शनिवार, 16 जुलाई 2022

'बनारस' जंक्शन की पहली वर्षगांठ पर बनारसियों ने रचा इतिहास, केक काटकर मनाया जन्मदिन

शहर के उद्यमियों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने पूरी भव्यता-दिव्यता के साथ मनाया 'बनारस' जंक्शन की पहली वर्षगांठ।

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। वाराणसी नगर उद्योग व्यापार मण्डल ने शुक्रवार की शाम महमूरगंज इलाके के निराला नगर कालोनी स्थित तेरापंथ भवन में  'बनारस' जंक्शन की पहली वर्षगांठ मनाई। इस मौके पर मंडल के पदाधिकारियों और सदस्यों ने सामुहिक रूप से केक काटा और जन्मदिन के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया। 

पहली सालगिरह पर सजा 'बनारस'फोटो                      साभारः चंदन रुपानी

बता दें कि 2015 में मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर "बनारस" किए जाने का  सुझाव सोशल मीडिया के माध्यम से सर्वप्रथम वरिष्ठ पत्रकार एके लारी द्वारा किया गया था | लारी का ये सुझाव  सभी को रास आ गया।  सोशल मीडिया पर इस मुहिम का दायरा बढ़ता गया। शासन-प्रशासन के अलावा दिल्ली देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक बात पहुंच गई। 

बनारस जंक्शन पर सालगिरह मनाने पहुंचे बनारस के लोग

बनारस के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मुहिम को हाथों-हाथ लिया। नतीजा हुआ कि बनारस के रहने वाले और तत्कालीन रेलराज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान गाजीपुर में मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर 'बनारस' करने का ऐलान कर दिया। इस ऐलान से मुहिम के साथियों का हौसला और बढ़ गया। मुहिम और तेज हो गयी। आभासी दुनिया के लाखों साथी इसके हिस्सेदार बन गये। 

निराला नगर स्थित तेरापंथ भवन में केक काटते वरिष्ठ पत्रकार एके लारी एवं अन्य लोग

फिर वह समय भी आया जब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल के शुरू में एक दिन नोटिफिकेशन जारी कर दिया कि मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बनारस होगा। फिर तमाम प्रक्रियाओं के बाद 15 जुलाई 2021 की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। इस दिन बनारसियों को 'बनारस' नाम का माइल स्टोन मिल गया।

बनारस जंक्शन के जन्मदिन के कार्यक्रम में अपने अनुभव के साझा करते वरिष्ठ पत्रकार एके लारी

बनारस के लोगों ने पहली वर्षगांठ के कार्यक्रम के आयोजन को बनारस स्टेशन परिसर में बहुत ही शानदार तरीके से मनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। पूर्वोत्तर रेलवे मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी रामाश्रय पांडे ने सहमति देते हुए स्थान का आवंटन भी कर दिया था। हालांकि विभागीय जटिलताओं के कारण परिसर में वर्षगांठ समारोह नहीं हो पाया |  रेलवे का यह फैसला सुनकर लोगों का मन दुखी तो हुआ पर सभी ने तय किया कि वे हार नहीं मानेंगे। भले ही रेलवे अपने परिसर में सालगिरह न मनाने दे, कोई बात नहीं, वे कहीं और मनाएंगे। साथ ही यह बता देंगे बनारसी हार नहीं मानते। जो ठान लेते हैं उसे मूर्त रूप देकर ही छोड़ते हैं। 

कार्यक्रम में मौजूद लोग

कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रगान से हुआ। इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक एके लारी ने मंडुआडीह से बनारस नामांतरण का सफरनामा सबके साथ साझा किया। संस्था द्वारा अंगवस्त्रम से एके लारी का सम्मान किया गया | सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं विशिष्ट जनों ने केक काटकर वर्षगांठ मनाया।


 स्वागत शोभनाथ मौर्या, मनोज दुबे, राकेश मिढ्ढा, संचालन प्रतीक गुप्ता  व धन्यवाद ज्ञापन राजेश त्रिवेदी ने दिया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से केएन. सिंह, मदन मोहन कपिल, विकास चतुर्वेदी, गुलशन कपूर,मनोज रावत,शरद वर्मा,घनश्याम जायसवाल,विभूति नारायण सिंह,विजयशाह,कन्हैया लाल शर्मा,संजय बनर्जी,उत्कर्ष सिंह,राजू गोंड,कुलदीप गोंड,मनोज गोंड,मनोज सोनकर, दीपक गोंड, राधेश्याम गोंड,विकास,नन्द किशोर अरोड़ा,पंकज पटेल,योगेश वर्मा,सभासद शिवशंकर  यादव,सुनील चौरसिया,निर्मल यादव, सिन्धु सोनकर,सत्यार्थ भारती रिंकू, मिठाई लाल यादव ,सुमित मौर्या निक्की,रोहित पाठक, राजकुमार खरवार राजू , राजेश यादव, सुधीर जायसवाल, सौरभ सिंह मुन्ना,जयकिशन गुप्ता,चन्द्र प्रकाश,दीपक गुप्ता,महेश्वर सिंह,सौरभ चन्द्र,राजीव रंजन सिंह,कल्लू,अर्जुन बिंद, राधेश्याम गोंड आदि मौजूद रहे। 

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