रविवार, 24 मई 2020

प्रतापगढ़ में दबंग ब्राह्मणों ने कुर्मी समुदाय के किसानों पर किया जानलेवा हमला, सरदार सेना और कांग्रेस ने बताया जंगलराज

गोविंदपुर गांव में किसान का जला घर
अपना दल (सोनेलाल) ने हमलावरों पर कार्रवाई के लिए पुलिस में लगाई गुहार। पुलिस ने क्षेत्राधिकारी से मामले की जांच कराने की बात कही। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में  दबंग ब्राह्मणों ने शुक्रवार को कुर्मी समुदाय के किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने उनके घर फूंक दिए और पशुओं को भी जलाने की कोशिश की। इससे नाराज सरदार सेना और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। किसी ने जंगल राज बताया तो किसी ने कानून व्यवस्था खत्म होने की बात कही। वहीं, अपना दल (सोनेलाल) के एमएलसी ने हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई।

घटना स्थल से मिली जानकारी और आरोपों के मुताबिक गोविंदपुर निवासी कुर्मी समुदाय के नन्हें वर्मा के खेत में पड़ोसी गांव धुंई निवासी ग्राम प्रधान राम आसरे तिवारी और अन्य लोगों के पशु आकर उनकी फसल चर जाते थे। पीड़ितों ने इसकी शिकायत गुरुवार को धुंई गांव के ग्राम प्रधान के बेटे अनिल तिवारी से की तो करीब दो दर्जन लोग गोविंदपुर आकर हंगामा किये लेकिन ग्रामीणों के सामुहिक विरोध की वजह से उस दिन वहां से चले गए। शुक्रवार को घुई गांव के दबंग ब्राह्मणों ने गोविंदपुर के किसानों के घरों पर जानलेवा हमला बोल दिया। इसमें किसान परिवार के कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गया। हमलावरों ने किसानों के घरों को भी फूंक दिया और पशुओं को जलाने की कोशिश की। 


वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि गोविंदपुर के ग्रामीणों ने धूुंई गांव के प्रधान के दो बेटों की जमकर पिटाई कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस पर भी पथराव किया गया। धुंई गांव के ब्राह्मण समुदाय के लोगों का आरोप है कि रामआसरे तिवारी के खेत में पड़ोसी गांव गोविंदपुर के नन्हें वर्मा की गाय चली गई थी। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया था। दावा यह भी किया जा रहा है कि शुक्रवार को इस मामले को लेकर परसद गांव में पंचायत थी। पंचायत में धूईं प्रधान के बेटा अनिल तिवारी भी मौजूद था। पंचायत में विवाद सुलझने के बाद अनिल घर जा रहा था।

राम आसरे तिवारी के पक्ष के लोगों का आरोप है कि गांव के सोनेलाल, रामसुख वर्मा, रमेश वर्मा समेत तीन दर्जन लोगों ने अनिल तिवारी, ललित तिवारी, विवेक और अभिषेक को पीटकर लहुलूहान कर दिया। आरोप है कि हमलावरों ने पिटाई के दौरान उनके कीमती सामान भी छीन लिए और फायरिंग करते हुए चले गए।

गोविंदपुर गांव में दिन-दहाड़े घटी इस घटना से नाराज सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमा शंकर प्रसाद सिंह उर्फ डॉ. आरएस पटेल ने सूबे की राज्य सरकार और उसमें शामिल कुर्मी नेताओं पर हमला बोल दिया। उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए फेसबुक पर लिखा, "कोरोना काल में यूपी का जंगलराज/रामराज्य चरम पर..! प्रतापगढ़ के गोविंदपुर में पटेलों के दर्जनों घरों में ब्राह्मणों ने लगा दिया आग। गाड़ियां और पशु जलकर खाक, चली गोलियां, दर्जनों लोग घायल..! BJP का प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव पटेल, यूपी की राज्यपाल पटेल,  BJP की सहयोगी पार्टी की नेता अनुप्रिया पटेल। फिर भी अत्याचार, तो लानत है ऐसे नेताओं और BJP के अंडभक्त पटेलों तुम्हारी गुलामी पर..! कभी मौर्य, कभी कुर्मी, कभी यादव कभी प्रजापति/दलित जैसे लोगों पर मनुवादियों का लगातार अत्याचार जारी है। यही BJP के पिछड़ों दलितों के नेताओं की नपुंसकता की निशानी है।" साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर इस कांड में पिछड़ों को न्याय नहीं मिला तो सरदार सेना आंदोलन करेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।


गुजरात में कांग्रेस पार्टी के नेता हार्दिक पटेल ने भी घटना के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश में जंगलराज कायम होने की बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "उ.प्र. में प्रतापगढ़ ज़िले के गोविंदपुर, टेहुआ, परसधे गाँव में दबंगो ने पटेलों के घर जला दिये हैं। घर का सारा सामान, अनाज एवं कई जानवर जल गए हैं, उल्टा प्रशासन द्वारा पीड़ितों को परेशान किया जा रहा है। प्रदेश में जंगलराज कायम है। कृपया सरकार इस मामले में निष्पक्ष कार्यवाही करे।" 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव मनोज यादव ने भी घटना को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, "प्रतापगढ़ में पिछड़े वर्ग के पटेल बिरादरी के लोगों के ऊपर सामंतों गुंडों द्वारा जानलेवा हमला और उनके घर जलाए जाने तथा प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवारों पर ही मुकदमा दर्ज किए जाने की कांग्रेस पार्टी निंदा करती है और तत्काल दबंगों को गिरफ्तार करने और उनको सजा देने की मांग करती है।" उन्होंने आगे कहा है कि लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में लगातार पिछड़े और वंचित तबके के लोगों के ऊपर जानलेवा हमले, हत्याएं और अमानवीय घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। इसकी रोकथाम में उत्तर प्रदेश सरकार पूर्णतः विफल है। चंदौली, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, संभल, आगरा और अब प्रतापगढ़ में जिस तरीके से वंचित तबकों पर प्राण घातक हमले हो रहे हैं, उससे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज खत्म हो गया है। अपराधियों के हौसले बुलंद है और वर्चस्ववादी लगातार अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

वहीं अपना दल (सोनेलाल) के नेता और एमएलसी आशीष पटेल ने न्याय के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस से गुहार लगाई है। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों को ट्विवट करते हुए लिखा है, "प्रतापगढ़ ज़िले के पट्टी थाने के घुई ग्राम में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से ग्रामीणो के घर के साथ बेज़ुबान जानवर भी जला दिए गए ।दहशत के मारे ग्रामीण घर छोड़कर भाग गए है।पुलिस को निस्पक्ष कार्यवाही हेतु निर्देशित कर न्याय दिलाने का कष्ट करे।"

आशीष पटेल के ट्विट के जवाब में प्रतापगढ़ पुलिस ने लिखा है, "उक्त प्रकरण में क्षेत्राधिकारी पट्टी को मामले की जांच/विधिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है।"


पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह का कहना है कि कुछ लोगों ने एक-दो पत्थर फेंके थे। किसी पुलिसकर्मी को चोटें नहीं आई हैं। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालात काबू में हैं।

पट्टी कोतवाली पुलिस ने बवाल के मामले में धूुंई गांव के प्रधान पुत्र अनिल तिवारी की तहरीर पर गोविंदपुर गांव के सोनेलाल, रामसुख वर्मा, रमेश वर्मा समेत 12 लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। घटना के बाद प्रधान पुत्र ने कार्रवाई की मांग को लेकर तहरीर दी थी। वहीं, पुलिस द्वारा 24 लोगों को हिरासत में लिये जाने की बात कही जा रही है।




1 टिप्पणी:

  1. आपने बहुत ही सही जानकारी लेकर समाचार लिखा है, उक्त घटना को लेकर जनता दल यूनाइटेड के तरफ से मैंने भी तत्काल ले टि्वटर पर लिखा और प्रशासन को टैग भी किया, आपको बहुत बहुत बधाई

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