गुरुवार, 28 मई 2020

JNU की प्रोफेसर सोना झरिया मिंज बनीं सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की पहली आदिवासी महिला कुलपति

Prof. Sano Jharia Minz
प्रो. सोना झरिया मिंज़
मिंज़ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कम्प्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर हैं और जेएनयू शिक्षक संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं... 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाली झारखंड की हेमंत सरकार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कम्प्यूटर साइंस विभाग की प्रोफेसर और जेएनयू शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष प्रो. सोना झरिया मिंज को दुमका स्थित सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है। मिंज पहली आदिवासी महिला हैं जिन्हें राज्य में किसी विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है। 

बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सरकार ने 10 जनवरी 1992 को झारखंड (तत्कालीन बिहार) के दुमका में सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। झारखंड के आदिवासियों के हक-ओ-हुकूक के लिए संघर्षशील झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाली राज्य सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रो. सोना झरिया मिंज़ को दुमका स्थित सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त कर राज्य को पहली आदिवासी महिला कुलपति दिया है। मिंज़ भारत के विश्वविद्यालयों के इतिहास में किसी विश्वविद्यालय की पहली आदिवासी महिला कुलपति हैं। आदिवासी समुदाय से आने वाले प्रो. के.के. नाग रांची विश्वविद्यालय और प्रो. टीवी कट्टीमणी मध्य प्रदेश के अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। 

प्रो. मिंज़ ने तमिलनाडु के तम्बरम स्थित क्रिश्चियन कॉलेज से गणित में स्नातकोत्तर किया है। उसके बाद वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) आ गईं। उन्होंने यहां से कम्प्यूटर साइंस में एमफिल और पीएचडी की उपाधि हासिल की। जेएनयू में अध्यापन शुरू करने से पहले उन्होंने मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय और तमिलनाडु के मदुरई स्थित मदुरई कामराज विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अध्यापन किया। वह करीब 28 सालों से जेएनयू में बतौर शिक्षक पढ़ा रही हैं। प्रों. मिंज़ जेएनयू शिक्षक संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। प्रोफेसर सोना झरिया मिंज झारखंड आंदोलन के मशहूर नेता निर्मल मिंज की बेटी हैं।

आदिवासी समुदाय से आने वाली प्रो. मिंज़ के कुलपति बनने पर वंचित समूहों के छात्रों और बुद्धिजीवियों ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर खुशी जाहिर की है और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

'गोंडदाना स्वदेश' के संपादकीय बोर्ड के सदस्य मुलायम सिंह यादव लिखते हैं, "माननीय लालू यादव द्वारा 1992 में स्थापित सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में JNU की स्कूल ऑफ कम्प्यूटर ऐंड सिस्टम साइंस की आदिवासी प्रोफेसर सोना झरिया मिन्ज़ का कुलपति बनना सच में हम सबके लिए सुखद खबर है।आज इस विश्वविद्यालय को खोलने के पीछे माननीय लालू जी का सपना साकार होता हुआ दिख रहा है। अपने क्रांतिकारी पुरखों के नाम पर समाजवादियों द्वारा स्थापित यह विश्वविद्यालय संभवतः सोना झरिया मैडम के नेतृत्व में सामाजिक न्याय और समावेशी चरित्र को प्राप्त करेगा। #Sonajharia मैडम को दिली मुबारकबाद।"

दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर नवीन गौर लिखते हैं, "जेएनयू शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष प्रो. मिंज़ एक महान शिक्षक और अद्भुत व्यक्ति हैं। उनके पास वंचितों के अधिकारों के संघर्ष की महान विरासत है। प्रो. मिंज़ को बधाई।"

काशी हिन्दू  विश्वविद्यालय में वनस्पति विभाग के प्रो. आरएन खरवार और छपरा स्थित जय प्रकाश  विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. दिनेश पाल ने भी सोशल मीडिया पर प्रो. मिंज को सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का कुलपति बनाए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। 

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