शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

सोनभद्र में ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ कार्यक्रम ने ली छात्रा की जान

मानव श्रृंखला में सहभागिता करते हुए राबर्ट्सगंज के विधायक
 भूपेश चौबे और छात्र-छात्राएं। फोटो साभार-फेसबुक।
जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय के आह्वान पर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता की मजबूती के लिए 130 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला का किया गया था आयोजन।
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
सोनभद्र। ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज कराने के लिए जिले में आयोजित 130 किलोमीटर लंबी ‘मानव श्रृंखला’ ने शुक्रवार को एक छात्रा की जान ले ली। छात्रा का नाम बबीता पुत्री संंजय बताया जा रहा है जो प्राथमिक पाठशाला बरवन में पांचवीं कक्षा में पढ़ती है। मानव श्रृंखला जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय के आह्वान पर जिला प्रशासन ने आयोजित किया था।  

शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता की मजबूती के लिए जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों और सत्ताधारी भाजपा के नेताओं ने एड़ी-चोटी एक कर दिया था। विभागीय अधिकारियों और सत्ताधारी भाजपा के नेताओं के दबाव में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक पिछले कई दिनों से इसकी तैयारियों मे जुटे थे। शुक्रवार को वे जिला प्रशासन द्वारा पूर्व निर्धारित मार्गों पर छात्र-छात्राओं को लेकर पहुंचने लगे। इसके लिए वे मासूमों को 14-14 किलोमीटर तक पैदल चलाया। 
रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बहुअरा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर विद्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर हिन्दुआरी मोड़ तक पैदल ही गए। वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर दुर्घटनाओं से हो रही मौतों से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय इस राजमार्ग को ‘किलर रोड’ तक कह चुका है। हिन्दुआरी मोड़ के पास ही मानव श्रृंखला में शामिल होने गई बरवन प्राथमिक पाठशाला की पांचवीं की छात्रा बबीता को ट्रैक्टर ने कुचल दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए संयुक्त जिला चिकित्सालय भेजवा दिया। गौरतलब है कि जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय इस मानव श्रृंखला के माध्यम से सोनभद्र का नाम लिम्का गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कराना चाहते हैं जबकि सोनभद्र में शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य भ्रष्ट और लापरवाह नौकरशाही की भेंट चुका है।
उधर, पीयूसीएल उत्तर प्रदेश के प्रदेश सदस्य सचिव और अधिवक्ता विकास शाक्य ने सोशल साइट ‘फेसबुक’ पर पोस्ट के माध्यम से अनिता की मौत के लिए जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि अनिता मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए बरवन से हिन्दुआरी जिला महोदय के आदेश पर ही आई थी और दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। इस मौत की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को लेनी चाहिए और फौरी तौर पर परिजनों को कम से कम 10 लाख रुपये का मुआवजा परिजनों को दी जानी चाहिए। 
उधर, कांग्रेस की जिला इकाई के महासचिव धीरज पांडेय समेत दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वे मृतक छात्रा के परिजनों के लिये मुआवजे की मांग कर रहे थे।

वही, स्वराज अभियान ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। संगठन ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह जिला प्रशासन द्वारा अपनी रेटिंग बढाने के लिए किये गए इस प्रदर्शन की वजह से यह घटना हुई है। ग्रीनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में नाम लिखाने की धुन आजकल बड़े पैमाने पर इस देश में चल रही । स्वच्छता अभियान की सच्चाई यह है कि अभी भी सोनभद्र जनपद में बहुत सारे मलिन बस्तियां और गांव ऐसे हैं जहां आज तक शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है और लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं खुद विकास भवन यदि देखा जाए तो उसमें गंदगी का अंबार लगा हुआ है । जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय के बगल में बना हुआ शौचालय बुरी तरह से गन्दा पड़ा हुआ है और लगभग यही हाल अन्य कार्यालयों का भी है।
बसपा की युवा इकाई के सदस्य आशुतोष गुप्ता ने भी मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है।

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