शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

बाबू जगदेव प्रसाद की जयंती पर काशी में सामाजिक आंदोलनों की वैचारिकता पर उठे सवाल

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। बिहार के लेनिन के नाम से मशहूर और सामाजिक न्याय के प्रणेता बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा की जयंती के अवसर पर भारतीय समता परिवार और शोध पत्रिका 'उन्मेष' ने शुक्रवार को असि घाट पर 'वर्तमान में सामाजिक जनांदोलनों की वैचारिकता' विषय पर संयुक्त रूप से संंगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने सामाजिक आंदोलनों मेंं बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा की भूमिका पर प्रकाश डाला और वर्तमान मेें सामाााजिक आंदोलनों की वैचारिकता को भी कटघरे में खड़ा किया। 

जगदेव बाबू को याद करते हुए वक्ताओं ने उनके विचारों की प्रासंगिकता पर सारगर्भित बातचीत की।उन्होंने कहा कि समाज को जगाने और जोड़ने के लिए जगदेव बाबू ने जीवन भर संघर्ष किया। उनके जीवन के विविध पक्षों को  (आंदोलन से पत्रकारिता तक)विद्वानों द्वारा रेखांकित किया गया।राममनोहर लोहिया,राम स्वरूप  वर्मा, कर्पूरी ठाकुर जैसे समकालीन नेताओं से उनके संबंधों पर भी चर्चा हुई ।इसी बहाने देश-विदेश की राजनीति पर भी चर्चा हुई जिसे उनकी प्रासंगिकता से जोड़ कर देखा गया।

वक्ताओं के क्रम में डॉ साकेत कुशवाहा, डॉ ओमशंकर यादव, डॉ राकेश मौर्य, अफलातून जी, डॉ आदेश कुमार,  डॉ शशिकेष गौंड़,सुदामा कुशवाहा,साधना जी तथा युवा वक्ताओं की ओर से रामदयाल, निर्मला वर्मा फूलवदन कुशवाहा, सुनील कश्यप,रामायण पटेल,मंगला प्रसाद पटेल,अशोक मौर्य,अरविंद कुशवाहा, प्रवीण यादव, रवीन्द्र भारतीय, मिथिलेश बौद्ध, रमेश कुशवाहा,  अनुज गुप्ता, आदि ने अपने विचार रखे। 
कार्यक्रम में संतोष, उमाकांत, कुणाल,कुलदीप,विकास, जगनारायण जी, पुरुषोत्तम जी, सौरभ, मंगल, जितेन्द्र, सुकेश, आशीष, रणधीर, रामवचन, हरिश्चन्द्र, पृथ्वीराज, प्रमोद, अरविंद, चाँदनी, शैलेन्द्र आदि उपस्थित रहे। सब का स्वागत विजेन्द्र मीणा तथा संचालन डॉ प्रभात महान ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शिवेन्द्र मौर्य द्वारा दिया गया।

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