सोमवार, 4 जनवरी 2021

उत्पीड़न, उपेक्षा और भागीदारी से नाराज कुम्हारों ने वाराणसी में किया मंथन, चुनावों में सामुहिक ताकत दिखाने का लिया संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर कुम्हार समुदाय के चुनिंदा बुद्धिजीवियों, सामाजिक चिंतकों और राजनेताओं की बैठक। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। मैनपुरी में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाने समेत उत्तर प्रदेश में कुम्हार समुदाय के लोगों पर हो रहे हमलों में सरकारी उपेक्षा और उन पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों की खामोशी से नाराज पूर्वांचल के कुम्हारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों के दौरान दो वैचारिक बैठकें कीं। इनमें उन्होंने सरकार और सरकारी तंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मंथन किया। साथ ही उन्होंने आगामी चुनावों में संगठित होकर अपनी ताकत का अहसास सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों समेत विपक्षी पार्टियों को दिखाने का संकल्प लिया। 

देश की पहली महिला शिक्षिका के रूप में चर्चित सावित्री बाई फुले की जयंती के मौके पर रविवार को प्रजापति स्वाभिमान एकता मंच और प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) ने संयुक्त रूप से रामनगर के शांति कुंज लॉन में एक वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें कुम्हार समुदाय के करीब सौ लोगों ने भाग लिया। इनमें कुम्हार समुदाय, चिकित्सक, अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक आदि भी शामिल हुए।

विचार गोष्ठी में मौजूद कुम्हार समुदाय के लोग

विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि और पूर्वांचल के जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञ (इंडोक्राइन सर्जन) डॉ. ओम प्रकाश प्रजापति ने कहा कि समाज के लोगों में शिक्षा का अभाव है। इसकी वजह से समाज के लोगों में राजनैतिक और सामाजिक चेतना का अभाव है। सक्षम लोगों को आपस में संगठित होकर समाज के युवाओं को शिक्षित करना होगा। तभी समाज की भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी।

बतौर मुख्य अतिथि विचार गोष्ठी को संबोधित करते इंडोक्राइन सर्जन डॉ. ओम प्रकाश प्रजापति

वैचारिक गोष्ठी में अशोक कुमार प्रजापति, पीएस4 प्रमुख छेदी प्रसाद निराला, डॉ. सुशील कुमार प्रजापति, करौंता बाजार व्यपार मंडल के अध्यक्ष कन्हैया लाल प्रजापति, माटी कला बोर्ड के सदस्य गणेश प्रजापति, इंजीनीयर रमेश चौधरी, राधेरमण प्रजापति, ऊर्जांचल प्रजापति महासंघ के संरक्षक चेखुर प्रजापति, श्वेता प्रजापति, मीना चक्रवाल, संजय कुमार प्रजापति, आरपी प्रजापति, अरविंद प्रजापति, अभय कुमार प्रजापति, स्वाभिमान एकता मंच के संस्थापक रुद्रेश प्रजापति आदि ने भी अपने विचार रखे। 

वक्ताओं ने गोष्ठी में मौजूद लोगों को संगठित होकर समाज के उम्मीदवार को मतदान करने का आह्वान किया। साथ ही लोगों ने कुम्हार समुदाय केंद्रित राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को एक मंच पर आकर कुम्हार समुदाय की ताकत दिखाने की बात कही। गोष्ठी में प्रमुख रुप से डॉ. सुरेश प्रजापति, इंजीनियर वीके विजय, शोधार्थी अजय प्रजापति, राजेश प्रजापति, शोभनाथ प्रजापति, सागर प्रजापति आदि लोग मौजूद रहे। 

गोष्ठी में श्रीमती मीना चक्रवाल का स्वागत करतीं श्वेता प्रजापति

वहीं, शनिवार को करौंता में कुम्हार समुदाय के करीब सत्तर बुद्धिजीवियों, सामाजिक चिंतकों और राजनीतिज्ञों ने एक गोपनीय बैठक की। इसमें उन्होंने सत्ता और सरकारी तंत्र समेत व्यवसाय में कुम्हार समुदाय के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के मुद्दे पर करीब पांच घंटे तक मंथन किया। साथ ही उन्होंने समाज को संगठित करने की रणनीति और चुनावों में सामुहिक रूप से अपनी ताकत दिखाने की पहल पर मंथन किया। 

करौता बाजार में हुई बैठक की तस्वीर

इस बैठक में प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति के प्रमुख छेदीलाल निराला, स्वाभिमान एकता मंच के संस्थापक रुद्रेश प्रजापति, प्रजापति (कु.) हितकारिणी सभा लल्लापुरा के पूर्व महामंत्री कृपा शंकर प्रजापति, प्रजापति अंतरविश्वविद्यालयी छात्र समूह (PIUS) के डॉ. धर्मराज प्रजापति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रजापति छात्र समूह (PRABHU) के अजय प्रजापति, प्रजापति टास्क फोर्स, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के चुन्नीलाल प्रजापति, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी (पी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम चंद प्रजापति, भारतीय समता समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहिंद्र कुमार प्रजापति शामिल हुए थे। इनके अलावा पूर्वांचल में कुम्हार समुदाय के सक्रिय बुद्धिजीवी, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी और राजनेता शामिल हुए थे। 

करौता बाजार में कुम्हार समुदाय के लोगों की बैठक में बतौर अध्यक्ष संबोधित करते पुनवासी प्रजापति


करौता बाजार में कुम्हार समुदाय की बैठक में शामिल लोग

करौता बाजार में कुम्हार समुदाय की बैठक में शामिल लोग


5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर आयोजन किया गया। आप सभी साथियों का जोश देखकर लगता है कि अब दिल्ली दूर नहीं है।
    जय भारत जय रत्नप्पा

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  2. बेबाक रिपोर्टिंग। बुद्धिजीवियों में बौखलाहट और उदीप्त होकर धारदार बनेगी ऐसी आशा इनके कार्यक्रमों ने बढ़ाई है।

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  3. बहुत ही शानदार प्रयास। ऐसे हि अनवरत चिन्तन से जरूर जरूर जमीनी हकीकत में तब्दीली भी दिखेगी। साधुवाद सभी सज्जनों को जिन्होंने इस नायाब प्रयास को हकीकत में तब्दीली लाए।

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  4. इस तरह का प्रयास और गतिविधियों का समाज मे सकारात्मक प्रभाव पढ़ना चाहिए। मुझे आशा है कि।समाज प्रथम और राजनीति दूसरे स्थान पर।रहनी चाहिए। प्रजापति नेतृव आज प्रजापति लोगो पर होने वाली जातिगत, आर्थिक और सांस्कृतिक हिंसा पर फ़ेल हो चुका है। हम सबको इस कमी को दूर कर सशक्त और प्रभावी नेतृव को आगे लाने का प्रयास करना चाहिए।

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