल रहे।