बुधवार, 15 सितंबर 2021

कुम्हार अधिकार शौर्य महासम्मेलन में सत्ता के साथ विपक्ष पर बरसे कुम्हार, आबादी के अनुपात में मांगी हिस्सेदारी

देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार की जयंती पर प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) और प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS)समूह ने संयुक्त रूप से जगतपुर इंटर कॉलेज के मैदान में किया आयोजन। मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री वंशमणि वर्मा और उत्तर प्रदेश ग्राम विकास विभाग के सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक डॉ. वरदानी प्रजापति क्रमशः बतौर मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता हुए शामिल। कुम्हार महासभा के राजस्थान इकाई के प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा भी हुए शामिल। 

वनांचल एक्सप्रेस ब्यूरो

वाराणसी। भारतीय संविधान सभा के सदस्य, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री (गृह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति), पद्मश्री डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा कुम्भार की 113वीं जयंती पर जगतपुर इंटर कॉलेज के मैदान में आज कुम्हार (प्रजापति) अधिकार शौर्य महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। प्रजापति शोषित समाज संघर्ष समिति (पीएस4) और प्रजापति अंतर-विश्वविद्यालयी विद्यार्थी (PIUS)समूह द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से हजारों कुम्हार और उनके नेता शामिल हुए। इस दौरान वक्ताओं ने कुम्हार समुदाय के लोगों पर लगातार हो रहे हमलों पर चिंता जाहिर की। साथ ही उन्होंने कुम्हारों के उत्पीड़न, सुरक्षा और सरकार में भागीदारी के सवाल सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों समेत विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला बोला। कुम्हार नेताओं ने सरकारी तंत्र में कुम्हारों समेत वंचित जातियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी वर्गों की सभी जातियों की जातिवार जनगणना कराने और उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग की। वक्ताओं ने कुम्हार समुदाय के लोगों पर दबंग जातियों द्वारा किए जा रहे हमलों को तुरंत रोकने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वे बड़ा आंदोलन करने लिए मजबूर होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभिन्न सरकारों की होगी। 

कुम्हार अधिकार शौर्य महासम्मेलन में मंच पर मौजूद वक्ता एवं अतिथिगण

देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार के बारे में जानकारी देते हुए पीएस4 प्रमुख छेदीलाल प्रजापति 'निराला' ने कहा कि देशभक्त रत्नप्पा कुम्हार का पूरा नाम डॉ. रत्नप्पा भरमप्पा कुम्भार है। वह भारतीय संविधान सभा के सदस्य थे। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ भारतीय संविधान के अंतिम मसौदे पर हस्ताक्षर भी किया था। उनका जन्म 15 सितंबर 1909 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शिरोल तहसील क्षेत्र के नीमशीर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम भरमप्पा कुम्भार था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा कोल्हापुर स्थित राजाराम हाई स्कूल से ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने 1933 में कोल्हापुर स्थित राजाराम कॉलेज से अंग्रेजी विषय में स्नातक की उपाधि हासिल की। फिर वे कानून की पढ़ाई करने लगे। बाद में पुणे विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट की मानद उपाधि से भी नवाजा गया था। उन्होंने 1934 में पार्वती देवी से शादी की। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं।

महासम्मेलन में मौजूद महिलाएं

उन्होंने देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार के संघर्षों को बताते हुए कहा कि डॉ. रत्नप्पा ने 15 फरवरी 1938 को सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार माधवराव बागल और कवि दिनाकरा देसाई आदि के साथ मिलकर ‘प्रजापरिषद’ नामक संगठन की स्थापना की। इसके बैनरतले वे लोगों को रियासतों के शासकों के खिलाफ लामबद्ध करने लगे। उन्हें लोगों का समर्थन भी मिलने लगा था लेकिन कोल्हापुर रियासत के शासकों ने 8 जुलाई 1939 को उन्हें और देसाई को गिरफ्तार कर लिया। कोल्हापुर की रियासत ने उन पर जुर्माना लगाया। वहां से रिहा होने के बाद उन्होंने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में उन्होंने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसकी वजह से उन्हें छह साल तक भूमिगत भी रहना पड़ा था। स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति उनके समर्पण और कार्यों की वजह से लोगों ने उन्हें देशभक्त की उपाधि दे दी जिसकी वजह से उन्हें देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार कहा जाने लगा।

महासम्मेलन में मौजूद कुम्हार समुदाय के लोग

उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बताया कि देश की आजादी के बाद डॉ. रत्नप्पा ने 24 जनवरी 1950 को बॉम्बे प्रांत से भारतीय संविधान सभा के सदस्य के रूप में शपथ ली और भारतीय संविधान के अंतिम मसौदे पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ हस्ताक्षर किए। वह1950 में भारतीय संसद के सदस्य भी बने। वह 1952 में देश में पहली बार हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सदस्य (सांसद) के रूप में निर्वाचित हुए। वह विदेश मंत्रालय की स्थायी सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। उन्होंने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की स्थायी सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया।

मंच पर मौजूद डॉ. वरदानी प्रजापति एवं म. प्र. सरकार के पूर्व मंत्री वंशमणि वर्मा 

उन्होंने आगे कहा कि डॉ. रत्नप्पा कुम्हार ने महाराष्ट्र में सहकारिता आंदोलन और शिक्षा के क्षेत्र में में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। देशभक्त रत्नप्पा कुम्हार ने 1933 में शाहाजी लॉ कॉलेज, 1955 में पंचगंगा कोऑपरेटिव सुगर फैक्टरी, 1957 में डॉ. रत्नप्पा कुम्भार कॉलेज ऑफ कॉमर्स, 1960 में दादा साहेब मग्दम हाई स्कूल, 1961 में नव महाराष्ट्रा कोऑपरेटिव प्रिंटिंग एवं पब्लिकेश सोसाइटी लिमिटेड, 1963 में कोल्हापुर जनता सेंट्रल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर स्टोर्स, 1963 में रत्नदीप हाई स्कूल इचलकरांजी, 1968 में कोल्हापुर जिला शेतकारी वींणकारी सहकारी सूत गिरानी लिमिटेड, इचलकरांजी, 1971 में नाइट कॉलेज ऑफ आर्ट्स ऐंड कॉमर्स कोल्हापुर और 1975 में कोल्हापुर एल्यूमिना इंडस्ट्री (1975) की स्थापना की। 

कुम्हार अधिकार महासम्मेलन को संबोधित करते डॉ. मुकेश कुमार मालवीय

इचलकरंजी निवासी देशभक्त रत्नप्पा कुम्हार महाराष्ट्र विधानसभा में शिरोल विधान परिषद सीट से करीब 28 साल तक विधायक रहे। वह 1962 से 1982 तक लगातार 20 साल तक विधान परिषद में शिरोल का प्रतिनिधित्व करते रहे। वह 1974 से 1978 तक महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भी रहे। 1982 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि समाज सेवा के क्षेत्र उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1985 में उन्हें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा। वह 1990 में एक बार फिर से शिरोल विधानसभा से निर्वाचित हुए और अपनी मृत्यु तक विधायक रहे। उनकी मृत्यु 23 दिसंबर 1998 को हार्ट अटैक की वजह से हो गई थी। वह 1995 में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष भी बने थे। कोल्हापुर में उनके नाम पर देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार कॉलेज ऑफ कॉमर्स (1957) का संचालन आज भी होता है। वह उसके संस्थापक अध्यक्ष थे। नागपुर के कांप्टी में रामदास खोपे ने देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार विद्यालय की स्थापना भी की है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री वंशमणि वर्मा (प्रजापति), बतौर मुख्य वक्ता और उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास विभाग के सेवानिवृत्त अपर महानिदेशक डॉ. वरदानी प्रजापति, राजस्थान से आए कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विधि संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मुकेश कुमार मालवीय, करौंता बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष कन्हैया लाल प्रजापति, पीएस4 के संरक्षक और समाजसेवी चेखुर प्रसाद प्रजापति, पीएस4 के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी महादेव प्रजापति, पीएस4 महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रीता प्रजापति, ऊंर्जांचल प्रजापति महासंघ के जिलाध्यक्ष राधा मोहन प्रजापति, पूर्वांचल के जाने माने इंडोक्राइन एवं ब्रेस्ट कैंसर विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश प्रजापति, बरेका प्रजापति कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष इंजीनियर वीके विजय, वंचित आवाम मोर्चा में शामिल भारतीय समता समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहिन्दर कुमार प्रजापति, राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी के संयोजक और मिर्जापुर के पूर्व परिवहन आयुक्त चुन्नी लाल प्रजापति, लोकप्रिय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद प्रजापति आदि मंच पर मौजूद हैं।। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रशासन के सेवानिवृत्त अपर जिलाधिकारी डॉ. राम नयन प्रजापति कर रहे हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पीएस4 के जिला मीडिया प्रभारी राजेश कुमार प्रजापति, जीउत लाल प्रजापति, सुभाष प्रजापति, घनश्याम प्रजापति, वीरेंद्र प्रजापति, राकेश प्रजापति, नीबू प्रजापति, भुवाल प्रजापति, उमा शंकर प्रजापति, राज कुमार प्रजापति, रोशन कुमार प्रजापति, आनंद कुमार प्रजापति, सोहन लाल प्रजापति, वीरेंद्र कुमार प्रजापति, रामजी प्रजापति, हौशिला प्रजापति, अखिलेश प्रजापति, मोहित प्रजापति, राम समुझ प्रजापति, राम आशीष प्रजापति, मंगलदीप प्रजापति, योगेंद्र प्रजापति, दिलीप कुमार प्रजापति, बालक प्रसाद, शंकर प्रजापति, उत्तर प्रजापति, भरतलाल प्रजापति, पन्ना लाल प्रजापति, नंदा प्रसाद शास्त्री, संजय कुमार प्रजापति, भुवाल यादव, सुनील कुमार प्रजापति, राम राज प्रजापति, बलवंत प्रजापति आदि समेत  करीब पांच से छह हजार लोग मौजूद हैं।

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