मंगलवार, 23 जनवरी 2018

भाषायी भेदभाव के खिलाफ काशी में प्रधानमंत्री कार्यालय पर प्रतियोगी छात्रों ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिविजन) की मुख्य परीक्षा में भाषा के प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी के साथ हिन्दी भाषा के सवालों को शामिल करने की मांग...
वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो
वाराणसी। उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में भाषा के आधार पर हो रहे भेदभाव और अवसर की बाध्यता को लेकर ‘काशी न्यायिक सेवा समानता मंच’ के बैनर तले सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने आज रविन्द्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय पर प्रदर्शन किया और लंका स्थित सिंह द्वार से प्रधानमंत्री कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। 

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिविजन) की मुख्य परीक्षा में भाषा के प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी भाषा का 200 अकों का प्रश्न-पत्र होता है। हिन्दी माध्यम के प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की तुलना में कम अंक प्राप्त होते हैं। इससे हिन्दी माध्यम के छात्रों का चयन घटता जा रहा है। छात्रों ने कहा कि अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रतियोगी छात्रों ने केंद्र सरकार समेत आयोग से मांग की है कि भाषा के प्रश्नपत्र में अंग्रेजी के साथ हिन्दी को भी शामिल किया जाए और दोनों के अंक समान हों। साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) की परीक्षा में चार अवसर की बाध्यता को भी समाप्त करने की मांग की है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आयोग से न्यायिक परीक्षाओं का आयोजन नियमित रूप से कराने की भी मांग की।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक मांग-पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय प्रभारी को सौंपा। प्रदर्शन करने वाले छात्रों में प्रमुख रूप से श्याम बाबू मौर्य, प्रकाश सिंह, अरविंद चौधरी, पुष्पेंद्र यादव आदि शामिल रहे। 

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